- दैनिक जागरण आईनेक्स्ट में हेल्थ सर्टिफिकेट के स्टिंग आपरेशन में हुए खुलासे के बाद मचा हड़कंप

- सीएमओ या एसआईसी के सामने उपस्थित होने के बाद ही बनेगा सर्टिफिकेट

GORAKHPUR: अब बिना सीएमओ या फिर सीएमओ द्वार नामित अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत हुए किसी भी कैंडिडेट्स का हेल्थ सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जाएगा। यही नहीं अब कोई भी मेडिकल आफिसर बिना जांच-पड़ताल के हेल्थ सर्टिफिकेट नहीं जारी करेगा। यह फैसला सीएमओ डॉ। सुधाकर प्रसाद पांडेय व एसआईसी डॉ। एसी श्रीवास्तव ने ज्वाइंट मीटिंग में डिसीजन लिया है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के 3 फरवरी के अंक में पेज नंबर 3 पर 'सीएमओ के नाक के नीचे फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट' शीर्षक से खबर प्रकाशित किया गया। खबर प्रकाशित प्रकाशित होने के बाद जहां पूरे दिन चर्चा का विषय बना रहा। वहीं सीएमओ दफ्तर में तैनात सभी क्लर्क को सीएमओ ने कड़ी फटकार लगाते हुए फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट के बनाए जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। चाय काफी पिलाने वाले फोर्थ ग्रुप इंप्लाईज को इस काम में संलिप्त पाए जाने पर सीधे संविदा समाप्त करने की हिदायत दी है। यहां तक की दलालों के एंट्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही एक चार सदस्यीय कमेटी भी बनाई गई है, जो इस मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

जारी था धनउगाही का खेल

बता दें, पिछले कई महीने से सीएमओ दफ्तर में फर्जी ढंग से मेडिकल सर्टिफिकेट बनाए जाने का खेल जारी था। सीएमओ दफ्तर में तैनात मेडिकल आफिसर भी जेब गर्म करते रहे। सीएमओ और एसीएमओ कोविड ड्यूटी में व्यस्त रहे और क्लर्क एजुकेशन में लगने वाले हेल्थ सर्टिफिकेट में धन उगाही का खेल करते रहे। लेकिन अब इस मामले में सीएमओ डॉ। सुधाकर प्रसाद पांडेय व एसआईसी डॉ। एसी श्रीवास्तव ने बताया कि इस तरह के हेल्थ सर्टिफिकेट जारी नहीं किए जाएंगे। असहले के रिन्यूवल या वरासत में भी लगने वाले हेल्थ सर्टिफिकेट बनाए जाने से पहले जांच पड़ताल होने के बाद ही हेल्थ सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। एसआईसी डॉ। एसी श्रीवास्तव ने बताया कि दैनिक जागरण आईनेक्स्ट अखबार में खबर प्रकाशित होने के बाद मामले को संज्ञान में लेते हुए नियमानुसार हेल्थ सर्टिफिकेट बनाए जाने का निर्देश जारी किया गया है। अगर कोई भी मेडिकल ऑफिसर या क्लर्क इस तरह के कार्य में संलिप्त पाया जाता है तो उसे विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।

Posted By: Inextlive