साहब, सिर्फ दो रोड पर ही 1500 गड्ढे
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- 15 जून तक सभी सड़कों के गड्ढे भरे जाने के सीएम ने दिया था आदेश - इक्का-दुक्का जगहों पर ही हो पाई पैचिंग, अधिकतर रोड की हालत पहले जैसी saurabh.upadhyay@inext.co.in GORAKHPUR: प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने की डेडलाइन गुरुवार को खत्म हो गई लेकिन सीएम सिटी में सड़कों का हाल वैसा ही है, जैसा कि आदेश आने से पहले था। इक्का-दुक्का जगहों पर पैचिंग कर मरम्मत का कोरम पूरा कर लिया गया, लेकिन उन स्थानों पर भी बारिश के बाद फिर से गड्ढे नजर आने लगे हैं। जिस तरह रोड का हाल है, उसे देखकर यह नहीं लगता कि इस महीने भी यह सड़कें गड्ढा मुक्त हो सकेंगी। आई नेक्स्ट ने गुरुवार को शहर की कुछ प्रमुख सड़कों का हाल जाना। अधिकतर की हालत ऐसी है कि तय करना मुश्किल है कि गड्ढे में सड़क है या सड़क में गड्ढे हैं।करीमनगर रोड: 3 किमी में 3000 गड्ढे
रोजाना आने-जाने वाले: करीब एक लाख मरम्मत का इंतजार: पांच साल सेतीन साल पहले इसी रास्ते से लोग मानबेला में आयोजित पीएम नरेंद्र मोदी की जनसभा को सुनने गए थे। फिलहाल हाल यह है कि यहां से गुजरना यानी हॉस्पिटल पहुंचना तय है। रोड उबड़-खाबड़ है जिसकी मरम्मत नहीं हो सकी है। मरम्मत की हालत यह है कि नगर निगम इस रोड को अवस्थापना निधि में डालता है, लेकिन मीटिंग के पहले ही रोड निधि से बाहर हो जाती है। इस एरिया के पार्षद चंदू पासवान का कहना है कि पहले इस रोड पर सिर्फ आसपास के मोहल्लों के लोगों की आवाजाही थी लेकिन जब से नकहा ओवरब्रिज बना है, इस रोड पर लोड बढ़ गया है।
एल्युमिनियम फैक्ट्री रोड : 1 किमी में 1000 गड्डे रोजाना आने-जाने वाले: 50 से 60 हजार मरम्मत का इंतजार: 10 साल से पिछले 10 साल से यह रोड बनी ही नहीं। हड़हवा फाटक से शुरू होकर एचएन सिंह चौराहा तक जाने वाला यह रास्ता जगह-जगह टूट चुका है। दो माह पहले नगर निगम ने कुछ जगहों पर बड़ी गिट्टी और मिट्टी डालकर रोड भर दी लेकिन अब ये गिट्टियां भी लोगों के लिए जानलेवा साबित होने लगी हैं। स्थिति यह है कि अगर दिन में तीन बार कोई व्यक्ति बाइक से इधर आ जाए तो कमर दर्द से परेशान हो जाएगा। सूरजकुंड एरिया रोड: 500 मी। में 500 गड्ढे रोजाना आने-जाने वाले: करीब एक लाख यहां टुकड़ों में बनी है रोडयहां हर गली में रोड का स्वरूप बदल जाता है। कुछ दूर चलने पर प्लेन रोड अचानक गड्ढों में बदल जाती है। सूरजकुंड पुलिस चौकी के पास रोड अच्छी है, लेकिन जैसे ही निरंकारी भवन के सामने पहुंचेंगे गड्ढे दिखने लगेंगे। सूरजकुंड ओवरब्रिज के नीचे आवास विकास कॉलोनी में तो उतरते ही करीब पांच इंच गहरे गड्ढे मिल जाएंगे। वहीं, तिवारीपुर आवास विकास कॉलोनी की स्थिति यह है कि रोड का ऊपरी लेयर ही गायब हो गया है।
---------- इन एरियाज में भी सड़कें बदहाल -इलाहीबाग से घासीकटरा तक जाने वाला रास्ता पूरी तरह जर्जर हो गया है। इस रास्ते पर हर साल पैचिंग होती है, लेकिन निर्माण नहीं होता है। -ग्रीन सिटी फेज दो से लेकर सरस्वती विद्या मंदिर तक, बशारतपुर में दो सड़क, आजाद चौक से दुर्गा मंदिर जाने वाला रास्ता भी पूरी तरह से जर्जर हैं। -इसके अलावा एक दर्जन से अधिक ऐसी कॉलोनियां हैं, जहां लोगों को डेली गड्ढों में सफर तय करना पड़ता है। --------- कॉलिंग नगर निगम को रोड बना देनी चाहिए, लेकिन जिम्मेदार पब्लिक को सुविधा नहीं देते। सीएम सिटी की सड़कों की यह स्थिति है तो बाकी जगह क्या उम्मीद की जाए। - राकेश कुमार, दुकानदार15 जून भी आ गया लेकिन रोड को देखकर कोई भी इस बात का अंदाजा लगा सकता है कि अधिकारी सीएम के आदेश को कितना मानते हैं। शहर की अधिकांश सड़कों पर केवल गड्ढे ही गड्ढे हैं।
- आलोक सिंह विशेन, सोशल वर्कर शासन के निर्देश की हवा निकालने में ही नगर निगम के जिम्मेदार लगे रहते हैं। 15 जून की बात तो दूर 30 जून के बाद भी शहर की सड़कों की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आने वाला है। - सत्यप्रकाश गुप्ता, व्यापारी शहर की सड़कें चलने लायक नहीं है और जो चलने लायक हैं, उन पर अतिक्रमण हो गया है। ऐसे में पब्लिक को परेशानी तो होती है, लेकिन वह अपना दर्द किससे सुनाएं। विशाल गुप्ता, स्टूडेंट वर्जन नगर निगम ने काफी सड़कों की मरम्मत कर ली है। सड़कों के गड्ढे भरने का कार्य लगातार चल रहा है। 15 जून सारी सड़कों को ठीक कर दिया जाए, यह कोशिश की गई लेकिन बारिश की वजह से काफी काम प्रभावित हुआ है। रबीस चंद, प्रभारी नगर आयुक्त व मुख्य कर निर्धारण अधिकारी