डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी को भले ही ए प्लस-प्लस ग्रेड मिल चुका है लेकिन यहां की सुविधाएं बिल्कुल भी ऐसी नहीं हैं. यहां के स्टूडेंट्स समस्याओं से जूझ रहे हैं.


गोरखपुर (ब्यूरो)।कैंपस और हॉस्टल में पीने का पानी नहीं है। तो वहीं दो-दो एग्जाम देने के बाद भी रिजल्ट का अता-पता नहीं चल रहा है। ऐसी व्यवस्था के बाद भी फीस में इजाफा कर दिया गया है, जबकि गवर्नमेंट स्कूल होने के बाद भी स्टूडेंट्स को स्मार्टफोन नहीं मिल सका है। ऐसी ही प्रॉब्लम की लंबी फेहरिस्त है, जिससे स्टूडेंट्स रोजाना दो-चार हो रहे हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए उनकी प्रॉब्लम्स को जानने की कोशिश की। वहां उनका सारा दर्द सामने आया। ट्िवटर पर रिएक्शनArun Yadav @arunyadavdmसमस्याएं तो बहुत हैं लेकिन सबसे बड़ी समस्या की बात करें तो 'पीने योग्य ठंडा पानी ही नहीं हैÓShakti Pratap Singh @Singhshaktipt


सबसे बड़ी समस्या जल तो है ही परंतु रिजल्ट भी न मिलना एक समस्या हैं क्योंकि ये साल खत्म होने वाला है और रिजल्ट नहीं मिला। ऐसा ही हुआ तो नए सत्र में एडमिशन नहीं ले पाएंगे।Aradhana Pathak @Aradhanw20100099पानी और बिजली की समस्या है।Prince Tiwari - socialactivist @journoprinceशुल्क, परीक्षा और परिणाम इन तीनों का आपस में कोई सामंजस्य नहीं है।कभी अचानक से फीस बढ़ जाती है, तो कभी अचानक से परीक्षा की तिथि घोषित हो जाती। परिणाम से कुछ लेना देना ही नहीं है। Sushant Sharma @Sushant38975363

गोरखपुर विश्वविद्यालय के कला संकाय में एक वाहन पार्किंग की व्यवस्था होनी चाहिए। कड़ी धूप में जो बच्चे पेपर देने या क्लास करने जाते हैं। आने-जाने में बहुत समस्याएं होती है। धूप लगने की वजह से प्रतिदिन बच्चों की तबीयत खराब हो रही है।Suraj maurya chanchal @Surajmauryachanगोरखपुर विश्वविद्यालय की सबसे बड़ी समस्या परीक्षा परिणाम का देरी होना। शुद्ध पेयजल की पूरे कैंपस में व्यवस्था नहीं है, विश्वविद्यालय के छात्रावास में 3 महीनों से पीने का पानी नही है। मेस शुल्क जमा कर लिया गया है लेकिन मेस नहीं चल रहा।mobius @aamirraza036संक्षिप्त में कहा जाए तो 'अनियमितताÓ और 'अनिश्चितताÓ। फीस कब बढ़ जाए नहीं पता। परिणाम कब घोषित होंगे? नहीं पता। आरटीआई का जवाब कब मिलेगा? नहीं पता।gaurav verma @gauravv70742669एक लिस्ट बना दे वह भी कम पड़ जाएगा। बाकी ए++ जिंदाबाद। तुम्हारे फाइलों हमारे गांव का मौसम गुलाबी हैं। ये आकड़े झूठे हैं ये दावे किताबी हैं।rishi_Pandey @Rishike44840172रिजल्ट की गड़बड़ी है। जानबूझ कर बच्चों को फेल किया जा रहा है। सबसे बड़ी समस्या तो फिलहाल यही है। Chandrapal Singh Yadav @ichandrapalYवर्तमान में गर्मी अपने चरम पर है, तपन तेज है और कैंपस में शुद्ध पेयजल की बहुत ही बड़ी समस्या है।

Arun Kumar Mishra @IamArunMishravविश्वविद्यालय द्वारा 19 अप्रैल को नोटिस जारी की गई कि परास्नातक थर्ड सेमेस्टर का रिजल्ट जारी कर विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। लेकिन आज 29 अप्रैल तक किसी भी विषय का रिजल्ट दिखना तो दूर यहां तक कि अभी लिंक ही नहीं दिख रही है। फेसबुक रिएक्शनAditya Kumar Tripathiसबसे बड़ी समस्या है कि दिसंबर में छात्रावास के लिए रजिस्टे्रशन किया गया पर अभी तक छात्रावास मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। वहीं गेट के पास लगे वॉटर कूलर में पानी नहीं आता। स्टूडेंट्स को खरीदकर पानी पीना पड़ता है। Zahid Mahfoozएक सेमेस्टर में तीन पेपर की पढ़ाई हो ही नहीं पाती।वॉट्सएप रिएक्शनहर्षिता - एमएड फस्र्ट सेमेस्टर का रिजल्ट नहीं आया और सेकेंड सेमेस्टर के एग्जाम होने जा रहे हैं। चांदनी पांडेय - कॉलेज के स्टूडेंट्स को स्मार्टफोन और टैबलेट मिल गया है। मगर यूनिवर्सिटी में किसी को भी नहीं मिला। मोहित - यहां सरकारी के नाम पर बीटेक प्राइवेट चल रहा है। बीटेक वालों को बीएससी के टीचर्स पढ़ा रहे हैं, उनको बीएससी के साथ कंपेयर किया जा रहा है। अरूण कुमार मिश्रा -
सत्र समाप्ति पर है और अभी तक विश्वविद्यालय छात्रावासों का आवंटन नहीं करा पाया है। फाइनल ईयर छात्रों को मुश्किल से 2 महीने रहना है और विश्वविद्यालय द्वारा 2 महीने की मेस फीस को जमा कर आवंटन कराने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।

Posted By: Inextlive