Gorakhpur : नोट पेपर की करेंसी पर सिगनेचर बनाना मोबाइल नंबर लिखना अपनी पहचान देना अब महंगा पड़ सकता है. यदि आरबीआई ने अपने इस फैसले को लागू किया तो ऐसा शौक रखने वाले परेशानी में पड़ जाएंगे. यह उनके लिए एक बड़ा खतरा है जिनको नोट पर लिखने की आदत होती है. लेकिन गवर्नमेंट अपने इस फैसले को एक जनवरी से लागू करे इसके पहले नोट को बचाने की मुहिम शुरू हो गई. इसके लिए होम मिनिस्ट्री के ऑफिस में कार्यरत एक क्लर्क ने सोशल साइट्स को अपना हथियार बनाया है.


कोई नाम तो कोई सिगनेचर, कोई लिखता है नंबर नोट पर लिखने की आदत काफी पुरानी है। लोग नोट पर कुछ भी लिखने में संकोच नहीं करते। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि नाम, मोबाइल नंबर और संख्या लोग लिख देते हैं। ऐसे में नोट पर कई तरह की लिखावट सामने आती है। इससे नोट देखने में खराब हो जाता है। कई बार नकली नोट की आशंका में लोग देने वाले का नाम खुद से लिख देते हैं। बिजनेसमैन ऐसा करते नजर आ जाते हैं। एफबी पर शुरू की मुहिम, बचाएं नोट
नोट पर कुछ भी लिखने से उसको खराब माना जाएगा। आरबीआई ने एक जनवरी से यह नियम लागू करने का फैसला लिया है। उसका मानना है कि इससे नोट को साफ- सुथरा रखने के साथ मुद्रा का सम्मान बना रहेगा। आरबीआई के इस फैसले के लागू होने के पहले सोशल साइट्स पर नोट को सेफ रखने का कैंपेन शुरू हो गया है। गृह मंत्रालय में बतौर क्लर्क तैनात राहुल भट्ट सहित कई लोगों ने फेसबुक पर नोट को बचाने की मुहिम छेड़ी है। नोट क्लीन पॉलिसी के तहत यह किया जा रहा है। इसका कोई सर्कुलर नहीं आया है। नोट की सुंदरता और लाइफ बचाने में मदद मिलेगी। गोपाल प्रसाद, रीजनल मैनेजर, एसबीआई

Posted By: Inextlive