डेंगू से लड़ने की तैयारी ताकि मौत का सबब न बने बीमारी
लोगो- क्या हम तैयार हैं
- जिला अस्पताल में रिजर्व किए गए वार्ड, मेडिकल कॉलेज भी तैयार - ग्रामीण एरियाज के स्वास्थ्य केंद्रों पर भी मुकम्मल व्यवस्था GORAKHPUR: मौसम बदलने के साथ ही आप अपनी आदतें बदलने के लिए तैयार हो जाइए। इस मौसम में गंदगी की वजह से मच्छरों का प्रजनन बढ़ जाता है, ऐसे में उनसे होने वाली बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ जाता है। इनसे बचने के लिए जरूरी है कि हम पहले से ही तैयार रहें। उधर, मच्छरों से होने वाले रोग, खासकर डेंगू को लेकर स्वास्थ्य प्रशासन अलर्ट हो गया है। जिला अस्पताल में इसके लिए अलग वार्ड रिजर्व कर दिए गए है वहीं मेडिकल कॉलेज ने भी तैयारी पूरी कर ली है। बेहतर उपचार के लिए दवाइयां, जांच कीट पहले से ही रख ली गई हैं। ब्लड व प्लेटलेट्स रखने के निर्देशअस्पताल प्रशासन ने घातक बीमारी से निपटने के लिए ब्लड बैंक के जिम्मेदारों को निर्देश दिया है कि वह पहले से ही ब्लड और प्लेटलेट्स अपने यहां रिजर्व कर ले। जिससे मरीज को इलाज के दौरान किसी प्रकार की परेशानी न हो। हालांकि जिला अस्पताल प्रशासन के अफसरों का कहना है कि बीमारी को देखते हुए जांच कीट उपलब्ध करा ली गई है। वहीं प्लेटलेट्स व मच्छरदानी भी रखने को कहा गया है। डॉक्टर्स को भी इससे निपटने के लिए नसीहत दी गई है।
तो जानिए हो गया डेंगू - बुखार होना, शरीर में दर्द और सिर दर्द होना - पेट दर्द, उल्टी और भूख न लगना - पेट में और शरीर में सूजन - उल्टी होना या दस्त में खून आना - शरीर पर लाल निशान या चकत्ते पड़ना - श्वांस लेने में दिक्कत होना क्या करें - डेंगू बुखार एडिज एजिप्टाई नामक मच्छर के काटने से होता है। - मच्छर साफ पानी में अंडे देता है। - मकान, दफ्तर, प्रतिष्टानों के कूलर, ओवर हेड टैंक, पानी से भरे गमले, टायर, पानी के लिए बने हौदियों व अन्य एकत्रित हुए पानी के स्थानों में एकत्रित साफ पानी को सप्ताह में एक बार जरूर बदल दें। - डेंगू बुखार के रोगी को दवाओं के प्रयोग में सर्तकता बरते - बुखार होने की दशा में पैरासीटामाल की गोली ले - पानी की पट्टियों को प्रयोग किया जाए व तत्काल चिकित्सक की सलाह लें। क्या न करें - घरों के आस-पास पानी एकत्रित न होने दें। - डेंगू बुखार के रोगी को बिना मच्छरदानी के न रहने दें।- डेंगू बुखार के रोगी को एस्प्रीन, ब्रुफेन व कार्टीसोन औषधि का उपयोग कदापि न करने दें।
- गंभीर दशा में मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर उपचार कराया जाएं। पिछले साल अस्पतालों में यहां से आए इतने मरीज गोरखपुर - 101 देवरिया- 52 कुशीनगर- 42 महराजगंज-16 बस्ती- 03 संतकबीरनगर- 07 सिद्धार्थनगर - 06 बिहार - 28 गाजीपुर- 01 बलिया- 01 इसके अलावा एलाईजा पाजीटिव के 45 मरीज आए। वर्जन बदलते मौसम में डेंगू की आशंका को लेकर वार्ड में 12 बेड आरक्षित कर लिए गए है। जरूरत के हिसाब से बेड बढ़ाए जाएंगे। जांच कीट, दवाइयां और ब्लड भी रख लिया गया है। बीमारी से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। - डॉ। एचआर यादव, एसआईसी जिला अस्पताल एडिज एजिप्टाई नामक मच्छर के काटने से डेंगू होता है। यह मच्छर साफ पानी में पनपता है। इससे बचने के लिए लोगों को अवेयर होने की जरूरत है। साफ-सफाई पर ध्यान दें। पानी का ठहराव न होने दें। अगर बुखार अधिक दिनों तक होता है तो तत्काल डॉक्टर्स से परामर्श लें। मेडिकल कॉलेज के नेहरू चिकित्सालय में तैयारियों पूरी कर ली गई है। - डॉ। एके श्रीवास्तव, एसआईसी मेडिकल कॉलेज