Gorakhpur : सिर्फ सुविधाओं से मंजिल नहीं मिलती सच्ची लगन भी मुकाम तक पहुंचाती है. आंखों में बसा हो सपना और पैशन हो सच्चा तो कामयाबी जरूर हाथ लगती है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है शैलेंद्र सिंह ने. इंटर जोन जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में तहलका मचाने के बाद शैलेंद्र सिंह अब सैफ गेम्स साउथ एशियन गेम्स में इंडिया के लिए दौड़ेगा. सैफ गेम्स में इंडिया के अलावा 7 कंट्री के एथलीट पार्टिसिपेट करेंगे. शैलेंद्र सिंह 1500 मीटर रेस में इंडिया को रीप्रजेंट करेगा. रांची में 10 से 12 नवंबर के बीच सैफ गेम्स होना है. इसमें पार्टिसिपेट करने के लिए शैलेंद्र अपने कोच संतोष यादव के साथ थर्सडे को रांची रवाना हो गया.


फस्र्ट टाइम में हुआ सेलेक्शनगोरखपुर यूनिवर्सिटी के ग्राउंड पर कोच संतोष कुमार यादव की देखरेख में प्रैक्टिस करने वाले शैलेंद्र सिंह का सेलेक्शन फस्र्ट अटेंप्ट में ही सैफ गेम्स के लिए जूनियर इंडिया टीम में हुआ है। शैलेंद्र की कड़ी मेहनत और सच्ची लगन का यह कोई पहला मौका नहीं है। शैलेंद्र का इससे पहले भी इंटर जोन जूनियर नेशनल चैंपियनशिप के लिए भी फस्र्ट अटेंप्ट में ही सेलेक्शन हुआ था। जिसमें शैलेंद्र ने 1500 मीटर रेस में गोल्ड मेडल जीत कर सभी को चौंका दिया था। संत कबीर नगर के मेंहदावल में रहने वाले लेट घनश्याम सिंह का सपना बेटे को देश के लिए दौडऩा देखना चाहते थे। मगर पिता की मौत ने शैलेंद्र को तोड़ दिया, मगर उनके सपने ने उसे एक बार फिर मजबूत हौंसला दिया। किसान फैमिली का होने के बावजूद शैलेंद्र ने कभी हार नहीं मानी।


सुविधा नहीं कड़ी मेहनत ने सच किया सपना

इंडिया के लिए खेलना किसी भी खिलाड़ी का सपना होता है। इस सपने को हकीकत में बदलने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है। शैलेंद्र ने भी कुछ ऐसा ही किया। सुविधा न होने के बावजूद उसने हार नहीं मानी। जूता फटा हो या कड़ाके की ठंड पड़ रही हो या फिर तेज धूप और घना कोहरा हो, शैलेंद्र की प्रैक्टिस कभी नहीं रुकी। ये शैलेंद्र की मेहनत ही है, जो डेढ़ साल की प्रैक्टिस की बदौलत उसका सेलेक्शन जूनियर इंडिया टीम में हो गया। शैलेंद्र बापू पीजी कॉलेज से बीए की पढ़ाई कर रहा है।सैफ गेम्स में दिखाएंगे ये कंट्री अपना दम-अफगानिस्तान-बांग्लादेश-भूटान-इंडिया-मालदीव-नेपाल-पाकिस्तान-श्रीलंका

Posted By: Inextlive