चुनाव कराएं या एग्जाम, टेंशन में साहेबान
-यूनिवर्सिटी में 15 मार्च से शुरू हो रहे हैं एग्जाम
-बोर्ड एग्जाम में टीचर्स की ड्यूटी काटने के बाद कर्मचारियों की लगा दी गई है इलेक्शन ड्यूटी -यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों को पेपर पहुंचाने की होती है अहम जिम्मेदारी GORAKHPUR: डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी में एग्जाम की तैयारियां जोरों पर हैं। जिम्मेदारों ने 15 मार्च को एग्जाम की डेट डिक्लेयर भी कर दी है। मगर इस बीच अचानक यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों की इलेक्शन ड्यूटी लग जाने से जिम्मेदारों की टेंशन बढ़ गई है। कर्मचारी भी इस टेंशन में हैं कि चुनावी ड्यूटी की तैयारी और ट्रेनिंग करें या फिर एग्जाम कराएं। लेकिन प्रशासन की ओर से इमरजेंसी ड्यूटी लगा दिए जाने के बाद उनके लिए दोनों को मैनेज करना मजबूरी हो गई है। बोर्ड की वजह से फंसा पेंचगोरखपुर यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों को पहले इलेक्शन ड्यूटी से फ्री रखा गया था। पहले भी उनकी ड्यूटी नहीं लगाई जाती थी। मगर इस बार बोर्ड एग्जाम पहले पड़ जाने की वजह से माध्यमिक स्कूल के टीचर्स की ड्यूटी बोर्ड एग्जाम में लग गई, जिसकी वजह से उनका नाम लिस्ट से बाहर निकालकर यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गई है। बोर्ड एग्जाम में किसी तरह की टेंशन न हो, इसकी वजह से यह फैसला हुआ, लेकिन इससे यूनिवर्सिटी के एग्जाम प्रभावित होने का खतरा बढ़ गया है।
कर्मचारियों की है अहम जिम्मेदारी गोरखपुर यूनिवर्सिटी के एग्जाम में कर्मचारियों का अहम रोल है। एग्जाम से पहले उनकी जिम्मेदारियां काफी ज्यादा है। पेपर को सॉर्ट आउट करने के साथ ही उन्हें सेंटर तक पहुंचाने के लिए भी यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों की ड्यूटी लगती है, लेकिन 11 मार्च को इलेक्शन और 14 मार्च को काउंटिंग होने की वजह से उनकी टेंशन बढ़ी हुई है। इलेक्शन के लिए दिन ड्यूटी का फरमान आ चुका है, लेकिन काउंटिंग में उनकी ड्यूटी है या नहीं इसको लेकर सस्पेंस है। इसकी वजह से कर्मचारी थोड़ा राहत में हैं, लेकिन उनकी टेंशन बढ़ी हुई है। इनकी भेजी थ्ाी लिस्ट - अधिकारी - 3 कर्मचारी - 439 टोटल - 442 महिलाएं - 46 पुरुष - 396 दिव्यांग - 10 सफाई कर्मी - 17 चौकीदार - 5 ड्राइवर - 4 अचानक इलेक्शन में कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गई है। निर्वाचन आयोग की तरफ से ड्यूटी लगी है, तो करना ही पड़ेगा। एग्जाम में किसी तरह की प्रॉब्लम नहीं आने दी जाएगी। - महेंद्र नाथ सिंह, अध्यक्ष, कर्मचारी संघ