दिल्ली के मुंडका इलाके में स्थित तीन मंजिला इमारत में लगी आग ने राजधानी में बनी व्यावसायिक इमारतों और अपार्टमेंट्स की सुरक्षा पर भी सवाल उठा दिए हैैं। आलम यह है कि राजधानी में करीब 70 प्रतिशत व्यावसायिक इमारतें और अपार्टमेंट्स ऐसे हैैं जहां आग से बचाव संबंधी इंतजाम या तो अधूरे हैैं या फिर पूरी तरह से लापता हैं। दमकल विभाग की ओर से भी इसको लेकर अलर्ट जारी किया जा चुका है साथ ही नोटिस भी।

लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ जनकल्याण महासमिति की ओर से सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा गया है। महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे ने बताया कि गोमती नगर विस्तार, जानकीपुरम विस्तार, कानपुर रोड मानसरोवर योजना सहित लखनऊ के कई अन्य हिस्सों में एलडीए के तीन दर्जन से अधिक अपार्टमेंट्स हैैं। उन्होंने बताया कि किसी भी अपार्टमेंट में फायर सिस्टम कंप्लीट नहीं किया गया है और अधूरे उपकरण लगवाकर सिर्फ खानापूर्ति की गई है। इसको लेकर कई बार एलडीए को पत्र भी लिखा जा चुका है लेकिन अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। ऐसे में दिल्ली की घटना से सबक लेते हुए अपार्टमेंट्स में फायर सिस्टम सही करवाने के लिए एलडीए को निर्देशित किया जाए।

आग बुझाने में आती हैं ये समस्याएं
1- फायर हाइड्रेंट गायब
अमीनाबाद में 2005 में फायर हाइड्रेंट बनाया गया था ताकि आग लगने पर यहां से पानी लिया जा सके। यह अब लापता है।
2- सकरी गलियां
राजधानी के कई एरिया और बाजारों में गलियां इतनी सकरी हैं, जहां फायर ब्रिगेड की गाड़ियां नहीं पहुंच सकती हैं।
3- अतिक्रमण
चौक, अमीनाबाद, नक्खास इत्यादि एरिया में हर तरफ फैला अतिक्रमण आग लगने पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को समय से पहुंचने से रोकता है।

कॉप्लेक्स के लिए जरूरी मानक
- सैट बैक (भवन की ऊंचाई के हिसाब से वर्किंग स्पेस)
- फायर एग्जिट
- पलायन मार्ग की स्पष्टता
- पलायन मार्ग की डिस्टेंस
- वैकल्पिक रास्ता और जीने की व्यवस्था
- आकस्मिक स्थिति में लाइट की व्यवस्था
- बेसमेंट में रैंप की व्यवस्था

बिल्डिंगों में सुरक्षा के मानक
- फायर एक्सटिंग्यूशर
- डाउन कमर सिस्टम
- यार्ड हाईडेंट सिस्टम
- आटोमेटिक स्प्रिंकलर्स सिस्टम
- आटोमैटिक डिटेक्शन एवं अलार्म सिस्टम
- मैनुअली ऑपरेटेड इलेक्ट फायर अलार्म सिस्टम
- अंडरग्राउंड वाटर टैंक
- ओवरहेड वाटर टैंक

Posted By: Inextlive