लखनऊ यूनिवर्सिटी में जल्द डी-लिट कोर्स शुरू होने जा रहा है। यूनिवर्सिटी की ओर से तैयार डी-लिट के नए ऑर्डिनेंस को राजभवन ने मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही 12 साल बाद एलयू में दोबारा डी-लिट एडमिशन की प्रक्रिया शुरू होगी। ज्ञात हो कि 2008 में पूर्व वीसी प्रो। बरार ने डी-लिट के एडमिशन पर रोक लगा दी थी। गौरतलब है कि एलयू ने कार्य परिषद से नए ऑर्डिनेंस को तैयार कर मंजूरी के लिए राजभवन भेजा था। उम्मीद है कि इस साल से एलयू में डी-लिट का एडमिशन शुरू होंगे।


लखनऊ (ब्यूरो) डी-लिट के लिए जो ऑर्डिनेंस तैयार किया जा रहा है, उसके अनुसार इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए कम से कम 10 साल का अनुभव होना जरूरी है। साथ ही कैंडीडेट के कम से कम 15 जर्नल टॉप पब्लिशर्स के यहां प्रकाशित होने चाहिए। 15 सौ शब्दों में लिखना होगा टॉपिकनए ऑर्डिनेंस के अनुसार एडमिशन के लिए स्टूडेंट्स को आवेदन फॉर्म के साथ अपने टॉपिक पर कम से कम 15 सौ शब्द, अधिकतम तीन हजार अक्षरों में लिखने होंगे। उन्हें अपने अनुभव और रिकॉर्ड के प्रूफ भी फॉर्म के साथ जमा करने होंगे।तो नहीं मिलेगा दो साल का मौका


नए ऑर्डिनेंस में यह कहा गया है कि अगर कोई कैंडीडेट एक बार डी-लिट के एडमिशन की प्रक्रिया से रिजेक्ट हो जाता है, तो उसे कम से कम दो साल तक आवेदन से रोक दिया जाएगा। वहीं जब कैंडीडेट अपनी थीसिस पूरी कर जमा करने की तैयार कर रहे होंगे तो उन्हें पहले एक सेमिनार भी कराना होगा। इसके बाद ही वे थीसिस जमा कर सकेंगे। डी-लिट के नए ऑर्डिनेंस को शासन ने मंजूर कर लिया है। इसे जल्द ही यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा। आने वाले दिनों में नए ऑर्डिनेंस के अनुसार एडमिशन लिए जाएंगे।

डॉ। दुर्गेश श्रीवास्तव, प्रवक्ता, लखनऊ यूनिवर्सिटी

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