मामला संज्ञान में आने के बाद पावर कारपोरेशन एमडी की ओर से सभी 319 मीटर रीडर्स की सेवा समाप्त कर दी गई है। जिन पर कार्रवाई हुई है उनमें से 50 के करीब मध्यांचल डिस्कॉम के भी हैैं।


लखनऊ (ब्यूरो)। बिना रीडिंग के ही उपभोक्ताओं के बिजली बिल बनाए जा रहे हैैं। जिसकी वजह से उपभोक्ताओं को औसत बिल जमा करना पड़ रहा है, जिससे उनकी जेब पर बोझ पड़ रहा है। पूरे प्रदेश में करीब 319 मीटर रीडर्स ऐसे सामने आए हैैं, जो बिना रीडिंग लिए ही बिजली बिल बना दे रहे थे। मामला संज्ञान में आने के बाद पावर कारपोरेशन एमडी की ओर से सभी 319 मीटर रीडर्स की सेवा समाप्त कर दी गई है। जिन पर कार्रवाई हुई है, उनमें से 50 के करीब मध्यांचल डिस्कॉम के भी हैैं।एक भी रीडिंग नहीं कर रहे थे


प्रदेश पावर कारपोरेशन के एमडी एम देवराज को ऐसे मीटर रीडरों के विषय में जानकारी प्राप्त हुई, जिनके द्वारा एक भी रीडिंग नहीं की जा रही है। इसका संज्ञान लेकर उन्होंने वितरण कंपनियों में कार्यरत बिलिंग एजेंसियों के मुख्य नियंत्रकों को चेतावनी देते हुए ऐसे 319 मीटर रीडरों को तत्काल सेवा से बाहर करने का निर्णय लिया है। इसमें से पूर्वांचल के 154, मध्यांचल के 53, दक्षिणांचल के 92 तथा पश्चिमांचल के 10 मीटर रीडर शामिल हैं। एमडी ने बताया कि बिलिंग एजेंसियों का कार्यों के प्रति लापरवाही उपभोक्ताओं की बिलिंग के विषय में निर्धारित मापदंडों का खुला उल्लंघन है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

1809 अन्य की भी जांचउपभोक्ताओं को समय से सही रीडिंग का बिल मिले, इसके लिये उप्र पावर कारपोरेशन अध्यक्ष लगातार बिजली बिलिंग एजेंसियों के कार्यों और निर्धारित दायित्वों की नियमित समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने बताया है कि बिलिंग व्यवस्था की गहन समीक्षा के बाद अभी 1809 ऐसे मीटर रीडर और चिन्हित किए गए हैं, जिनकी सेवा समाप्ति पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने बिलिंग एजेंसियों को निर्देशित किया है कि प्रत्येक उपभोक्ता को रीडिंग का सही बिल समय से मिले।

Posted By: Inextlive