एलयू में लागू होगी चैलेंज री इवैल्यूएशन की प्रक्रिया
- एलयू की परीक्षा सुधार समिति ने तैयार किया प्रस्ताव
- अभी इस प्रक्रिया के लिए नहीं तय हुई है फीस - सिटी में यूपीटीयू में लागू है यह व्यवस्था LUCKNOW: लखनऊ यूनिवर्सिटी अपने यहां एग्जाम के बाद कॉपियों के मूल्याकंन में आने वाले दिक्कतों को दूर करने के लिए अगले सेशन से चैलेंज री-इवैल्यूएशन का प्रस्ताव तैयार कर रही है। यूनिवर्सिटी इसे परीक्षा सुधारों के लिए बनाई गई विशेषज्ञ समिति ने यह प्रस्ताव तैयार किया है। जो वह यूनिवर्सिटी वीसी के सामने रखने की तैयारी कर रही है। एलयू की ओर से इस प्रस्ताव को अगर मंजूरी प्रदान कर दी गई तो, उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी यूपीटीयू की तरह एलयू के स्टूडेंट्स भी मूल्यांकन को चैलेंज कर सकेंगे। कॉपियों की चेकिंग में गलती को लेकर हुआ था हंगामालखनऊ यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर प्रो। मनोज कुमार मिश्र के समय में पोस्ट ग्रेजुएट पीजी और अंडर ग्रेजुएट यूजी कोर्सेस में स्टूडेंट्स ने गलत मूल्यांकन को लेकर काफी हंगामा किया था। उनका कहना था कि यूनिवर्सिटी की ओर से मूल्याकंन में काफी धांधली बरती गई है। लखनऊ यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस मामले में अपने में फंसता हुआ देखकर उस समय चैलेंज री- इवैल्यूएशन की प्रक्रिया लागू किए जाने की वकालत की थी। उस समय यूनिवर्सिटी के इस प्रस्ताव को लेकर सभी डिपार्टमेंट में काफी हंगामा हुआ था। जिसके बाद दबाव में आकर यूनिवर्सिटी प्रशासन को अपना यह प्रस्ताव वापस लेना पड़ा था। इसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इससे बचने के लिए बीच का रास्ता निकाला था और सूचना के अधिकार के तहत स्टूडेंट्स को कॉपियां दिखाने का मौका देने की व्यवस्था बहाल की थी। बाद में प्रशासन ने इसे व्यवस्थित करते हुए इसके लिए फ्00 रुपए फीस तय कर दी थी, जिसके बाद काफी हंगामा मचा था।
प्रोफेशनल स्टडीज में हो सकता है लागू एलयू के अधिकारियों की माने तो यूनिवर्सिटी प्रशासन यहा के सभी कोर्सेज में इस व्यवस्था को लागू करने की बात कह रहा है। लेकिन, समिति इस पहले प्रयोग के तौर पर प्रोफेशनल कोर्सेज में ही यह व्यवस्था लागू करने की सोच रही है। हालांकि इसके लिए कितनी फीस ली जाएगी इसके बारे में समिति में अभी तक कोई सहमति नहीं बन पाई है। जिसे परीक्षा सुधार समिति की बैठक में चर्चा के लिए रखा जाएगा। यह है चौंलज री-इवैल्यूएशनचैलेंज री- इवैल्यूएशन के तहत छात्र यदि कॉपियों के मूल्यांकन से संतुष्ट नहीं है तो वह दोबारा मूल्यांकन के लिए आवेदन कर सकता है। जिसके तहत एक निश्चित फीस पर दूसरे परीक्षक से कॉपियों का मूल्यांकन कराया जाता है। यदि छात्र का दावा सही पाया जाता है तो उससे लिए गए फीस को वापस कर दिया जाता है। स्टूडेंट्स की ओर से किए गए दावे में अगर कोई गलती होती है स्टूडेंट्स को फीस वापस कर दिया जाएगा। यूपीटीयू में यह व्यवस्था लागू है जहां पर स्टूडेंट्स को इस प्रक्रिया के तहत प्रति कॉपी भ्000 रुपए फीस ली जाती है।
अगर स्टूडेंट्स को लगता है कि उसकी कॉपी की सही से मार्किंग नहीं की गई तो वह इस प्रक्रिया के तहत चैलेंज कर दोबारा से कॉपी का मूल्याकंन करा सकता है। समिति के समक्ष इस प्रस्ताव को रखा जाएगा। जिसके बाद सहमति पर इसे लागू किया जाएगा। - प्रो। एनके पांडेय, अध्यक्ष, परीक्षा सुधार समिति, एलयू