कलेवा तिराहे से भूतनाथ तिराहे और शालीमार चौराहे तक पहुंचने तक ट्रैफिक लोड हालांकि कम मिला लेकिन शालीमार चौराहे पर ट्रैफिक सिग्नल लगा होने के बाद भी वहां चालू नहीं था। जिसके चलते वाहन आड़े-तिराछे गुजरते नजर आए।


लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी की बिगड़ी ट्रैफिक व्यवस्था चलते हर किसी का सफर मुश्किल हो रहा हैै। इसी ट्रैफिक अव्यवस्था के चलते लखनऊ पुलिस कमिश्नर ही नहीं कई आला अधिकारी निपट चुके हैं। यहीं नहीं पिछले साल मार्च के में राजधानी में हुए योगी सरकार के दूसरे शपथ ग्रहण समारोह में गृह मंत्री अमित शाह जाम में फंसे गए थे। इसके साथ ही बीते दिनों क्रिकेट मैच के दौरान भारतीय क्रिकेट टीम भी में फंस गए। बीते दो सालों में राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था ने जमकर भद पिटवाई हैं। अब जब एक बार फिर इंवेस्टर्स समिट और जी 20 में देश विदेश से मेहमान लखनऊ आयेंगे, तो पूरे सरकारी अमले की नजर ट्रैफिक व्यवस्था पर ही टिकी हुई हैं। ट्रैफिक की इसी अवस्था को उजागर करते हुए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने आम आदमी अपनी मंजिल तक पहुंचने के दौरान रोड पर किन समस्याओं से जूझता है और कैसे ट्रैफिक के चलते वह अपने गंतव्य तक पहुंचने में लेट होता है इससे रूबरू कराते हुए 'बड़ी कठिन है डगरÓ अभियान के तहत हमने मुंशी पुलिया चौराहा से चारबाग का सफर कार व बाइक किया। 12 किलोमीटर का सफर 1 घंटा 5 मिनट में पूरा हुआ। हमने 16 प्वाइंट पर अवस्था को उजागर कर रहे हैैं। अगर शहर के ट्रैफिक को सुधारना है, तो डिपार्टमेंट को इन कमियों को दूर करना ही होगा। पेश है रिपोर्टनंबर गेमटोटल डिस्टेंस - 12 किमीचौराहे, तिराहे - 16कार से लगा समय - 1.05 घंटेबाइक से लगा समय - 52 मिनटआइडियल टाइम : 27 मिनटयह था रूटमुंशी पुलिया से कलेवा तिराहा होते हुए लेखराज, बादशाह नगर, निशातगंज, गोमती ओवर ब्रिज, सिकंदरबाग, हजरतगंज, शक्ति भवन, बर्लिंग्टन चौराहा होते हुए चारबाग तककिस ट्रैफिक सिग्नल में सबसे ज्यादा लगा टाइमसिकंदरबाग चौराहा - 4 मिनटहजरतगंज चौराह - 5 मिनटनिशातगंज तिराहा - 4 मिनटचारबाग क्रॉस करने में - 7 मिनट9.50 बजे शुरू हुआ सफरमुंशी पुलिया चौराहे से दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की दो टीम ने 9.50 बजे अपना सफर शुरू किया। एक टीम कार से और दूसरी टीम बाइक से निकली। मुंशी पुलिया चौराहे पर चारों तरफ से ट्रैफिक का फ्लो सुबह से ही था, हालांकि केवल एक साइट पर ही दो ट्रैफिक कंट्रोलर तैनात थे और ट्रैफिक को मैनुअल चलवा रहे थे।कलेवा तिराहानदारद मले ट्रैफिक कंट्रोलर


मुंशी पुलिया से कलेवा तक ओवर ब्रिज का काम चलने के चलते आधी रोड ब्लॉक है। जिसके चलते एक ही लेन मेें ट्रैफिक मूव करता है और कार से मुंशी पुलिया से कलेवा तिराहे तक पहुंचने तक कार में 3 मिनट का सफर लगा। हालांकि चारों तरफ से ट्रैफिक का मूवमेंट होने से कई बार ट्रैफिक ब्लॉक भी हुआ और वहां कोई ट्रैफिक कंट्रोलर न होने से दो मिनट से ज्यादा का समय लग गया।शालीमार चौराहाबंद मिला सिग्नलकलेवा तिराहे से भूतनाथ तिराहे और शालीमार चौराहे तक पहुंचने तक ट्रैफिक लोड हालांकि कम मिला लेकिन शालीमार चौराहे पर ट्रैफिक सिग्नल लगा होने के बाद भी वहां चालू नहीं था। जिसके चलते वाहन आड़े-तिराछे गुजरते नजर आए।लेखराज क्रॉसिंगनहीं थी ट्रैफिक ड्यूटीलेखराज क्रॉसिंग पर पुलिस चौकी होने के बाद भी न तो वहां कोई ट्रैफिक कंट्रोलर की ड्यूटी थी और न ही कोई पुलिस कर्मी मौजूद था। आलम यह था कि तीन तरह से ट्रैफिक का मूवमेंट होने से कई बार लोग वहां जाम में फंसे और एक-एक करके वाहन जाम से निकलते रहे। ट्रैफिक मैनेजमेंट के लापरवाही से यहां पर भी तीन से चार मिनट का अतिरिक्त समय बर्बाद हुआ।कुकरैल बंधा कटतीन तरफ से मूवमेंट, कोई ट्रैफिक कर्मी नहीं

लेखराज से आगे बढऩे पर सबसे डेंजर जोन कुकरैल बंधा कट मिला। जिसमें तीन तरफ से ट्रैफिक का मूवमेंट है, लेकिन वहां पर कोई ट्रैफिक कंट्रोल मौजूद नहीं था। जिसके चलते कुकरैल बंधा रोड की तरफ जाने वाले ट्रैफिक के चलते अक्सर वहां जाम की स्थिति बनने के साथ एक्सीडेंट के मामले सामने आते हैैं।बादशाह नगरई रिक्शा व टैैंपो का जमावड़ाबादशाह नगर मेट्रो स्टेशन के सामने से दो रास्ते जाते है। पहला निशातगंज क्रॉसिंग की तरफ, दूसरा ओवर ब्रिज होते हुए निशातगंज की तरफ। बादशाह नगर मेट्रो स्टेशन के बाहर ई-रिक्शा व टैैंपो का जमावड़ा मिला। जिसके चलते ओïवर ब्रिज पर भी जाने वाले लोगों उससे प्रभावित होते है। ओवर ब्रिज के नीचे की तरफ जाने वाले टी प्वाइंट पर कोई भी ट्रैफिक कंट्रोलर नहीं मिला।निशातगंज नवनीत राय द्वारतीन तरफ का टै्रफिक, एक जवान

निशातगंज ओवर ब्रिज से सिकंदर बाग की तरफ जाने के लिए नवनीत राय द्वार तिराहे पर सबसे ज्यादा ट्रैफिक ओवर लोड रहता है। यहां लेखराज के साथ-साथ महानगर की तरफ से भी आने वाले ट्रैफिक का प्रेशर रहता है। ट्रैफिक सिग्नल क्रॉस करने में चार से पांच मिनट तक का समय लगता है। ओïवर रोड ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए वहां एक मात्र ट्रैफिक कंट्रोलर ड्यूटी पर था, लेकिन ट्रैफिक के प्रेशर के चलते वह भी असफल साबित नजर आया। वहीं ट्रैफिक सिग्नल भी बंद होने के चलते वाहन आड़े तिराछे फंसे रहे। यहां करीब पांच से सात मिनट का अतिरिक्त समय बर्बाद हुआ।गोमती ओवर ब्रिजरॉन्ग साइड का काफिलाफोर व्हीलर्स के लिए गोमती ओवर ब्रिज पर रॉग साइट चलने वाले सबसे ज्यादा मुसीबत का कारण बनते हैं। गोमती ओवर ब्रिज से ट्रैफिक गोमती बंधा जाने वाले के साथ सिकंदर बाग की तरफ भी ट्रैफिक मूव करता है। वहीं सिकंदरबाग व भैसाकुंड की तरफ से रॉग साइट आने वाले की संख्या बहुत ज्यादा रहती है। जिसके चलते इस प्वाइंट सबसे ज्यादा बिजी रहता है और अक्सर गाडिय़ां जाम में फंसती हैं। यहां पर पहले ट्रैफिक कंट्रोलर की ड्यूटी रहती थी, लेकिन वर्तमान में कोई ड्यूटी नहीं थी।सिकंदरबाग चौराहादो बार सिग्नल ग्रीन होने का करना पड़ता है इतंजारसिकंदरबाग चौराहे पर ट्रैफिक सिग्नल दो बार में क्रॉस करना पड़ता है। इस चौराहे पर ट्रैफिक प्रेशर भी ज्यादा है। यहां करीब एक रेड ग्रीन सिग्नल पर पांच से सात वाहन गुजरते है। ग्रीन सिग्नल 30 का जबकि रेड सिग्नल 120 का। इसके चलते ट्रैफिक एक बार सिग्लन ग्रीन होने में निकल नहीं पाता और दूसरे बारे के सिग्नल पर ट्रैफिक क्लियर हो पाता हैं। यहां पर चौराहा क्रॉस करने में चार मिनट से ज्यादा का समय लगा।हजरतगंजबिजी पर सिस्टम से चलता मिलासबसे ज्यादा ट्रैफिक प्रेशर हजरतगंज में मिला। यहां पांच तरफ से ट्रैफिक का मूवमेंट होता है, एक सिग्नल पर दो हजार से ज्यादा वाहनों का मूवमेंट रहता है, बावजूद इसके ट्रैफिक सिग्नल पर ट्रैफिक चलता मिला और ट्रैफिक कंट्रोलर भी चौराहों पर नजर आए। हालांकि यहां ट्रैफिक क्लियर यानि चौराहा क्रॉस करने में पांच मिनट से भी ज्यादा का समय लगा।बर्लिंग्टन चौराहापूरी तरह ट्रैफिक व्यवस्था ध्वस्तबर्लिंग्टन चौराहे पर ट्रैफिक पूरी तरह से ध्वस्त मिला। यहां होमगार्ड ट्रैफिक कंट्रोलर की भूमिका में था, लेकिन ट्रैफिक सिग्नल रेड होने के बाद भी वाहन रोड क्रॉस करते नजर आए। यहीं फ्री लेफ्ट टर्न पर गाडिय़ों को लगाकर पूरी ट्रैफिक व्यवस्था को भी ध्वस्त कर दिया गया। चौराहा क्रॉस करने में दो मिनट का समय लगता है, लेकिन अव्यवस्था के चलते चार मिनट से ज्यादा का समय लगा। चौराहे पर ऑटो, ई रिक्शा का मकडज़ाल व्यवस्था को और ज्यादा ध्वस्त करते नजर आए।चारबागई रिक्शा, ऑटो, टैैंपो व बस का कब्जाचारबाग में ई रिक्शा, ऑटो, टैैंपो व बसों का पूरी तरह से कब्जा मिला। चार पहिया की रफ्तार पैदल चलने वालों से भी कम रही। हार्न और शोर शराबे के बीच चौराहा क्रॉस करने मेें सात मिनट का समय लगा। यहां पर रोड पर दुकानों का अतिक्रमण, अवैध डग्गामारी, अवैध स्टैैंड ने ट्रैफिक को पूरी तरह से ध्वस्त कर रखा हैैं। कई बार अभियान के बाद भी स्थिति जस की तह नजर आई।इनका हो 'इलाज' तो बने बात- कलेवा में ट्रैफिक ड्यूटी लगती है, पर कर्मी रोड किनारे बैठी रहते हैं। यह सुधरना चाहिए।- लेखराज क्रॉसिंग पर कोई ट्रैफिक ड्यूटी नहीं रहती है, ई रिक्शा व आटो का कब्जा- बादशाह नगर मेट्रो स्टेशन पर ई रिक्शा, ऑटो व टैैंपो का अड्डा बन रहा ट्रैफिक के लिए मुसीबत- कुकरैल बंधे रोड पर डेंजर प्वाइंट, ट्रैफिक कंट्रोलर की जरूरत- गोमती ओवर ब्रिज पर रॉग साइट चलने वालों को रोका जाए- चारबाग पर ई रिक्शा, ऑटो, टैैंपो व बसों को व्यवस्थित किया जाएबिजी रूट के सभी चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल के साथ ट्रैफिक कंट्रोलर की ड्यूटी लगाई जाती है। ट्रैफिक बाधित होने के कारणों की रिपोर्ट भी तैयार की गई है। कई जगहों पर अवैध स्टैैंड और अतिक्रमण प्रमुख कारण है। इसके अलावा अगर ट्रैफिक सुधार के लिए कोई सुझाव देता है तो उस पर अमल किया जाएगा।-अजय कुमार, एडीसीपी ट्रैफिक

Posted By: Inextlive