Lucknow Medical News: लोगों को चाहिए कि रोजाना पल्स ऑक्सीमीटर से अपना हार्ट रेट जरूर जांचें। ध्यान रहे कि अगर समस्या है तो अब उसकी दवा भी मौजूद है जो हार्ट रेट कम करने में मदद करती है। लोगों को इसके प्रति जागरूक भी होना चाहिए।


लखनऊ (ब्यूरो)। अगर आपका हार्ट रेट लगातार 70-80 बीपीएम के ऊपर बना हुआ है तो सतर्क हो जाएं। क्योंकि यह हार्ट से जुड़ी किसी बीमारी का एक लक्षण हो सकता है। ऐसे में बिना समय गंवाए किसी कार्डियोलॉजिस्ट को दिखाना चाहिए। यह प्रॉब्लम आजकल काफी लोगों में देखने को मिल रही है। पीजीआई में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ। नवीन गर्ग ने बताया कि डायबिटीज, हायपरटेंशन, ओबेसिटी जैसे रिस्क फैक्टर में अब हार्ट रेट भी जोड़ दिया गया है। ऐसे में लोगों को अपने हार्ट रेट के प्रति सजग रहना चाहिए।जल्द थक जाएगा हार्ट


डॉ। नवीन गर्ग के मुताबिक, जिनका हार्ट रेट लगातार 80 बीपीएम के ऊपर बना रहता है, उनका हार्ट जल्दी थक जाएगा, वह ज्यादा नहीं चलेगा। यह अब कई रिसर्च से साबित भी हो चुका है। स्मोकिंग की तरह अब हाई हार्ट रेट भी एक रिस्क फैक्टर होने लगा है। ऐसी स्थिति में हार्ट को ज्यादा काम करना पड़ता है। ऐसे में हार्ट की कोई न कोई बीमारी लगेगी ही लगेगी। इस तरह के मामले लगातार आ रहे हैं, जो हर उम्र के लोगों में देखने को मिल रहे हैं।पल्स रेट जरूर जांचें

लोगों को चाहिए कि रोजाना पल्स ऑक्सीमीटर से अपना हार्ट रेट जरूर जांचें। ध्यान रहे कि अगर समस्या है तो अब उसकी दवा भी मौजूद है, जो हार्ट रेट कम करने में मदद करती है। लोगों को इसके प्रति जागरूक भी होना चाहिए। कई लोगों में हार्ट रेट 100 के ऊपर भी चला जाता है, जो बेहद खतरनाक है।सोते समय ज्यादा खतरनाकडॉ। नवीन ने बताया कि अगर किसी का हार्ट रेट सोते समय 80 के ऊपर रह रहा है, तो यह ज्यादा खतरनाक है। सोते समय हार्ट रेट 40-50 हो जाता है, क्योंकि रात में आप जब चीजों से कटऑफ हो जाते हैं, तो यह डाउन हो जाता है। जिन लोगों को बीमारी होती है, उनका हार्ट रेट रात में भी 70-80 के ऊपर रहता है। इसको गंभीरता से लेना चाहिए।इसलिए होती है समस्याबॉडी में बहुत से सिस्टम ऑटो रेगुलेट होते हैं। बॉडी अपने स्तर से हर चीज को हील करती है। उसी तरह बॉडी में जब एड्रेनेलिन ज्यादा रिलीज होने लगता है तो वही बीमारी पैदा करता है। यह ब्रेन से रिलीज होता है, जो हार्ट रेट को बढ़ाता है और हार्ट मसल्स को भी डैमेज करता है। साथ ही शरीर के अन्य अंगों को भी नुकसान पहुंचाता है। यह रिसर्च में पू्रूव भी हो चुका है कि जिसमें एड्रेनेलिन ज्यादा है उसको खतरा ज्यादा है।ऐसे करें बचाव

-ओवरवेट न हों-बीएमआई मेंटेन रखें-बीपी की जांच करते रहें-ग्लूकोमीटर रखें-पल्स ऑक्सीमीटर रखेंहार्ट रेट को नए रिस्क फैक्टर की लिस्ट में जोड़ा गया है, इसलिए लोगों को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। 80 बीपीएम के ऊपर होने पर डॉक्टर को दिखाएं।-डॉ। नवीन गर्ग, पीजीआई

Posted By: Inextlive