Lucknow News: मामले की गंभीरता को देखते हुए अब एलडीए प्रशासन की ओर से कड़ी से कड़ी मिलाने का काम शुरू कर दिया गया है। पहले तो यह देखा जा रहा है कि लेटर आया कैसे और किसकी तरफ से भेजा गया। इसके साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि पहले भी ऐसे कोई मामले सामने नहीं आए हैैं।


लखनऊ (ब्यूरो)। एलडीए की ओर से दो साल पहले सील की गई बिल्डिंग को फिर से खोले जाने का आदेश जारी हो गया। जब जांच हुई तो पता चला कि जोनल अधिकारी के नाम पर जारी लेटर पूरी तरह से फर्जी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए एलडीए प्रशासन की ओर से जांच शुरू करा दी गई है। इसके साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि फर्जी आदेश लेटर जारी कराने की कोशिश किसकी तरफ से की गई है। उसके खिलाफ लीगल एक्शन भी लिए जाने की तैयारी शुरू कर दी गई है।जोन चार का मामला


एलडीए के जोन चार के अंतर्गत निरालानगर एरिया में मामला सामने आया है। यहां पर दो साल पहले एलडीए की ओर से एक बिल्डिंग को सील किया गया था। इसी बिल्डिंग की सील खोले जाने को लेकर फर्जी लेटर विहित प्राधिकारी के पास पहुंचा। इस लेटर में बिल्डिंग की सील खोले जाने संबंधी बिंदु को अंकित किया गया था। यह लेटर जोनल अधिकारी जोन चार के नाम पर लिखा गया था और उनके फर्जी हस्ताक्षर भी किए गए थे।इस तरह मामला पकड़ा गया

जब विहित प्राधिकारी की ओर से संबंधित जोनल अधिकारी से इस बाबत जानकारी ली गई तो पता चला कि उनकी ओर से इस तरह का कोई लेटर विहित प्राधिकारी के पास भेजा ही नहीं गया है। इसके बाद पूरा मामला पकड़ में आया। प्राथमिक जांच में यह स्पष्ट हो गया कि किसी ने जोनल अधिकारी के नाम और फर्जी हस्ताक्षर बनाकर विहित प्राधिकारी के पास भेजा था। अब फिलहाल पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच शुरू करा दी गई है।हस्ताक्षर बनाने की कोशिशजोनल अधिकारी जोन चार रवि नंदन सिंह का कहना है कि मामले की जांच शुरू करा दी गई है। जो लेटर विहित प्राधिकारी के पास भेजा गया है, उसमें उनका नाम भी गलत लिखा है और हस्ताक्षर भी पूरी तरह से नहीं मिल रहे हैैं। जोनल अधिकारी के पास सीलिंग खोलने का अधिकार नहीं होता है। यह निर्णय सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी की ओर से लिया जाता है।अब कड़ी से कड़ी मिलाई जा रहीमामले की गंभीरता को देखते हुए अब एलडीए प्रशासन की ओर से कड़ी से कड़ी मिलाने का काम शुरू कर दिया गया है। पहले तो यह देखा जा रहा है कि लेटर आया कैसे और किसकी तरफ से भेजा गया। इसके साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि पहले भी ऐसे कोई मामले सामने नहीं आए हैैं।इतना आसान नहीं फर्जीवाड़ा

पहले सील बिल्डिंग्स में जमकर खेल किया जाता था, लेकिन एलडीए प्रशासन की ओर से जब से सचिव की अध्यक्षता में पांच से छह सदस्यों की टीम गठित की गई है, खेल में खासी लगाम लगी है। इसी कमेटी की ओर से निर्णय लिया जाता है कि सील बिल्डिंग को किस लीगल बेस पर ओपन किया जा सकता है। इसके लिए कंपाउंडिंग समेत अलग-अलग मानक निर्धारित किए गए हैैं।निश्चित रूप से मामला बेहद गंभीर है। इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जा रही है। जिसने भी नियम विरुद्ध जाकर खेल करने की कोशिश की है, उसके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा।डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, वीसी, एलडीए

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