Lucknow: आशियाना के रमाबाई अम्बेडकर मैदान के पास बना लक्जरी गेस्ट हाउस. सेंट्रलाइज एसी और ऐशो आराम के सारे साजो-सामान. लेकिन मंडे को इसे अस्थायी जेल में तब्दील कर दिया गया था. मौका था विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय संरक्षक अशोक सिंघल को डिटेन रखने का. सिंघल को संडे को लखनऊ पुलिस ने एयरपोर्ट से उस वक्त गिरफ्तार किया था जब वह 84 कोसी परिक्रमा यात्रा के लिए अयोध्या जाने की तैयारी कर रहे थे.

बनायी गयी थी 38 अनाधिकृत जेल

प्रतिबंधित चौरासी कोसी परिक्रमा पद यात्रा को रोकने के लिए शनिवार से ही लोगों की गिरफ्तारी शुरू हो गयी थी। 48 घंटों में लगभग ढाई हजार लोगों को पुलिस ने डिटेन किया था। डिटेन किये गये लोगों को रखने के लिए फैजाबाद में 10, बाराबंकी में 12, बहराइच में 6, बस्ती में 2, गोण्डा में 3 और अम्बेडकर नगर में 5 अस्थायी जेल बनायी गयी थी.

यह थी लगजरी जेल

इन शहरों के अलावा लखनऊ के रमाबाई अम्बेडकर मैदान के गेस्ट हाउस और उन्नाव के पक्षी विहार के गेस्ट हाउस को अस्थायी जेल बनाया गया था। हालांकि इसके लिए अधिकृत घोषणा नहीं की गयी थी। शासन के एक अधिकारी की मानें डिटेन किये गये व्यक्ति को जहां रखा जाता है, वह स्वत: ही अस्थायी जेल में तब्दील हो जाता है। ऐसे में इन दोनों गेस्ट हाउस को भी अस्थायी जेल की श्रेणी में रखा गया था।

काश यह जेल सबके लिए हो

फुली एसी के साथ इंटरटेनमेंट के लिए टीवी और ऐशो-आराम के हर साधन। मुलाकातियों के लिए अलग लक्जरी रूम, कोई भी मिलने आये और कोई भी जाए। किसी को कोई मतलब नहीं। यहां जेल मैनुअल के कोई भी रूल फालो नहीं हो रहा था।

जेल है जेलर का पता नहीं

अस्थायी जेल बनाने के लिए एक जेलर को अप्वाइंट किया जाता है जो इंजीनियर भी हो सकता है। इसके अलावा जेल मैनुअल के हिसाब से खाने का बजट और स्टाफ भी तय किया जाता है। साथ ही एक रजिस्टर मेंटेन करना होता है। कम से कम लखनऊ में बनाये गये अस्थायी जेल में ना तो जेलर दिखे और ना ही ऐसा कोई स्टाफ जो रजिस्टर मेंटेन कर रहा हो। जिस रूम में अशोक सिंघल को डिटेन किया गया था उस रूम के बाहर सीआईएसएफ का एक जवान तैनात था। बाहर उनकी जेड श्रेणी की सुरक्षा में तैनात जवान और इंटेलीजेंस के लोग मौजूद थे। गेस्ट हाउस के बाहरी दरवाजे पर पीएसी के दो जवान मौजूद जरूर थे लेकिन वह किसी को रोकने की हिम्मत नहीं कर पा रहे थे। जिसकी मर्जी हो रही थी वह आ रहा था और जा रहा था। बस पाबंदी थी तो कैमरे की।

इन लोगों ने की मुलाकात

रमाबाई अम्बेडकर गेस्ट हाउस में डिटेन किये गये अशोक सिंघल से मिलने मंडे की सुबह लखनऊ पूर्व से विधायक कलराज मिश्रा और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मी कांत वाजपेयी समेत दर्जन भर से ज्यादा लोग अशोक सिंघल से मुलाकात के लिए पहुंचे.

पांच बजे किये गये रिहा

कोर्ट के आदेश के बाद देर शाम शासन ने अशोक सिंघल को इस गेस्ट हाउस से रिहा कर दिया। अशोक सिंघल शाम छह बजकर 10 मिनट पर एयर इंडिया की फ्लाइट से दिल्ली रवाना हो गये।

और यह रहे भूखे

अरेस्ट किये गये वीएचपी नेता अशोक सिंघल और तमाम नेताओं की दिन भर गेस्ट हाउस में खातिरदारी होती रही और सिक्योरिटी में लगे जवान दिन भर भूखे और प्यासे रहे। एक सिपाही ने नाम ना छापे जाने की शर्त पर बताया कि यहां पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं है खाने की बात तो दूर। सुबह सात बजे से ड्यूटी कर रहे जवानों का यह हाल दिन में दो बजे था.

क्या कहते हैं अधिकारी

अस्थायी बनाये गये जेल के लिए नोटिफिकेशन जारी करना होता है। जेलर समेत पूरा स्टाफ तैनात किया जाता है। मुलाकातियों के लिए और अस्थायी जेल में गिरफ्तार करके रखे गये लोगों के लिए अलग-अलग रजिस्टर बनाया जाता है। साथ ही खाने पीने के लिए एक बजट निर्धारित किया जाता है।

राजकुमार विश्वकर्मा

एडीजी/आईजी लॉ एण्ड आर्डर

Posted By: Inextlive