लखनऊ में 30 से अधिक आईवीएफ सेंटर संचालित हो रहे हैं जिनमें कई पुराने और नामी आईवीएफ सेंटर भी शामिल हैं। आईवीएफ करवाने वाले कपल्स के स्पर्म व एग तो फ्रीज किए ही जाते हैं पर अब लोग लंबे समय के लिए अपने स्पर्म व एग भी फ्रीज करवा रहे हैं।


लखनऊ (ब्यूरो)। एक दौर था जब स्पर्म व एग फ्रीज करवाना टैबू माना जाता था। जो केवल मेट्रोपॉलिटन सिटी तक ही सीमित था। हालांकि, समय के साथ समाज में आ रहे बदलाव के चलते यह सुविधा अब छोटे-छोटे शहरों में भी तेजी से बढ़ रही है। लखनऊ के विभिन्न आईवीएफ सेंटर के स्पर्म व एग बैंक में बड़ी संख्या में लोग, खासतौर पर युवा पहुंच रहे हैं। एक्सपर्ट की माने तो गंभीर बीमारी, देर से शादी समेत कई अन्य वजहों के कारण स्पर्म व एग फ्रीज कराने का चलन बढ़ रहा है।गंभीर बीमारी के चलते करा रहे फ्रीज


राजधानी में 30 से अधिक आईवीएफ सेंटर संचालित हो रहे हैं, जिनमें कई पुराने और नामी आईवीएफ सेंटर भी शामिल हैं। अजंता आईवीएफ की हेड डॉ। गीता खन्ना बताती हैं कि आईवीएफ करवाने वाले कपल्स के स्पर्म व एग तो फ्रीज किए ही जाते हैं, पर अब लोग लंबे समय के लिए अपने स्पर्म व एग भी फ्रीज करवा रहे हैं। 10-15 पर्सेंट की रफ्तार से यह ट्रेंड बढ़ रहा है। इसके पीछे कई बड़ी वजहें हैं, जिसमें व्यक्ति का किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित होना है। खासतौर पर अगर कोई कैंसर जैसी बीमारी से ग्रसित है तो मरीज में डर रहता है कि कीमोथेरेपी व रेडियोथेरेपी से स्पर्म व एग की क्वालिटी पर असर पड़ सकता है, इसलिए ट्रीटमेंट से पहले ही लोग अपने स्पर्म या एग फ्रीज करवा लेते हैं।करियर और देरी से शादी भी वजहडॉ। गीता खन्ना के मुताबिक, आज के दौर में 25-30 वर्ष की उम्र युवाओं के लिए करियर फोकस को लेकर बेहद महत्वपूर्ण हो गई है, जिसके कारण युवा देरी से शादी कर रहे हैं। यही वजह है कि स्पर्म व एग फ्रीज करवाने का टें्रड भी बढ़ रहा है, क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ स्पर्म व एग की क्वालिटी कमजोर हो जाती है। बच्चा कंसीव करने में दिक्कत समेत जेेनटिक समस्याएं हो सकती हैं।फ्रीज करवाने में इतना आता है खर्चडॉ। गीता खन्ना के मुताबिक, स्पर्म बैंक में पुरुष करीब 10 साल तक अपने स्पर्म फ्रीज करवा सकते हैं। जिसके लिए करीब 5 हजार रुपये प्रति साल का खर्च आता है। वहीं, एग को 30 से अधिक साल तक फ्रीज किया जा सकता है, इसके लिए करीब 30 हजार रुपये प्रत्येक साल का खर्च आता है।अवेयरनेस की वजह से बढ़ रहा ट्रेंड

इंदिरा आईवीएफ की डॉ। अमृता सिंह बताती हैं कि हमारे जो यंगस्टर्स आते हैं वे बताते हैं कि उनके पास अभी शादी के लिए टाइम नहीं है। करियर बनाना है इसलिए एग या स्पर्म फ्रीज करवाने आते हैं। एक इंजीनियर आई थी, उन्होंने करियर महत्वपूर्ण है बताकर अपना एग फ्रीज करने की बात कही। हर माह 2-3 महिलाएं एग फ्रीज करवा रही हैं। वहीं, पुरुषों की बात की जाए तो खासतौर पर जिनको कैंसर का पता चलता है, वे करवाते हैं। ऐसे 3-4 पेशेंट हर माह स्पर्म फ्रीज करवा रहे हैं। इस ट्रेंड के बढ़ने की बड़ी वजह अवेयरनेस भी है, क्योंकि लोगों को एक यह अच्छा आप्शन मिल रहा है।यह है फ्रीज करवाने की प्रक्रियाएम्ब्रियो प्रिजर्व करने के लिए उसे विट्रीफाइड करना होता है, यानि लिक्विड नाइट्रोजन में माइनस 180 डिग्री पर उसे फ्रीज किया जा सकता है। महिला जब गर्भ धारण करना चाहे उसे यूज कर सकती है। उसकी क्वालिटी एकदम नए एग जैसी होती है। यही प्रक्रिया स्पर्म को भी फ्रीज करने में अपनाई जाती है।इसलिए करा रहे फ्रीज- देर से शादी कर रहे युवा- करियर पर फोकस- लाइफस्टाइल खराब- जल्दी मिनोपॉज आना- शादी के बाद अंडे कम बन रहे- एग व स्पर्म फ्रीज सुविधा को लेकर जागरूकता

देर से शादी, करियर की चिंता आदि के कारण लोग अपने स्पर्म व एग फ्रीज करवा रहे हैं, ताकि आगे चलकर कंसीव करने में कोई दिक्कत न हो। यह चलन लगातार बढ़ता जा रहा है।-डॉ। गीता खन्ना, आईवीएफ स्पेशलिस्टलोगों में अवेयरनेस बढ़ने के कारण स्पर्म व एग फ्रीज करवाने का ट्रेंड बढ़ रहा है। करियर को लेकर चिंता व कैंसर जैसी बीमारी के कारण इसका चलन ज्यादा हो गया है।-डॉ। अमृता सिंह, आईवीएफ स्पेशलिस्ट

Posted By: Inextlive