लखनऊ के ज्यादातर वार्डों में 70 से 80 फुट तक अंडरग्राउंड वॉटर लेवल गिर चुका है। गुजरते वक्त के साथ यह आंकड़ा और तेजी से नीचे जा रहा है। इसकी एक प्रमुख वजह बिना परमीशन घरों में कराई जा रही नियम विरुद्ध सबमर्सिबल बोरिंग है।


लखनऊ (ब्यूरो)। बेंगलुरु शहर में पानी के लिए त्राहिमाम मचा हुआ है। अगर ठोस कदम न उठाए गए तो कुछ ऐसी ही तस्वीर लखनऊ में भी दिख सकती है, क्योंकि शहर के कई इलाकों में तेजी से गिरते अंडरग्राउंड वॉटर लेवल के चलते बनीं जल संरक्षण की योजनाएं प्रॉपर तरीके से इंप्लीमेंट नहीं हो सकी हैं। जिम्मेदारों की ओर से भी योजनाओं में तेजी लाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैैं। वहीं दूसरी तरफ, पब्लिक भी नासमझ बनी हुई है और औसतन हर घर में एक दिन में 35 से 40 लीटर तक पानी की बर्बादी हो रही है।40 फीसदी बिल्डिंग्स में ही वर्षा जल संचयन


नगर निगम हो या एलडीए, दोनों ही विभागों की ओर से कई बार रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लेकर योजना बनाई गई और उसे इंप्लीमेंट भी किया गया, लेकिन प्रॉपर मॉनीटरिंग न होने की वजह से रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम 40 से 45 फीसदी बिल्डिंग्स में ही सिमट कर रह गया। जिसकी वजह से बेशकीमती बारिश का पानी नाले-नालियों में बह जाता है।1 लाख लीटर पानी बच सकता है

अगर रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा दिए जाएं तो हर साल एक लाख लीटर पानी बच सकता है। उदाहरण के लिए अगर एक हजार वर्ग फुट के मकान में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लगा दिया जाए तो इतना पानी बचेगा, जिससे 150 दिन तक एक फैमिली को पानी संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा।लगातार गिर रहा जलस्तरराजधानी के लगभग सभी इलाकों में तेजी से जलस्तर गिर रहा है। जिसकी वजह से हैैंडपंप जवाब दे रहे हैैं। परिणामस्वरूप जनता को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। आलमबाग, इंदिरानगर, मड़ियांव, कुकरैल, सरोजनीनगर समेत कई इलाकों में जलस्तर तेजी से गिरा है। जिसकी वजह से लोगों के घरों में लगी बोरिंग तक फेल हो रही है।70 से 80 फुट तक गिरा जलस्तरराजधानी के ज्यादातर वार्डों में 70 से 80 फुट तक अंडरग्राउंड वॉटर लेवल गिर चुका है। गुजरते वक्त के साथ यह आंकड़ा और तेजी से नीचे जा रहा है। इसकी एक प्रमुख वजह बिना परमीशन घरों में कराई जा रही नियम विरुद्ध सबमर्सिबल बोरिंग है।इस तरह समझेंएरिया-सरदार पटेल नगर वार्डपहले-120 फुट पर होती थी हैैंडपंप के लिए बोरिंगअब- 200 से 220 फुट के आसपास मिल रहा पानीएरिया-इस्माइलगंज सेकंडपहले-55 से 60 फुट पर मिल जाता था पानीअब-100 से 125 फुट पर मिल रहा है पानीएरिया-महात्मा गांधी वार्डपहले-65 से 70 फुट पर मिलता था पानी

अब-100 से 110 फुट के आसपास मिल रहा पानीएरिया-मालवीय नगर वार्डपहले-80 से 90 फुट पर मिल जाता था पानीअब-अभी भी इतने ही फुट पर मिल रहा पानीकारण-वार्ड में झील होने से वॉटर लेवल ठीकये हैैं पानी के स्रोत675 नलकूप सभी वार्ड मिलाकर141 ओवरहेड टैैंक से होती है पानी सप्लाई13 हजार हैैंडपंप चालू हालत में38 जोनल पंपिंग स्टेशन हैैंयहां पानी की बर्बादी अधिकराजधानी के लगभग सभी इलाकों में धड़ल्ले से वाशिंग सेंटर्स खुले हुए हैैं। जिसकी वजह से रोजाना लाखों लीटर पानी वेस्ट हो रहा है। निगम की ओर से इन पर कार्रवाई किए जाने संंबधी अभियान का खाका तो तैयार किया गया, लेकिन अभी तक कार्रवाई नहीं हुई।ये कदम उठाने होंगे1-प्राकृतिक जलस्त्रोतों को बचाना होगा2-घरों में पानी की बर्बादी रोकनी होगी3-पब्लिक को अवेयर करना होगा4-वाशिंग सेंटर्स पर लगाम5-नियम विरुद्ध बोरिंग पर लगाम

Posted By: Inextlive