हाईकोर्ट बेंच के लिए वकीलों ने की हड़ताल
- केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री के आगरा में हाईकोर्ट बेंच बनवाने की घोषणा के बाद हुआ विरोध
- मेरठ के वकील वेस्ट यूपी की हाईकोर्ट बेंच मेरठ में बनवाने की मांग बढ़े हुए हैं Meerut : केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री और आगरा के सांसद रामशंकर कठेरिया के आगरा में ही हाईकोर्ट बेंच बनवाने की घोषणा से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के वकीलों में उबाल आ गया है। गुरुवार सुबह मेरठ कचहरी में वकीलों ने बैठक कर सोमवार तक हड़ताल की घोषणा करते हुए कचहरी में तालाबंदी कर दी। सोमवार को ही केंद्रीय संघर्ष समिति की बैठक करने का ऐलान कर दिया। इसमें ख्ख् जिलों के वकील हिस्सा लेंगे। केंद्रीय मंत्री घोषणा से उबालमानव संसाधन विकास राज्य मंत्री रामशंकर कठेरिया ने बुधवार को हाइकोर्ट की बेंच आगरा में ही बनवाने की घोषणा की थी। इसकी जानकारी मिलते ही यहां के वकीलों में आक्रोश फैल गया। उन्होंने कहा कि जसवंत सिंह आयोग ने पहले ही आगरा को बेंच के लिए नकार दिया था। ऐसे में केंद्रीय मंत्री की घोषणा ठीक नहीं है। वहीं आगरा कभी वेस्ट यूपी बेंच के आंदोलन में साथ नहीं रहा है। उन्होंने हमेशा से ही इंडीविजुअल कोर्ट की मांग की है। वकीलों ने ये भी कहा कि आगरा में बेंच बनाना काफी बेमानी होगा। क्योंकि सेंट्रल यूपी में आने से उन्हें इलाहाबाद जाने में कोई प्रॉब्लम नहीं होगी।
सांसद और मंत्रियों के सहारे वकीलों ने कहा कि उनके क्षेत्र में तीन केंद्रीय मंत्री हैं। अब वे उनके जरिए मेरठ में बेंच स्थापित करने की मांग उठवाएंगे। साथ ही सभी सांसदों के जरिए भी बेंच की मांग प्रधानमंत्री तक पहुंचाई जाएगी। वकीलों ने एक ज्ञापन प्रधानमंत्री को भी भेजा है जिसमें आगरा के केंद्रीय मंत्री के बयान की तीखी आलोचना की गई है। सोमवार को होगी बैठक वकीलों ने सोमवार को वेस्ट यूपी की केंद्रीय संघर्ष समिति की बैठक बुलाई है। इस बैठक में करीब ख्ख् जिलों के वकीलों के आने का अनुमान लगाया जा रहा है। बैठक में बेंच को लेकर अगला निर्णय लिया जाएगा। वकीलों ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी और सांसद राजेंद्र अग्रवाल के रवैए की आलोचना करते हुए दोनों के बहिष्कार का ऐलान किया है। लोगों को हुई परेशानीवहीं अचानक हुई हड़ताल के कचहरी में आने वाले वादकारियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मवाना से आए रमेश ने कहा कि मुझे कचहरी में अपने वकील से मिलना था। केस के संबंध में बात करनी थी, लेकिन हड़ताल के कारण नहीं हो सकी। ऐसा ही कुछ थापर निवासी अमित शर्मा और राजेंद्र नगर निवासी सतीश शर्मा को वकीलों की हड़ताल के कारण काफी परेशानी उठानी पड़ी।
एक केंद्रीय मंत्री का इस तरह का बयान वकीलों के लिए काफी निराशाजनक है। हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं। एक कमेटी अपनी रिपोर्ट में आगरा में बेंच की संभावनाओं को खारिज भी कर चुकी है। हमने सोमवार को बैठक बुलाई है। इसमें आगे क्या करना है निर्णय लिया जाएगा। - डीडी शर्मा, अध्यक्ष, वेस्ट यूपी बेंच केंद्रीय संघर्ष समिति वेस्ट के साथ ये पूरी तरह से अन्याय है। वेस्ट के पिछले कई सालों से वेस्ट यूपी बेंच की डिमांड कर रहे हैं। यहां करीब ख्ख् जिलों को फायदा होगा। जबकि आगरा में इसका फायदा काफी सीमित रह जाएगा। हमने क्7 तक स्ट्राइक पर रहेंगे। उसके बाद जिस भी तरीके इस बात का विरोध जाएगा करेंगे। मेरठ के हक को किसी और देने नही दिया जाएगा। - रामकुमार शर्मा, अध्यक्ष, वेस्ट यूपी युवा अधिवक्ता एसोसिएशन