स्पो‌र्ट्स इंडस्ट्री के हालात खराब, सुविधाएं छोडि़ए, सड़कें तक सही नहीं

टूटी सड़कों के कारण बारिश में बदतर हो जाते हैं हालात

Meerut। लखनऊ में हुई इंवेस्टर्स मीट से उद्योगपतियों के साथ-साथ प्रदेशवासियों को काफी उम्मीदें हैं। प्रदेश में औद्योगिकीकरण को नया शिखर देने के लिए इंवेस्टर्स को लुभाया जा रहा है, जबकि मेरठ की इंडस्ट्रीज आज भी बेसिक समस्याओं से ही त्रस्त हैं। उद्यमी मानते हैं कि सबसे पहले बिजली, पानी, सड़क, नाला, गंदगी व कनेक्टिविटी की समस्याओं को दूर करने की जरूरत है। पिछले कई सालों से उद्यमियों को इंफ्रास्ट्रक्चर ही नहीं मिल पाया है। उनका कहना है कि पुराने का विकास होगा तभी नए प्रस्तावों को असल मायने में आयाम मिल सकेगा।

ध्यान नहीं दे रहे जिम्मेदार

दैनिक जागरण आईनेक्सट ने गुरुवार को शहर के एक्सपोर्ट जोन कहे जाने वाले स्पो‌र्ट्स कॉम्पलेक्स का जायजा लिया। दिल्ली रोड पर बने इस एरिया में जहां कनेक्टिविटी जीरो है, वहीं सड़कें न केवल टूटी हुई हैं, बल्कि नालों की समस्या काफी विकट है। उद्यमियों का कहना है कि सालों से यहां विकास कार्य जीरो है। प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं हैं।

यह हैं मुख्य समस्याएं

टूटी-फूटी, गड्ढे वाली सड़कें

पानी की निकासी न होने के चलते भरे हुए नाले

गंदगी, आवारा पशु

बिजली के तार

कंटेनर डिपो का न होना

इंफ्रास्ट्रक्चर कई सालों से समस्या बना है। हैरानी इस बात की है कि हमारा फोकस अभी भी इन बेसिक समस्याओं से निपटने में है। इनसे निजात मिले तभी विकास का दूसरा पहलू हम देख पाएंगे। इतना बड़ा इंडिस्ट्रयल हब होने के बाद भी यहां कंटेनर डिपो तक डेवलप नहीं हो पाया है।

आशीष मल्होत्रा, ज्वाइंट सेक्रेटरी, इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, मेरठ चेप्टर

उद्योगों की बदहाल स्थिति चल रही है। नई योजनाओं का हम स्वागत करते हैं लेकिन सरकार को पहले पुरानी समस्याओं को दूर करने का प्रयास भी करना चाहिए । एमडीए और नगर-निगम दोनों की इस एरिया के प्रति उदासीनता बरते हैं। सालों से यही स्थिति बनी हुई है।

एन मल्होत्रा, फाउंडर मेंबर आईआईए यूपी, मेरठ

इंडस्ट्रियल एरिया की तमाम दिक्कतें हैं। सड़कें खराब हैं। ट्रांसपोर्टिग में ही काफी समय खराब हो जाता है। हालांकि यहां मेट्रो या एयर कनेक्टिविटी जैसी सहूलियतें आती हैं तो यह शहर की इंडस्ट्रीज के लिए वरदान ही होगी। प्रशासन का सहयोग तो जीरो है। उद्यमी अपनी क्षमताओं पर ही इंटरनेशनल प्लेटफार्म पर काम कर रहे हैं।

गुंजन गर्ग, टैफकोट केबिल, िदल्ली रोड

यहां सबसे ज्यादा दिक्कत बारिश के मौसम में होती हैं। सड़के ऊंची हो गई है। निकासी का कोई साधन नहीं हैं ऐसे में पूरा पानी वर्कशॉप में भर जाता है। उद्यमियों को लाखों का नुकसान झेलना पड़ता है। इस तरफ कोई देखने वाला भी नहीं है। पुराने ढर्रे पर ही व्यवस्थाएं बनी हैं। ऐसे में विकास की पहली दरकार इंफ्रास्ट्रक्चर ही है।

राजेंद्र कुमार जैन, प्रीमियर रबड़, स्पोटर्स कॉम्पलेक्स

2-10

नाले

स्पो‌र्ट्स कॉम्पलेक्स में नालों की निकासी न होना मुख्य समस्या है। इसके लिए उद्योगपतियों ने इस मुद्दे को औसतन 2 नंबर ही दिए हैं।

2- 10

गंदगी

स्पोटर्स कॉम्पलेक्स में एरिया में गंदगी की भरमार है। जगह-जगह कूड़ा पड़ा रहता है। इसके लिए उद्योगपतियों ने इस मुददे पर औसतन 2 नंबर ही दिए हैं।

4-10

सड़क

स्पो‌र्ट्स कॉम्पलेक्स में सड़कों की स्थिति भी काफी अच्छी नहीं हैं। जगह-जगह कंकरीट निकल आया है। उद्योगपतियों ने इस मुददे को औसतन 4 नंबर ही दिए हैं।

4-10

बिजली

स्पो‌र्ट्स कॉम्पलेक्स में बिजली के तारों की समस्या भी बनी हुई है। तार जालों में फंसकर टूट जाते हैं इसके लिए उद्योगपतियों ने इस मुददे को औसतन 4 नंबर ही दिए हैं।

5-10

कनेक्टिविटी

स्पो‌र्ट्स कॉम्पलेक्स एरिया में कनेक्टिविटी की समस्या काफी है। इसके लिए उद्योगपतियों ने इस मुददे को औसतन 5 नंबर ही दिए हैं।

Posted By: Inextlive