Varanasi: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ कैम्पस में नये एकेडमिक सेशन में स्टूडेंट्स को अब म्यूजिक मस्ती महंगी पड़ सकती है. प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने कुछ नये रूल्स तैयार किये हैं जिनका पालन हर स्टूडेंट को करना होगा. वैसे ज्यादातर रूल्स पहले ही बन गए हैं मगर इस बार इन को कड़ाई से फालो कराया जाएगा. पढिय़े कौन-कौन से रूल्स फॉलो करने होंगे स्टूडेंट्स को...


No music, no पर्दा आपको यह सॉन्ग याद है 'न मुंह छुपा के जियो और न सर झुका के जियो'। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के स्टूडेंट्स को नये सेशन में इस सॉन्ग का नया वर्जन फेस करना पड़ सकता है। स्टूडेंट्स को शायद ये गाना पड़े 'न मुंह छुपा के चलो, न इयर फोन लगा के चलो'। जी हां, ये मजाक नहीं है। विद्यापीठ के प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने कुछ ऐसा ही इंतजाम कर रखा है। इस बार कैम्पस में यदि स्टूडेंट इयरफोन लगा कर घूमते नजर आए, या फिर चेहरे को ढक कर चलने की कोशिश की तो उनकी खैर नहीं।इयरफोन पर म्यूजिक था आम


पिछले सेशन तक कैम्पस में स्टूडेंट्स की म्यूजिक के प्रति दीवानगी देखते बनती थी। जेब में मोबाइल और उसमें तेज साउण्ड में बजता गाना यहां आम था। जबकि ज्यादा तादाद ऐसे स्टूडेंट्स की थी जिनके जेब में मोबाइल होता था मगर इयरफोन पर वह म्यूजिक सुनते हुए ही चलना पसंद करते थे। इसे कैम्पस में स्टाइल सिम्बल बना लिया था। जबकि लड़कियों में मुंह ढक कर चलने की आदत यहां पुरानी है। वह इसके पीछे धूप से बचाव का का हवाला देती रही हैं। पिछले साल आया था नियम

कैम्पस में मुंह ढक कर चलने पर रोक पिछले साल ही बना था मगर इसे कड़ाई से लागू नहीं किया गया। मगर इस बार प्रॉक्टोरियल बोर्ड किसी को भी छूट देने के मूड में नहीं। इयरफोन यूज पर रोक का रूल नया है और इसे भी कड़ाई से पालन कराया जाएगा। क्लासेस शुरू होने के बाद कैम्पस में यदि इयर फोन लगाए कोई भी स्टूडेंट दिखेगा तो उसकी खैर नहीं। उसे अपने इयर फोन से तो हाथ धोना ही पड़ेगा साथ ही फाइन भी देना पड़ेगा। ये फाइन कितने रूपये का होगा, ये अभी क्लीयर नहीं है। Strong होगा communication system   काशी विद्यापीठ में सुरक्षा की दृष्टि भी कई बदलाव की व्यवस्था की गयी है। प्रॉक्टोरियल बोर्ड मेम्बर्स का कहना है कि सभी गेट्स के सिक्योरिटी गाड््र्स को वॉकी-टॉकी दिया जाएगा। साथ ही प्रॉक्टोरियल मेंबर्स के पास भी वॉकी टॉकी होगा ताकि वो हर समय एक दूसरे से सम्पर्क में रहें और कम्युनिकेशन सिस्टम स्ट्रांग हो। कई बार ऐसा हुआ है कि जहां सिक्योरिटी गाड्र्स इधर-उधर होते हैं, शरारती तत्व बदमाशी कर बैठते हैं। वहां मौजूद सिक्योरिटी गार्ड जब तक प्रॉक्टोरियल बोर्ड या सिक्योरिटी ऑफिसर को सूचना देते, शरारती तत्व भाग जाते। कम्युनिकेशन सिस्टम स्ट्रांग होने से ऐसे तत्वों को पकडऩा आसान होगा। इस बार होंगे ये इंतजाम

= किसी भी तरह से चेहरा ढक कर नहीं चल सकेंगे स्टूडेंट्स।= मोबाइल गाना बजाना या इयर फोन का यूज करना रहेगा बैन।= कैम्पस में जगह-जगह बनेंगे स्पीड ब्रेकर।= कैम्पस में 20 किमी प्रति घंटा से ज्यादा स्पीड पर होगा चालान।= स्टूडेंट्स को निर्धारित जगह पर खड़ा करना होगा बाइक व साइकिल। = कैम्पस के अंदर-बाहर की दीवार या गेट पोस्टर लगाने पर बैन।= बिना परमिशन जुलूस निकालने, धरना देने, नारेबाजी पर भी बैन। = ग्रुप में घूमना या अड्डेबाजी करने पर भी होगी रोक। "मैंने पहले भी स्टूडेंट्स के मोबाइल के इयर फोन निकलवाए हैं। कानों में इयर फोन लगाने के बाद स्टूडेंट्स को कुछ भी सुनायी नहीं देता है। इससे दुर्घटना होने का खतरा रहता है। इसलिए अब इसे नियम बना दिया गया है। प्रो। कल्पलता पांडेय, चीफ प्रॉक्टर

Posted By: Inextlive