-डेकोरेशन का बिजनेस करने वालों की कोरोनाकाल में हालत पतली

-पिछले छह महीने से नहीं मिली कोई बुकिंग, तमाम वर्कर्स ने घर चलाने को बदल दिया काम

शहर के एक नामी डेकोरेटर्स का धंधा जमकर चलता था। फेस्टिव सीजन हो या वेडिंग कोई भी डेट खाली नहीं जाती थी। लोगों को बुकिंग के लिए काफी पहले संपर्क करना पड़ता था। तब जाकर बुकिंग हो पाती थी। लेकिन जब से कोरोना आया तब से डेकोरेटर्स को कोई काम नहीं मिला है। हालत ये हो गयी है कि कर्मचारियों तक को देने के पैसे नहीं हैं। यही नहीं अब घर चलाना भी मुश्किल हो गया है। ये कहानी सिर्फ एक डेकोरेटर्स की नहीं है बल्कि सभी इस समय जबरदस्त आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। पहले जहां एक इवेंट में 25 हजार से डेढ़ लाख मिलते थे। अब वह रेट 20 से 30 हजार हो गया है। एक आंकड़े के मुताबिक अब तक करीब सौ करोड़ से ज्यादा का लॉस इस बिजनेस में हुआ है।

घट गया है बजट

शहर में पूरे साल 400 से 500 शादियां व पार्टी होती है। इसके लिए यहां एक से बढ़कर एक डेकोरेटर्स सजावट का काम करते हैं। बड़े और हाईफाई फंक्शन में डेकोरेशन के लिए बंगाल के डेकोरेशन एक्सपर्ट से सजवाट कराई जाती थी। वैसे तो सामान्य दिनों में डेकोरेशन पर 50 हजार से दो लाख रुपए खर्च होता था। लेकिन लॉकडाउन से बिजनेस ठप पड़ गया है। जो बुकिंग पहले से थी वो भी टाल दी गयी है। ऐसे में इस समय सिर्फ छोटे काम ही मिल रहे हैं। जो बुकिंग मिल भी रही है उसमें भी लोग कटौती कर अपना इस्टीमेंट कम बता रहे हैं। वर्तमान में डेकोरेशन का काम 25 से 30 हजार में हो रहा है। इससे फायदा कम नुकसान ज्यादा है।

सामानों की खरीदारी बंद

डेकोरेशन संचालकों की मानें तो बुकिंग से पहले ही बंगाल से कपड़ा और आर्टिफिशियल लोहे की सामाग्री और सजावट के सामन मंगवाए जाते थे। लेकिन लॉकडाउन के चलते सामानों की खरीदारी नहीं हुई। काम करने वाले कांट्रेक्टर को फायदा नहीं हो रहा है। काम न मिलने से वर्कर्स की भी हालत पस्त हो गई है। घर चलाने के लिए कई वर्कर्स मजदूरी कर रहे हैं तो कई मास्क और सेनेटाइजर बेच रहे हैं। नवंबर से लग्न शुरु हो रहा है, जिससे कुछ उम्मीद जगी है, लेकिन कितना काम मिल पाएगा इस पर शंका है।

एक नजर

100

करोड़ से ज्यादा का एक सीजन में होता है डेकोरेटर्स का बिजनेस

500

सौ से ज्यादा डेकोरेटर्स हैं शहर में

25

हजार से डेढ़ दो लाख तक में होती है बुकिंग

06

महीने से ठप पड़ा है डेकोरेशन का बिजनेस

लॉकडाउन के बाद डेकोरेशन का धंधा पूरी तरह से चौपट हो चुका है। पिछले छह महीने से कोई काम नहीं मिला है। आगे भी अभी तक कोई बुकिंग नहीं मिली है। सरकार ने भले ही छूट दी है मगर गाइडलाइन के चलते लोग अभी भी खुलकर कोई आयोजन नहीं कर रहे हैं।

अलोक केशरी, डेकोरेटर्स

अनलॉक-5 में नई गाइडलाइन से कुछ हद की उम्मीद जगी है। नवंबर और दिसंबर में होने वाली शादी और पार्टी में लोग छोटा फंक्शन कर रहे हैं। इसमें सजावट के काम भी कम मिल रहे हैं। लेकिन जिस तरह से बुकिंग होनी चाहिए थी अभी तक नहीं हो पायी है। काम नहीं मिलने से वर्कर्स भी बेरोजगार हो गये हैं।

सतेन्द्र अग्रवाल, डेकोरेटर्स

Posted By: Inextlive