शहर में स्वास्थ्य महकमें के द्वारा मलेरिया-डेंगू की रोकथाम के लाख प्रयासों के बाद भी डेंगू के मरीज की तादात में लगातार इजाफा हो रहा है. इस वर्ष अब तक जनपद भर में डेंगू मरीजों की तादात 207 है.

वाराणसी (ब्यूरो)। साल 2020 में केवल 13 डेंगू के मरीज मिले थे। वहीं इस वर्ष दो सौ से पार डेंगू के मरीज मिलने से आम नागरिक अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैैं। स्वास्थ्य अमला अलर्ट तो हैं, लेकिन सरकारी हॉस्पिटल के डेंगू वार्ड में अपरा-तफरी का माहौल देखने को मिल रहा है।

हाउस इंडेक्स .3 से .4 फीसदी
हाउस इंडेक्स में घर-घर जाकर लार्वा टेस्ट किया जाता है। यह 5 से उपर जाता है तो सबके लिए खतरे की घंटी माना जाता है। मौजूदा वक्त में .3 से .4 पर पहुंच गया है। जुलाई में हाउस इंडेक्स 1.5 से 2 पर था।

ब्रिडिंग चेकर खोज रहे मच्छर
जनपद भर में 60 ब्रिडिंग चेकर घर-घर या जहां से डेंगू के केस मिल रहे हैैं, ऐसे इलाकों में जाकर डेंगू मच्छरों को खोज रहे हैैं। मंगलवार को कुल 1400 घरों में मच्छरों की खोज में लार्वा परिक्षण किया।

चार के घर में मिला डेंगू लार्वा
ब्रिडिंग चेकर टीम ने मंगलवार को 1400 घरों में जांच की। इसमें से 4 नागरिकों के मकान में डेंगू के लार्वा मिले हैैं। इन मकान मालिकों को तत्काल नोटिस दिया गया।

अक्टूबर पीक नवंबर डाउन
सामान्य तौर पर डेंगू के एडिस मच्छर बरसात के बाद प्रजनन करते हैैं। जब ये लार्वा मच्छर बनकर डे-बाइट करना शुरू करते इससे अक्टूबर में डेंगू केस पीक पर होता है। बढ़ते ठंड और पानी वाले स्थान सूखने या कम मिलने से नवंबर में डेंगू के केस डाउन होने लगाता है।

क्यूलेक्स पर डाउट
एडीज मच्छर के काटने से डेंगू होता है। इन मच्छरों की संख्या महज 0.3 से 0.4 फीसदी है। इधर, क्यूलेक्स मच्छरों की संख्या इस समय बढ़ी है। 100 घरों में 8.27 घरों में ये मच्छर मिल रहे हैं। क्यूलेक्स मादा मच्छर काटने से फाइलेरिया और एनाफिलिस मच्छर के काटने से मलेरिया होता है, की संख्या अभी 0.94 है।

एक स्टाफ पकड़ रहा मच्छर
वाराणसी में जिला मलेरिया विभाग में इंसेक्ट कलेक्टर (कीट संग्रहक) के तीन पद हैैं। दो कर्मचारी के रिटायर होने के कारण सिर्फ एक ही स्टाफ मच्छर पकडऩे का कार्य कर रहा है।

पिछले चार साल के आकड़े
वर्ष डेंगू मरीज
2018 327
2019 550
2020 13
2021 207

ऐसे करें डेंगू बचाव
-सोते समय मच्छरदानी जरूर लगाएं
-साफ पानी जमा नहीं होने दें
-मच्छर मारने वाली मशीन का करें इस्तेमाल
-घर के आस-पास कूड़ा जमा नहीं होने दें
-मच्छररोधी क्रीम और जेल लगाएं
-बुखार आने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें

शहर के अस्पतालों का हाल
पांडेयपुर स्थित जिला अस्पताल में डेंगू के 54 बेड हंै। यहां 37 मरीज भर्ती हैं। 12 मरीज इमरजेंसी में हैं। वहीं बीएचयू के डेंगू वार्ड में 10 बेड हैं और सभी पर मरीज हैं। कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल की बात करें तो यहां भी डेंगू वार्ड के सभी दस बेड पर मरीज हैं। उधर, ईएसाईसी हॉस्पिटल में डेंगू के 47 बेड हैं। इनमें 14 बेड पर मरीज भर्ती हैं।

कहते हैं जिम्मेदार अधिकार
स्वास्थ्य विभाग डेंगू और मलेरिया के मामलों पर नजर बनाए हुए है। इस वर्ष डेंगू के केस अधिक आ रहे हैैं, इससे निबटने की तैयारी पूरी है। अस्पताल में बेड रिजर्व हैं। लगातार डेंगू केस की निगरानी हो रही है।
डॉ राहुल सिंह, सीमएओ

डेंगू और मलेरिया से निबटने के लिए पूरी तोकत झोंक दी गई है। इसका असर भी दिखना शुरू हो गया है। ब्रिडिंग चेकर, हाउस इंडेक्स, सैम्पलिंग से डेंगू के मच्छरों को कंट्रोल की कोशिश चल रही है।
सौरभ चंद्र पांडेय, जिला मलेरिया अधिकारी

Posted By: Inextlive