-ब्लॉक प्रमुख चुनाव में बदला पूर्वाचल का समीकरण

-एमएलसी बृजेश सिंह के परिवार की रसोइया बनी ब्लॉक प्रमुख

शनिवार को संपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद बनारस के साथ ही पूर्वाचल के सियासी समीकरण बदल गए। चुनाव में माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की राजनीतिक जमीन पूरी तरह से खिसकती नजर आई। वहीं सेंट्रल जेल में बंद एमएलसी बृजेश सिंह और पूर्व एमएलसी विनीत सिंह का दबदबा एकबार फिर से कायम होता नजर आया। वहीं चुनाव के बाद एकबार फिर सियासी सरगर्मियां तेज होती दिखाई देने लगी हैं।

राजनीति में रसूख कायम

चोलापुर क्षेत्र के गोला गांव के रहने वाले पूर्व एमएलसी श्याम नारायण सिंह उर्फ विनीत सिंह ने मिर्जापुर में अपने करीबी राजू कनौजिया को जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठा दिया। सोनभद्र में उन्होंने अपना दल (एस) की प्रत्याशी राधिका पटेल को जीत का ताज पहनाया। वहीं जौनपुर में अपना दल (एस) के समर्थन से जिला पंचायत अध्यक्ष बनी श्रीकला रेड्डी की जीत के पीछे भी विनीत की ही अहम भूमिका बताई जा रही है। जबकि वाराणसी में जब विनीत के गांव से संबंधित ब्लॉक के प्रमुख की चुनाव की बारी आई तो उन्होंने अपने करीबी और मिर्जापुर के जिला पंचायत अध्यक्ष राजू कनौजिया की भाभी लक्ष्मीना कनौजिया को भाजपा से टिकट दिलाकर उन्हें निíवरोध निर्वाचित कराते हुए राजनीति में अपना रसूख कायम रखा।

सेवापुरी के प्रमुख के पद पर रीना कुमारी

वाराणसी में पंचायत चुनाव हो और कपसेठी हाउस यानी एमएलसी बृजेश सिंह और उनके बड़े भाई उदयनाथ सिंह उर्फ चुलबुल सिंह के परिवार का जिक्र न हो, यह तो हो ही नहीं सकता। एमएलसी बृजेश सिंह फिलहाल सेंट्रल जेल वाराणसी में बंद हैं, लेकिन उनकी राजनैतिक पकड़ कैसी यह जिला पंचायत चुनाव से लेकर ब्लॉक प्रमुख चुनाव में देखने को मिली है। कपसेठी से संबंधित ब्लॉक सेवापुरी के प्रमुख का पद इस बार अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित था। इसे देखते हुए कपसेठी हाउस में रसोई का काम देखने वाली रीना कुमारी को भाजपा से प्रत्याशी घोषित किया गया। रीना निíवरोध निर्वाचित हुई और अब वह वाराणसी के पहले मॉडल ब्लॉक सेवापुरी के प्रमुख के पद की कुर्सी पर 5 साल तक विराजमान रहेंगी।

श्रद्धा राय भाजपा से र्निविरोध

बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी गाजीपुर से सांसद हैं। उनके एक अन्य भाई शिवगतुल्लाह अंसारी पूर्व विधायक हैं। गाजीपुर के भांवरकोल ब्लॉक प्रमुख पद पर बीते दो दशक से वहीं निर्वाचित होते रहे। समय का चक्र कुछ ऐसा बदला कि इस बार अंसारी बंधुओं का हाथ तो दूर उनका नाम लेकर ब्लॉक प्रमुख के लिए कोई मैदान में ही नहीं उतरा। स्थिति यह हुई कि विधायक अलका राय की बहू श्रद्धा राय भाजपा से र्निविरोध ब्लॉक प्रमुख चुन ली गईं। यही नहीं इससे पहले जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भी अंसारी बंधु़ कोई दम नहीं दिखा सके थे।

Posted By: Inextlive