सरकार से लगाई गुहार कहा-गवर्नमेंट हॉस्टल के बराबर में हो रहे हैं बम धमाके हालात लगातार खराब हैं नहीं मिल रहा जरूरत का सामान

वाराणसी (ब्यूरो)यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गए कई छात्र-छात्राओं के फंसने की खबरें आ रही हैं। इनमें एक छात्र कमल सिंह ने ट्वीटर पर वीडियो वायरल कर भारत सरकार से सुरक्षा और वतन वापसी की गुहार लगाई है। छात्र ने वीडियो में वहां के हालातों का जिक्र करते हुए कहा है कि उनके नजदीक एक हॉस्टल के पास ही तीन बम गिरे हैं.

वाराणसी के कमल सिंह यूक्रेन की राजधानी कीव में हैं। उन्हें आज की फ्लाइट से दिल्ली आना था, मगर एयरस्पेस बंद होने से वहीं रुकना पड़ रहा है। कमल सिंह ने यूपी के हापुड़ निवासी दोस्त मोहम्मद फैसल के साथ सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल किया है। कमल ने बताया कि स्थिति बहुत खराब है, हमे जल्द बाहर निकाला जाए। बगल में गवर्नमेंट हॉस्टल के पास बम गिरे हैं। सामान नहीं मिल रहा है, छात्र ने वीडियो में एक डिपार्टमेंटल स्टोर का मंजर भी दिखाया है,

यूक्रेन में फंसे आजमगढ़ के बांगेश्वर प्रताप सिंह ने एक अन्य वीडियो में बताया कि इंडियन एंबेसी में बात हुई है, वे लोग हमे यूक्रेन से बाहर निकालने में पोलैंड की मदद लेने वाले हैं। हमें पोलैंड तक शरणार्थी बनकर प्रवेश दिलाया जाएगा। इसके बाद वहां से नजदीकी एयरपोर्ट से हमें भारत सरकार की फ्लाइट से लिफ्ट किया जाएगा। छात्रों ने बताया कि वाराणसी के ही योगेश शर्मा, निखिल दुबे छात्रा शिवांगी गुप्ता के नाम भी बताया जा रहा है। इनके अलावा एक जौनपुर के हर्षित सिंह भी फंसे हैं, छात्रों के मुताबिक ज्यादातर भारतीयों के पास राशन ज्यादा नहीं हैं। यूक्रेन के स्थानीय लोगों ने सारा सामान स्टोर करके रख लिया है। दुकानों पर जरूरी सामान नहीं मिल रहा है.

टिकट लिया है, लेकिन फ्लाइट ही कैंसिल है

बाबतपुर : यूक्रेन में एमबीबीएस कर रहे ङ्क्षपडरा निवासी देवल वर्मा ने मोबाइल पर हुई बातचीत में बताया कि कालेज से एक किमी दूरी पर ही विस्फोट हुआ है। हमले की आशंका में हम घर वापसी के प्रयास में थे, लेकिन टिकट की कीमत और ऑफलाइन क्लास चलने की संभावना में वापसी का प्रोग्राम कैंसिल कर दिया। सात मार्च का टिकट लिया है, लेकिन अब उड़ानें रद्द होने के बाद उम्मीद छोड़ चुके हैं। देवल के पिता डॉ। रमेश चंद्र वर्मा ने बताया कि बेटे से हर आधे-एक घंटे में बात हो रही है। उसके एकाउंट में पैसा भेजा है और बोला है कि चाहे जितने का भी टिकट मिले लेकर चले आओ। उसकी मां भी बहुत परेशान है.

खाने-पीने के सामान नहीं मिल रहे

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ागांव के पूर्व प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ। शेर मोहम्मद के भाई मकबूल भी यूक्रेन में फंसे हैं। उन्होंने बताया कि यहां जरूरत के सभी सामान बड़ी मुश्किल से मिल रहे हैं। खाने-पीने की चीजों का अकाल हो गया है। स्थानीय लोगों ने सामान खरीद कर अपने घरों में रख लिया है। हम लोग भी एक सप्ताह का राशन रख लिए हैं, लेकिन स्थिति काफी गम्भीर लग रही है। मोबाइल नेटवर्क भी ध्वस्त हो गया है। सिर्फ हमारे रूम में लगा वाई फाई ही कार्य कर रहा है। 26 फरवरी का टिकट लिया है, लेकिन अब मुश्किल लग रहा है, क्योंकि सभी उड़ाने अनिश्चित काल के लिए बंद कर दी गई हैं.

Posted By: Inextlive