-ऑनलाइन सिस्टम से लैस होने जा रहा है मंडलीय अस्पताल

-नया सिस्टम शुरू होने के बाद मरीजों का डाटा होगा ऑनलाइन, इलाज के लिए घर बैठे डॉक्टर से ले सकेंगे अप्वाइंटमेंट

-पहले फेज में इनडोर में लागू होगी व्यवस्था, ऑनलाइन मिलेगी जांच रिपोर्ट

गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स में इलाज कराने वाले पेशेंट्स को अब डॉक्टर से जांच कराने के लिए लंबा इंतजार और लैब रिपोर्ट के लिए बार बार अस्पताल का चक्कर लगाना नहीं होगा। अब मरीज घर बैठे ओपीडी में नंबर लगवाने के साथ ही रिपोर्ट की स्थिति भी ऑनलाइन चेक कर सकेंगे। क्योंकि नेशनल हेल्थ मिशन के तहत एसएसपीजी मंडलीय अस्पताल ऑनलाइन सिस्टम से लैस होने जा रहा है। इसको लेकर काम शुरू हो गया है। जल्द ही अस्पताल में इलाज के लिए ओपीडी रजिस्ट्रेशन से लेकर जांच रिपोर्ट तक सब कुछ ऑनलाइन रिकॉर्ड होगा। यही नहीं इस पोर्टल के जरिये प्रदेश के किसी भी कोने से अस्पताल में खाली बेड की स्थिति की जानकारी ली जा सकेगी।

पहले फेज का काम शुरू

इस प्रक्रिया को दो फेज में पूरा किया जाएगा। पहले फेज में इनडोर जबकि दूसरे फेज में आउटडोर को वेबसाइट से लिंक किया जाएगा। सेकेंड फेज में मिलने वाली सुविधाओं के तहत मरीज www.ors.gov.in पर लॉगइन करके अस्पताल में अपना रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। पहले फेज का काम तेजी से हो रहा है।

दूर दराज वालों को मिलेगी राहत

अस्पताल प्रशासन की मानें तो अस्पताल के ऑनलाइन हो जाने के बाद दूर-दराज से आने वाले मरीजों को काफी फायदा होगा। उन्हें घर बैठे जहां रजिस्ट्रेशन व डॉक्टर के अप्वाइंटमेंट का फायदा मिलेगा। वहीं उन्हें जांच रिपोर्ट भी ऑनलाइन मिल जाएगी। इसके साथ ही उन्हें एसएमएस से भी मैसेज भेजा जाएगा।

ब्लड बैंक भी ऑनलाइन

अधिकारियों ने बताया कि ऑनलाइन सिस्टम लागू होने से मरीज व तीमारदारों को हॉस्पिटल में भर्ती, डिस्चार्ज और रेफर स्टेटस का भी पता चल सकेगा। इसके साथ ही ब्लड बैंक को भी पूरी तरह से ऑनलाइन किया जा रहा है। इसमें ब्लड बैंक में मौजूद ब्लड यूनिट्स का स्टेटस ब्लड ग्रुप के साथ ऑनलाइन मिल सकेगा।

पहले फेज में 40 कंप्यूटर

योजना के तहत पहले चरण में 40 कंप्यूटर मंगाए जा रहे हैं, जो ओपीडी के साथ ही वा‌र्ड्स में भी लगाए जाएंगे। यहीं नहीं अस्पताल में ई-मेडिसीन डिस्पले बोर्ड भी लगाया जाएगा।

कहीं भी जाएं, रिकॉर्ड साथ पाएं

यदि आपका इलाज फिजिशियन कर रहे हैं और अभी तक कौन-कौन सी दवाएं आपकी चलीं? जांचें कौन-कौन सी हुई? कितने दिन से चेकअप हो रहा है। इन सबकी डिटेल ऑनलाइन दर्ज होगी। यदि किसी दूसरे डॉक्टर को दिखाना है तो ऑनलाइन ओपीडी के जरिए डॉक्टर्स यह देख सकेंगे कि अब तक इलाज क्या-क्या हुआ? इसके अलावा वा‌र्ड्स में भर्ती मरीजों का हर ब्योरा भी कंप्यूटर में दर्ज होगा, जिसे कभी भी देखा जा सकेगा।

टोकन से डॉक्टर देखेंगे पेशेंट

मंडलीय हॉस्पिटल के सभी ओपीडी कम्प्यूटर व इंटरनेट से लैस होंगे। ओपीडी में रजिस्ट्रेशन कराने वाले पेशेंट्स को टोकन के जरिए डॉक्टर्स देखेंगे। ओपीडी के बाहर डिस्प्ले बोर्ड भी लगाए जाएंगे। जिन पर अपना टोकन नंबर देख पेशेंट ओपीडी में चेकअप कराने पहुंचेंगे। इससे पहले दिखाए जाने को लेकर पेशेंट्स व डॉक्टर्स में आए दिन होनी वाली तकरार भी समाप्त होगी।

ऑनलाइन देख सकेंगे दवा का स्टॉक

हॉस्पिटल के ऑनलाइन सिस्टम से लैस होने के बाद डॉक्टर्स अपने ओपीडी में लगे कम्प्यूटर पर देख सकेंगे कि स्टोर में कौन-कौन सी दवाएं अवेलेबल हैं। वही दवाएं पेशेंट्स को पर्ची पर लिखेंगे। दवाएं नहीं अवेलेबल होने की स्थिति में हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन को डॉक्टर्स मेल भी कर सकेंगे।

ये होगा फायदा

-मरीज अपना रिकार्ड देख सकेंगे।

-मरीजों को कतार में खड़ा नहीं होना पड़ेगा।

-पेशेंट का रिकार्ड क्लाउड (सर्वर) में सुरक्षित रहेगा।

-एक्सरे व अन्य जांच रिपोर्ट का प्रिंट मरीज खुद निकाल सकेंगे।

-यूएचआईडी नंबर से देश के किसी भी सरकारी अस्पताल में मरीज जांच करवा सकेगा।

डॉक्टर्स को यह फायदा

-मरीज के यूएचआईडी नंबर से वार्ड या ओपीडी में कम्प्यूटर पर उस मरीज की डिटेल आ जाएगी।

-सभी ओपीडी व विभाग इंटरलिंक रहेंगे इससे किसी भी विभाग में रिपोर्ट पहुंच सकेगी।

वर्जन

मंडलीय अस्पताल को ई-हॉस्पिटल बनाने की दिशा में कार्य शुरू हो चुका है। हैदराबाद की कंपनी इसे डेवलप करने का काम कर रही है। सभी वार्ड व ओपीडी में वायर लाइन बिछाई जा चुकी है। बहुत जल्द मरीजों को इस सुविधा का लाभ मिलने लगेगा।

डॉ। अरविंद सिंह, एमएस

मंडलीय हॉस्पिटल, कबीरचौरा

Posted By: Inextlive