-दो महीने में 45 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गयी सरसो तेल की कीमत

आवक कम होने और डिमांड ज्यादा होने का फायदा उठा रहे बड़े कारोबारी

सब्जी और अनाज के बाद खाद्य तेल के रेट ने भी तेजी पकड़ ली है। पिछले दो महीनों में सरसों तेल में 44, सोया ऑयल में 40, पॉम ऑयल में 25 और वनस्पति ऑयल 20 रुपये महंगा हो गया है। कालाबाजारी के कारण खाद्य तेल के रेट में तेजी आयी है, जिसमें आगे भी बढ़ोतरी के संकेत मिले रहे हैं। हालांकि मलेशिया, वियतमान से रिफाइन और पॉम ऑयल की आवक हो गयी है। वहीं त्योहार में डिमांड बढ़ी तो बड़े कारोबारियों ने तेल को डम्प करना शुरू दिया। जिसका असर रेट पर पड़ा। रिफाइन और सरसों तेल महंगा होने से गृहिणियों का बजट तो बिगड़ा ही। छोटे-मोटे कारोबारियों का व्यापार भी गड़बड़ा गया है।

अच्छी पैदावार, फिर भी बढ़ रहे दाम

पूर्वाचल समेत पूरे देश में सरसों की अच्छी पैदावार हुई है। बावजूद इसके गल्ला मार्केट में सरसों का रेट प्रति क्विंटल दो सौ रुपये बढ़ गया है। इसके चलते सरसों तेल का रेट बढ़ गया है। सितम्बर में सरसों ऑयल 105 रुपये प्रति किलो मिल रहा था, लेकिन नवंबर में 150 रुपये हो गया है। विशेश्वरगंज के आढ़ती मनोज अग्रहरी के अनुसार बड़े स्तर के कारोबारियों द्वारा कालाबाजारी की जा रही है, जिसके चलते सरसों का तेल महंगा हो गया है। शहर के बाजार में ब्रांडेड और लोकल सरसों तेल उपलब्ध है, दोनों में तेजी है।

रिफाइन-पॉम ऑयल की आवक कम

भारत में मलेशिया, वियतमान और नेपाल से रिफाइन और पॉम ऑयल आता है। कोरोना के चलते लंबे समय से भारत के बंदरगाह पर इसकी आवक कम हो गई है। लेकिन इसकी डिमांड लगातार बनी है। ऐसी स्थिति में कारोबारियों ने कालाबाजारी शुरू कर दी है, जिसके चलते रिफाइन और पॉम ऑयल में प्रति किलो 40 से 25 रुपये बढ़ गए हैं।

व्यापारी वर्जन

पूंजीपतियों की मनमानी और कालाबाजारी के चलते बाजार में लगातार अस्थिरता बनी है। सरसों की अच्छी पैदावार हुई है बावजूद इसके सरसों तेल के रेट में सितंबर से नवंबर तक 50 रुपये की तेजी आ गई है। यही स्थिति रिफाइन और पॉम ऑयल की भी है। खाद्य तेल के दाम बढ़ने से खाद्य सामग्री बनाने और बेचने वाले व्यपारी और गृहणियां परेशान हैं

-संजय गुप्ता, अध्यक्ष-युवा व्यापार मंडल

कोरोना के चलते मलेशिया, वियतमान और नेपाल से रिफाइन-पॉम ऑयल की आवक भारत के बंदरगाहों पर बहुत कम है। स्टॉक में माल कम और डिमांड ज्यादा होने के कारण इनके दामों में बढ़ोतरी हो रही है। पॉम आयल न होने के कारण सरसों तेल की कीमत पर भी असर पड़ रहा है। आने वाले समय में और महंगा हो सकता है तेल।

-रितेश अग्रहरी, ऑयल कारोबारी

गल्ला बाजार में इन दिनों सरसों का रेट काफी बढ़ गया है। इसके चलते सरसों तेल की कीमत में बढ़ोतरी हुई है। यह तेजी अचानक नहीं आयी है। सितंबर महीने से सरसों तेल में 10 से 15 रुपये की बढ़ोतरी हो रही है। कई व्यापारियों के पास पुराना सरसो का स्टॉक है तो वो पुराने रेट पर उपलब्ध करा पा रहे हैं।

-शिवपूजन मिश्रा, मिल संचालक

खाद्य तेल में तेजी से इन पर पड़ा असर

-नमकीन कारोबार

-कचौड़ी जलेबी

-चॉट-गोलगप्पा

-रेस्टोरेंट

-रोल-बर्गर

तेल सितंबर नवंबर

सरसों तेल 105-150

सोया रिफाइन 90-130

पॉम ऑयल 85-110

वनस्पति 80-100

Posted By: Inextlive