मत करो भाई, यहां शिकायत है हवा-हवाई
=यूपीएसआरटीसी का हेल्पलाइन हुआ फेल, व्हाट्सएप नंबर से भी नहीं आता कोई जवाब
-शिकायतों की बाढ़ मगर निस्तारण का नहीं है अता-पता केस-वन कुछ दिनों पूर्व मिर्जापुर के सुमित सिंह ने कैंट बस स्टेशन के एक कैंटीन पर छोला-समोसा खाया। एक तो बासी समोसा और रेट भी तीस रुपये। कम्प्लेन के लिए यूपीएसआरटीसी के वेबसाइट से टोल फ्री नंबर मिलाया लेकिन 'डज नॉट एग्जिट' बताता रहा। केस-टू दो सप्ताह पूर्व आजमगढ़ तक जनरथ बस से सफर करने वाले कोनिया निवासी सोनू गुप्ता को बोतलबंद पानी नहीं मिला। कम्प्लेन के लिए रोडवेज के व्हाट्सएप नंबर पर मैसेज किया, वीडियो भी भेजा लेकिन उधर से कोई जवाब नहीं आया। यही हाल, 181 हेल्पलाइन नंबर का रहा। अब कहां दर्ज कराएं कम्प्लेनयह केस तो महज एक बानगी भर हैं। यात्रियों की शिकायतें सीधे मुख्यालय तक पहुंचाने के लिए सूबे की सरकार ने टोलफ्री और व्हाट्सएप नंबर जारी किया है। ताकि किसी भी समस्या का सीधे हेडक्वार्टर से निस्तारण हो सके। मगर सरकार का यह दावा हवा-हवाई हो गया है। शिकायतें दूर करने की बात छोडि़ए, यहां तो कम्प्लेन भी दर्ज ही नहीं होता। यूपीएसआरटीसी की वेबसाइट पर अपडेट व्हाट्सएप नंबर 9415049606 पर न तो वीडियो, मैसेज सीन होता है और न ही टोलफ्री नंबर 18001802877 मिलता है। हेल्पलाइन नंबर 181 की लाइन तो हमेशा व्यस्त ही मिलती है। ऐसे में यात्रियों को समझ में नहीं आता कि कम्प्लेन कहां दर्ज कराएं।
व्यवस्था पर खड़ा हो रहा सवाल डिजिटल क्रांति के दौर में रोडवेज की खस्ताहाल व्यवस्था पर प्रश्न खड़ा हो रहा है। एक ओर जहां हर विभाग ऑनलाइन पर जोर दे रहा है तो वहीं रोडवेज में यह सुविधा पंचर है। न तो रोडवेज की वेबसाइट काम करती है और न हेल्पलाइन ठीक तरीके से काम करता है। यही वजह है कि बस स्टेशनों पर खाद्य समाग्रियां महंगे दामों पर बेची जा रही है। बस के अंदर यात्री कम और लगेज अधिक भरकर चालक-परिचालक दौड़ा रहे हैं। जनरथ-वाल्वो और स्कैनिया में बोतलबंद पानी नहीं दिए जाने की शिकायतें भी दर्ज नहीं हो पाती है। ट्विटर पर मंत्रीजी कुछ नहीं करते ऑनलाइन शिकायतों के निस्तारण पर भले ही रेल मंत्रालय सहित सीएम का पोर्टल गंभीर हो लेकिन परिवहन विभाग में सब डांवाडोल है। वैसे सूबे के परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के कार्यक्रम ट्विटर पर अपडेट होते हैं लेकिन शिकायतों पर उनका री ट्विट कभी नहीं आता है। यही नहीं बनारस डिविजन रोडवेज तो ट्विटर पर है ही नहीं। बाकि मंडल ट्विटर पर भी हमेशा एक्टिव रहते हैं।शिकायतों के लिए रोडवेज हेडक्वार्टर पर टीम बैठी है। पोर्टल पर दिए गए नंबर और हेल्पलाइन नंबर शिकायतों के लिए है। हो सकता है कि कुछ देर के लिए नंबर व्यस्त हो। मगर अधिकतर सुनवाई होती है।
केके शर्मा, आरएम, बनारस डिविजन 8 डिपो बनारस डिविजन में 546 बसों का होता है संचालन 35 एसी बस 86 अनुबंधित बस 130 सिटी ट्रांसपोर्ट की बसेज 20 हजार से अधिक यात्रियों की होती है कैंट बस स्टेशन से डेली आवाजाही 01 हजार से अधिक दिव्यांग, नेत्रहीन सहित अशक्त यात्रियों की होती है गैदरिंग यह है नंबर हेल्पलाइन नंबर-181 टोल फ्री नंबर-18001802877 व्हाटसएप नंबर- 9415049606