कुछ दिनों पहले वाराणसी में राज्यपाल आईं थी. उनके आगमन को लेकर वाराणसी पुलिस सर्किट हाऊस के सामने खड़ी कार के मालिक को तलाशने लगी किसी के न िमलने पर ट्रैफिक पुलिस ने जब्त कर लिया.

वाराणसी (ब्यूरो) गोवा से चोरी हुई मारुति स्विफ्ट कार बनारस की सड़कों पर फर्जी नंबर से दौड़ रही थी। इसकी जानकारी तब हुई जब वाराणसी में राज्यपाल के आगमन के दौरान सर्किट हाउस के सामने मौजूद कार के मालिक को ट्रैफिक पुलिस तलाशने लगी। स्थानीय पुलिस ने गोवा पुलिस से संपर्क किया है।

सर्किट हाउस के सामने

कुछ दिनों पहले राज्यपाल वाराणसी आई थीं। उनके फ्लीट के लिए रोड खाली करा रही ट्रैफिक पुलिस को एक नीले रंग की स्विफ्ट कार सर्किट हाउस के सामने खड़ी नजर आई। इस पर विधानसभा का पास लगा हुआ था। कार को हटाने के लिए पुलिस कार मालिक को तलाशने लगी। काफी कोशिश के बाद भी वह नहीं मिला तो उसे पुलिस लाइन उठा लाई। कार पर मौजूद रजिस्ट्रेशन नंबर यूपी 65 डीएस 2099 के आधार पर वाराणसी के ही चिउरापुर के छत्रधारी ङ्क्षसह से संपर्क किया।

घर में खड़ी कार

उसने पुलिस लाइन आकर कार को देखा और बताया कि यह कार बिल्कुल उसकी कार जैसी है लेकिन उसकी कार घर पर खड़ी है। उसने यह भी जानकारी दी कि कार के घर पर रहने के बावजूद उसका दो बार फास्ट टैग के रुपये कट गए थे। यह सुनकर ट्रैफिक पुलिस अधिकारी सन्न रह गए। कार की चेसिस नंबर के आधार पर उन्हें जानकारी मिली कि यह कार प्रियांश तावड़े के नाम से गोवा के शोरूम से खरीदी गई थी। इसका रजिस्ट्रेशन होने से पहले ही वर्ष 2020 में चोरी हो गई थी। इस पर हूबहू दिखने वाली वाराणसी में मौजूद कार का रजिस्ट्रेशन नंबर लगाकर चलाया जा रहा था। कार को जांच से बचाने के लिए विधानसभा का फर्जी पास भी लगा दिया था।

आएगी गोवा पुलिस

ट्रैफिक पुलिस ने गोवा पुलिस से संपर्क करके पूरे मामले की जानकारी दी है। गोवा पुलिस कार को कब्जे में लेने के लिए वाराणसी आएगी। फर्जी नंबर से वाहनों के सड़कों पर चलने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इसके पहले एक ही नंबर की दो थार शिवपुर में नजर आईं थी। राजातालाब के युवक की बाइक का नोएडा में आनलाइन हेलमेट के लिए चालान हो गया था। ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि एक ही नंबर पर दो वाहनों के चलने या वाहन के बिना टोल टैक्स से गुजरने फास्ट टैग के रुपये कट जाएं तो इसकी जानकारी ट्रैफिक पुलिस के साथ आरटीओ आफिस में देनी चाहिए। फर्जी नंबर से चलने वाले वाहन को पकड़कर उसे सीज किया जाता है। उसे चलाने वाले व्यक्ति के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया जाता है.

Posted By: Inextlive