जोआन सैविका ने बालों से सबसे अधिक वजन उठाने का गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है. ऐसा करने में किसी की भी खोपड़ी फट सकती है. तो आख़िर उन्होंने अपने बालों को ऐसा कैसे बनाया है?


पोलैंड में जन्मी 37 वर्षीय जोआन सैविका 'सर्कस ऑफ हॉरर' में काम करती है. उनका कहना है कि वो हेयर कंडीशनर का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करती हैं. हेयर कंडीशनर की दो बोतल औसतन एक दिन में वो अपने बालों के लिए इस्तेमाल करती है.सर्कस के दौरान हर दिन उन्हें मंच पर हवा में झूलना होता है. वह किसी विशेष डंडे के सहारे झूलने के बजाय अपने बालों के सहारे लटकती हैं.वह सर्कस में दिखाए जाने वाले 'बालों से लटकने' वाले करतब की आधुनिक माहिर हैं. माना जाता है यह करतब मूल रूप से चीन में पुरुष दिखाते थे.वह लंदन बायोकेमिस्ट्री की पढ़ाई करने के लिए आई थीं लेकिन 'सर्कस ऑफ हॉरर' देखने के बाद उन्होंने सब कुछ छोड़ दिया.उन्होंने सर्कस का जीवन सड़क किनारे शो करने से शुरू किया. शुरू में उन्होंने 'कांटों के बिस्तर पर सोने' जैसे प्रदर्शन दिखाए.करतब से नाम
अनास्तासिया दिन में पांच बार अपने बाल को कंडीशन करती हैं. पहली बार वो कंडीशनर का इस्तेमाल सुबह-सुबह करती हैं, दूसरी बार दोपहर से पहले. इस समय वो शो होने वाली जगह पहुंच चुकी होती हैं.


रात में शो शुरू होने से पहले वह कंडीशनर का इस्तेमाल तीसरी बार करती है. उस वक्त कंडीशनर से धोने के बाद बालों को गीला छोड़ देती है.शो के वक़्त उनके बाल गीले रहते हैं. शाम को शो के बाद वो बालों को एक घंटे के लिए खुला छोड़ देती हैं ताकि वे मज़बूत हों.टीम के होटल पहुंचने के बाद वो देर रात में पांचवीं और अंतिम बार कंडीशनर का प्रयोग करती है.अनास्तासिया कहती है, "मैं यह ज़रूर कहूंगी कि थोड़ा सा दर्द होता है. मैं कंडीशनर और विटामिन का भारी मात्रा में उपयोग करती हूँ.ऐसा नहीं है कि बस बालों के उचित देखभाल से इस तरह का करतब करना संभव हो पाता है. वास्तव में, यह सिर्फ बालों का मामला नहीं हैं, बल्कि गर्दन और कंधों की सहायता से इसे अंजाम दिया जाता है.उनका हर बाल करीब 100 ग्राम वज़न उठा लेता है. वो कहती हैं, "बालों को ब्रश करने में मुझे रोज़ाना आधा घंटा लगता है फिर सिर में वो जगह ढूंढनी पड़ती है जहां के सारे बाल एक कोण और बराबर तनाव के साथ वज़न खींच सकें."इसके बाद 45 मिनट तक दो लोग उनके बालों को जमाते हैं.

वह नियमित रूप से सिर दर्द से पीड़ित रहती है और कभी-कभी माइग्रेन से भी ग्रस्त रहती हैं. वह जब तीन महीने तक सर्कस के दौरे पर रहती हैं तो उनके सिर के ऊपरी हिस्से में एक जगह कड़ापन आ जाता है.वह कहती है कि 'अगले दो सालों तक' यही करना चाहती हैं लेकिन बायोकेमिस्ट्री की पढ़ाई फिर से शुरू करने की संभावना से भी वो इनकार नहीं करती हैं.

Posted By: Subhesh Sharma