-केस्को इम्प्लाइज की मिलीभगत से बिजली में सब्सिडी डकारने का लंबे समय से चल रहा है खेल

- 100 एचपी तक के पॉवरलूम कनेक्शन पर सिर्फ फिक्स्ड चार्ज लिया जाता है, शासन भरता है बाकी बिल

-लोड बढ़वाने के बजाए एक ही परिसर में दो या तीन कनेक्शन लेकर डकारी जा रही करोड़ों की सब्सिडी

- जांच में पकड़े गए कई मामले, कनेक्शन काटने के साथ सब्सिडी वसूलने की हो रही तैयारी

-हर साल एनर्जी चार्ज के रूप में 5 से 6 करोड़ की सब्सिडी की केस्को को भरपाई करता है शासन

KANPUR: केस्को इम्प्लाइज की मिलीभगत से सिटी में पॉवरलूम सब्सिडी डकारने का बड़ा खेल चल रहा है। हर साल सब्सिडी के नाम पर करोड़ों रुपए डकारे जा रहे हैं। डिस्ट्रीब्यूशन इम्प्लाइज की मिलीभगत से लंबे समय से चल रहे इस खेल की भनक केस्को अफसरों को लग चुकी है। उन्होंने इसकी जांच शुरू करा दी है। शुरुआती जांच में ही फर्जीवाड़ा कर सब्सिडी डकारने के कई मामले सामने आ गए। अब केस्को अफसर ऐसे कनेक्शन काटने और डकारी गई सब्सिडी वसूलने की तैयारी में जुट गए हैं।

हर 5 से 6 करोड़ की बिजली में सब्सिडी

केस्को अफसरों के मुताबिक, पॉवरलूम इंडस्ट्री लगाने पर स्टेट गवर्नमेंट बिजली में जबरदस्त सब्सिडी देती है। 100 हॉर्स पॉवर तक के कनेक्शन पर इंडस्ट्रियलस्टि से केवल फिक्स्ड चार्ज लिया जाता है, जबकि एनर्जी चार्ज पूरी तरह से माफ रहता है। केस्को को एनर्जी चार्ज की भरपाई स्टेट गवर्नमेंट करती है। हर साल इन पॉवर लूम कनेक्शन पर 5 से 6 करोड़ की बिजली खर्च होती है। केस्को इनके बिल शासन को भेजता है। शासन फिक्स्ड चार्ज को छोड़कर एनर्जी चार्ज केस्को को दे देता है।

सिटी में 300 से अधिक कनेक्शन

सिटी में पॉवरलूम के 300 से अधिक कनेक्शन है। ये कनेक्शन हैरिसगंज, सुजातगंज, नौबस्ता, बर्रा, दादा नगर, जरीबचौकी, कोपरगंज आलू मंडी, फूलबाग, जाजमऊ आदि डिवीजन में हैं। पॉवरलूम कनेक्शन पर फिक्स्ड चार्ज 130 रूपए प्रति हॉर्सपॉवर प्रति महीना ही लिया जाता है। जबकि 100 एचपी से कम बिजली खर्च होने पर एनर्जी चार्ज इंडस्ट्रियलिस्ट से नहीं वसूला जाता है। ये बिल शासन को भेजे जाते हैं।

ऐसे होता है पूरा खेल

पॉवरलूम इंडस्ट्री लगाने पर 100 हॉर्स पॉवर तक कनेक्शन पर ही सब्सिडी शासन देता है। यह सब्सिडी वर्ष 2006 से पॉवरलूम इंडस्ट्री को मिल रही है। इसी वजह से अधिकतर पॉवरलूम इंडस्ट्री के लिए 100 हॉर्सपॉवर से कम कांट्रैक्ट लोड का ही कनेक्शन लिया जाता है। ऑर्डर अधिक मिलने या बिजली का अधिक खर्च देख इंडस्ट्रियलिस्ट लोड नहीं बढ़वाते हैं। बल्कि केस्को इम्प्लाइज से मिलीभगत कर दूसरे नाम से एक और कनेक्शन ले लेते हैं। अपना फायदा देखकर केस्को इम्प्लाई एक ही परिसर में दूसरा कनेक्शन भी जारी कर देते हैं। इससे कांट्रैक्ट लोड 100 हॉर्स पॉवर से अधिक नहीं हो पाता है। दोनों ही पॉवरलूम कनेक्शन पर बिजली खर्च में गवर्नमेंट से सब्सिडी भी लेते रहते हैं।

समझिए सब्सिडी का गणित

पॉवरलूम कनेक्शन की टीओडी बिलिंग होती है। बिलिंग में मिनिमम एनर्जी रेट 6.84 रूपए प्रति यूनिट और मैक्सिमम एनर्जी रेट 7.83 रूपए प्रति यूनिट तक जाता है। मान लीजिए 50 हॉर्सपॉवर के एक पॉवरलूम कनेक्शन पर 10 हजार यूनिट बिजली खर्च हुई है। ऐसे कनेक्शन की बिलिंग में फिक्स्ड चार्ज 130 रूपए प्रति हॉर्सपॉवर प्रति महीना के हिसाब से केवल 6500 रुपए बनता है। वहीं मिनिमम एनर्जी रेट के हिसाब से टोटल एनर्जी चार्ज 78300 रुपए हुई। एनर्जी चार्ज पर सब्सिडी होने की वजह से केस्को केवल फिक्स्ड चार्ज के 6500 रुपए ही वसूलता है। वहीं 78300 रूपए एनर्जी चार्ज की भरपाई शासन केस्को को करता है।

इन मोहल्लों में पॉवर कनेक्शन

हैरिसगंज, सुजातगंज, नौबस्ता, बर्रा, दादा नगर, जरीबचौकी, कोपरगंज आलूमंडी, फूलबाग आदि

पॉवरलूम सब्सिडी का गलत फायदा उठाया जा रहा है। सब्सिडी पाने के लिए एक ही परिसर में अलग-अलग नामों से 2-2,3-3 कनेक्शन चल रहे हैं। जांच में ऐसे कई मामले सामने आए हैं। कनेक्शन काटने के साथ सब्सिडी भी वसूली जाएगी। ऐसे ही एक मामले में सैटरडे को दादा नगर में एक परिसर में चल रहे दोनों कनेक्शन काटे गए हैं।

-- आरएस यादव, डायरेक्टर टेक्निकल केस्को