कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी कोर टीम पर लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री और दक्षिण दिल्ली से पूर्व सांसद मिलिंद देवड़ा ने चुनावों में हार के लिए राहुल गांधी के करीबियों पर निशाना साधा है।

उन्होनें आरोप लगाया है कि राहुल के सलाहकार गलत थे और उनकी दी गई हर सलाह चुनावी रणनीति के दौरान गलत साबित हुई। देवड़ा ने कहा कि राहुल के सलाहकार जमीनी हकीकत को समझने में नाकाम रहे और उन्हें चुनावी राजनीति की समझ नहीं थी।

मिलिंद देवड़ा की टिप्पणी पर मची घमासान

मिलिंद देवड़ा ने कहा कि उनकी यह टिप्पणी पार्टी के प्रति गहरी निष्ठा और चुनावों में उसके खराब प्रदर्शन से हुई पीड़ा से उपजी है। देवड़ा ने ट्विटर पर कहा, ''मेरी टिप्पणी पार्टी के प्रति गहरी निष्ठा की भावनाओं, चुनावों में हमारे प्रदर्शन को लेकर पीड़ा और पार्टी को फिर से पहले जैसी स्थिति में देखने की एक ईमानदार इच्छा से की गई है, इससे अधिक कुछ नही."

पार्टी की हार और काग्रेस नेताओं में मार

एनसीपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल का भी कहना है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा खुद को मजबूती से पेश नहीं कर पाने और सहयोगी दलों से बातचीत नहीं करने की वजह से ही कांग्रेस की करारी हार हुई।

सोलहवीं लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस को 543 सीटों में से मात्र 44 सीटें हासिल हुई हैं जो पार्टी का अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन है।

कांग्रेस नेताओं ने गुरुवार को कहा कि पार्टी को कठोरता से 'आत्मनिरीक्षण' करना चाहिए, और सिर्फ उन्हीं लोगों को नेतृत्व वाली भूमिका सौंपी जानी चाहिए, जिन्हें जमीनी कार्यों का अनुभव हो।

मिलिंद देवड़ा की ये टिप्पणियां काफी इम्पोर्टेंट है क्योंकि पार्टी में इस बात को लेकर पहले से ही गहमागहमी चल रही है कि ऐसे अनेक लोगों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गईं, जिन्हें न चुनावों का कोई अनुभव था, न राजनीति के चालों और नीतियों की समझ थी।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सचिव प्रिया दत्त ने भी गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की तथा इस बात पर चर्चा की कि क्या गलतियाँ हुई है जिसका ये परिणाम देखना पड़ा।

हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में मिलिंद देवड़ा दक्षिण मुंबई सीट पर शिवसेना के अरविंद सावंत से पराजित हुए हैं, जबकि प्रिया दत्त को भाजपा की पूनम महाजन के हाथों मात खानी पड़ी है।

सत्यव्रत चतुर्वेदी ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी भी मिलिंद देवड़ा द्वारा व्यक्त किए गए विचारों से सहमत दिख रहे हैं। उन्होंने भी उम्मीद जताई कि समस्याओं को दूर करने के लिए ईमानदार और कठोर आत्मनिरीक्षण किया जाएगा।

कई कांग्रेसी नेताओं ने एक सुर में कहा है कि सिर्फ उन्हीं लोगों को नेतृत्व वाले पद दिये जाने चाहिए जिन्हें जमीनी कार्यों का अनुभव हो और कठोरता से आत्म निरीक्षण होना चाहिए ताकि पार्टी को अपना खोया हुआ आधार वापस पाने में मदद मिल सके.

कांग्रेस उपाध्यक्ष की चुनावी भूमिका की चौतरफा आलोचना होने पर कई नेताओं ने राहुल गाँधी के बचाव में भी कई बातें कही. पूर्व केन्द्रीय मंत्री और सांसद भँवर जितेन्द्र सिंह ने देवड़ा के उस बयान को गैर-राजनीतिक और अनुभवहीन कहा. सिंह ने ये भी कहा कि देवड़ा खुद भी राजनीतिक सलाहकार थे और अब ये सलाहकारों की भूमिका की आलोचना कर रहे हैं.उन्हें अपने अंदर झांककर देखने की आवश्यकता है.

पार्टी की हार और काग्रेस नेताओं में मार

राजीव सातव और मनीष तिवारी ने किया बचाव

यूवा कांग्रेस के प्रमुख राजीव सातव ने भी राहुल गाँधी का बचाव करते हुए कहा कि चुनाव में हुई हार सामूहिक जिम्मेदारी है.आप किसी एक को इसके लिए जिम्मेदार नही मान सकते.

पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने भी देवड़ा की टिप्पणी को हास्यास्पद कहा और उनसे पुछा कि क्या आप राहुल टीम का हिस्सा नही थे? उन्होनें कहा कि जहां हमें फिर से पार्टी की मजबूती के लिए काम करना चाहिए बहां इस तरह की छींटाकशी शोभा नही देती.

कांग्रेस की यथास्थिति जो भी हो, भविष्य कैसा होगा ये इन नेताओं पर ही निर्भर करता है कि ये कांग्रेस को किस मोड़ पर ले जाते हैं.

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