- सड़क पर कूड़ा फेंकने पर होगी कार्रवाई
- सेनेटरी इंस्पेक्टर्स की जिम्मेदारी होगी तय
आगरा। शहर में अब कचरा कलेक्शन की डिजिटलाइज मॉनिटरिंग होगी। इसके लिए घरों पर चिप लगाई गई है। साथ ही सफाईकर्मियों को भी रिस्ट वॉच दी जाएंगी। इससे जहां कर्मचारियों की कार्यशैली पर नजर रखी जा सकेगी, वहीं कचरा कलेक्शन भी प्रॉपर हो सकेगा।
चिप लगने से ये होगा फायदा
- कूड़ा सड़क पर फेंका जाता है तो कंट्रोल रूम में अलर्ट हो जाएगा। दोषी के खिलाफ कार्रवाई हो सकेगी।
- सेनेटरी इंस्पेक्टर मौके पर जाकर कार्रवाई कर सकेंगे।
- कूड़ा उठाया गया कि नहीं, इसकी जानकारी कंट्रोल रूम को हो सकेगी।
- कितने दिनों कूड़ा उठान हुआ, इसकी जानकारी हो सकेगी।
- बार कोड के जरिए घर बैठे ही पेमेंट किया जा सकेगा।
- कर्मचारियों को रिस्ट वॉच मिलेगी। वे इसको टच करेंगे तो सफाईकर्मी की हाजिरी हो सकेगी।
- अभी इसका कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है। ये निशुल्क लगाई जा रही है।
- सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट व्यवस्था हाईटेक हो सकेगी।
- चिप के माध्यम से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की मॉनीटरिंग कमांड कंट्रोल सेंटर से हो सकेगी।
- सफाई का पूरा डाटा कंट्रोल रूम में संग्रहीत हो सकेगा।
- डलावघरों में सीसीटीवी कैमरे और कंटेनरों में जीपीएस सिस्टम लगाए जाएंगे।
- कूड़ा जलाने पर जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
तीन तरह के कंटेनर रखे
शहर के 100 वार्डो में तीन प्रकार के कंटेनर रखे गए हैं। पहले तरीके लिटर बींस रखे गए हैं। कंटेनर उनमें गीला-सूखा कूड़ा रखा जाएगा। इनकी संख्या तकरीबन साढ़े ग्यारह सौ के करीब है। वहीं दूसरी तरीके के कंटेनर क्यूबिक मीटर के हैं। इनकी संख्या 65 है। तीसरे तरीके से कंटेनर 4.5 क्यूबिक मी। के हैं। इनकी संख्या सवा सौ है। इसके अलावा बड़े कंटेनरों की संख्या 414 के करीब है। इन सभी में गलोबल पोजीशनिंग सिस्टम लगाया जाएगा।
100 वार्डो में रखे लिटर बींस
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यहां किया जा रहा चिप लगाने का कार्य
लोहामंडी
रावतपाड़ा
राजामंडी
संजय प्लेस
शाहगंज
सफाईकर्मियों को दी जाएगी रिस्ट वॉच
सफाईकर्मचारियों को रिस्ट वॉच दी जाएंगी। कर्मी जहां से भी कूड़ा कलेक्शन करेंगे, उस रिस्ट वॉच को कंटेनर में लगे जीपीएस सिस्टम से टच करेंगे। इससे कूड़ा उठने की मॉनीटरिंग हो सकेगी। इसकी लाइव ट्रैकिंग हो सकेगी। कुबेरपुर खत्ताघर पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
शहर से निकलता है कचरा
785 मिट्रिक टन
तैयार किया जा रहा कंपोस्ट
कुबेरपुर में 20 एमटीडी (मीट्रिक टन पर-डे) का प्लांट कार्यरत है। इससे रोजाना गीले कूड़े से 3.5 एमटीडी कंपोस्ट तैयार किया जा रहा है। वहीं, दूसरा प्लांट जो राजनगर में कार्यरत है। उससे से फूलों से प्रतिदिन 0.3 एमटीडी कंपोस्ट तैयार किया जा रहा है।
अब तक चिप लगी
भवन: 4000
डस्टबिन:::.1000
कंपनी
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड