प्रयागराज (ब्‍यूरो)। प्रदेश सरकार ने शस्त्र जमा करने की बाध्यता खत्म कर दी है। अपर मुख्य सचिव ने यह निर्देश हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद जारी किया है। ऐसे में अब सामान्य स्थिति में बगैर आपराधिक छवि वालों का शस्त्र पुलिस नहीं जमा कराएगी। हालांकि इस आदेश के बाद भी पुलिस आपराधिक छवि वाले लाइसेंसधारियों से शस्त्र जमा करा सकती है। ताकि लोकसभा चुनाव में अशांति की संभावना को कम किया जा सके।

पुलिस जमा करा रही थी असलहा
लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद ही पुलिस ने शस्त्र जमा कराना शुरू कर दिया था। तमाम लोग खुद ही किसी पचड़े में फंसने के डर से शस्त्र थाने में जमा कर देते हैं। वहीं, तमाम लोग अपनी सुरक्षा के मद्देनजर शस्त्र नहीं जमा करते हैं। इसको लेकर लोग अफसरों के पास अप्लीकेशन लेकर चक्कर काटते रहते हैं।

हाईकोर्ट ने जारी किया आदेश
रविशंकर तिवारी व चार अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य में हाईकोर्ट ने शस्त्र जमा कराने की बाध्यता पर सवाल खड़ा करते हुए आदेश जारी किया कि सामान्य स्थिति में शस्त्र न जमा कराया जाए। हालांकि शस्त्र जमा कराने का अधिकार जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में गठित स्क्रीनिंग कमेटी के पास सुरक्षित रखा गया है।

ऐसे मामलों में जमा हो सकते हैं शस्त्र
- यदि कोई व्यक्ति गंभीर आरोप में बेल पर है।
- यदि किसी व्यक्ति की क्रिमिनल हिस्ट्री है।
- यदि किसी ने इलेक्शन के दौरान उपद्रव किया है।
- यदि किसी से चुनाव प्रभावित होने की आशंका है।

एक हफ्ते में वापस करना होगा शस्त्र
शासनादेश में कहा गया है कि शस्त्र जमा कराने पर लाइसेंस धारक को पर्ची दी जाए। शस्त्र को सुरक्षित रखा जाए। साथ ही चुनाव परिणाम आने के एक सप्ताह के अंदर शस्त्र लाइसेंस धारक को वापस किया जाए।