प्रयागराज (ब्‍यूरो)। एक सिपाही को जमीन लेना महंगा पड़ गया। सिपाही को जमीन तो नहीं मिली बल्कि धमकी भी दे दी गई कि उसकी नौकरी चली जाएगी। जान से भी हाथ धोना पड़ेगा। परेशान हाल सिपाही ने जार्जटाउन थाने में केस दर्ज कराया है। पुलिस मामले की जांच रही है।

सिपाही रामकृपाल सिंह की जमीन खरीदने की कहानी 2015 में शुरू हुई। जब रामकृपाल सिंह जौनपुर में पोस्ट था। बकौल सिपाही रामकृपाल की मुलाकात पवारा में एक कॉलेज के प्रबंधक राजेश त्रिपाठी से मुलाकात हुई। प्रबंधक राजेश त्रिपाठी ने बताया कि वह पापर्टी डीलिंग का भी काम करता है। उसकी प्लाटिंग उस्तापुर महमूदाबाद में चल रही है। रामकृपाल ने प्लाट देखा। मामला तय हो गया। रामकृपाल ने अपनी पत्नी के नाम जमीन की रजिस्ट्री कराई। कुछ दिनों बाद जमीन की पक्की पैमाइश हुई। इस दौरान रामकृपाल के प्लाट की जमीन कुछ ज्यादा निकली। सिपाही रामकृपाल ने ज्यादा जमीन के लिए दो लाख रुपये राजेश और उसकी पत्नी रेखा के खाते में ट्रांसफर किया। कुछ दिनों बाद रामकृपाल को पता चला कि उसकी जमीन किसी दूसरे को दे दी गई है।

यह काम प्लाटिंग का काम देखने वाले हरिश्चंद यादव ने किया है। दोनों पक्षों में बातचीत शुरू हो गई। रामकृपाल ने अपना पैसा वापस मांगा तो उसे जान से मारने और नौकरी ले लेने की धमकी दी गई। सिपाही के साथ हुए फ्रॉड में राजेश का रिश्तेदार अमृश और उसका बेटा समर्थ भी शामिल था। सिपाही ने मामले की शिकायत कमिश्नर रमित शर्मा से की। जिसके बाद जार्जटाउन थाने में सिपाही की तहरीर पर केस दर्ज किया गया है।