सीजन आते ही स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए निर्देश

एसआरएन हॉस्पिटल की लैब को भेजा लेटर, किट रखने के निर्देश

ALLAHABAD: बारिश का सीजन शुरू होते ही डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग एलर्ट हो गया है। विभागीय अधिकारियों ने साफ तौर पर कहा है कि डेंगू को लेकर प्राइवेट लैब में की गई जांच की रिपोर्ट कतई नहीं मानी जाएगी। लक्षण मिलने पर केवल सरकारी जांच करानी होगी। विभाग ने इसके लिए एसआरएन हॉस्पिटल की लैब को जांच किट की उपलब्धता के निर्देश दिए हैं, जिससे मरीजों को खून की जांच को लेकर दिक्कतों का सामना न करना पड़े।

ब्लड बैंकों में बना रहे स्टाक

हर साल बारिश के मौसम में जलभराव के साथ ही मलेरिया और डेंगू के केसेज सामने आने लगते हैं, यही कारण है कि इस साल भी स्वास्थ्य विभाग पहले से सतर्क हो गया है। संक्रामक रोग सेल के इंचार्ज डॉ। एएन मिश्रा ने बताया कि बेली, एसआरएन, कॉल्विन समेत एएमए ब्लड बैंक को प्लेटलेट्स का स्टॉक रखने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि, डेंगू से पीडि़त मरीज को खून की जरूरत पड़ने पर परेशान न होना पड़े। बता दें कि डेंगू से पीडि़त मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स की कमी हो जाने पर जान जाने का खतरा बन जाता है। ऐसी हालत में उसे तत्काल कई यूनिट प्लेटलेट्स की आवश्यकता होती है। जबकि, पिछले कुछ सालों में डेंगू फैलने पर बहुत से मरीजों को प्लेटलेट्स के लिए भटकते देखा गया है।

रिजर्व होंगे दस-दस बेड

डेंगू के मरीजों को अन्य मरीजों के साथ नहीं रखा जा सकता है, ऐसा नहीं करने पर संक्रमण फैलने के आसार होते हैं। डॉ। मिश्रा ने कहा कि अभी से सरकारी हॉस्पिटल्स में दस-दस बेड डेंगू के मरीजों के लिए रिजर्व किए जाने के निर्देश दिए जा रहे हैं। इसके लिए हॉस्पिटल्स को लेटर भेजा जा रहा है। साथ ही शहर के तराई वाले क्षेत्रों में डेंगू के अधिक मरीज सामने आते हैं, जिसको देखते हुए इन क्षेत्रों में विशेष एहतियात बरतने के आदेश दिए गए हैं।

ऐसे होगा डेंगू से बचाव

- अपने आसपास जलभराव न होने दें, ठहरे हुए साफ पानी को तत्काल निकाल दें।

- डेंगू एडीज मच्छर के काटने से फैलता है जो ठहरे हुए साफ पानी में पाया जाता है।

- घर में कूलर का पानी समय-समय पर बदलते रहें, साथ ही प्लास्टिक के डिब्बों और टायर में भरे पानी को हटा दें।

- डेंगू के लक्षण पाए जाने पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें, जांच एसआरएन हॉस्पिटल की लैब में कराएं।

- डेंगू के मरीज को मच्छरदानी में रखें, ऐसा नहीं करने पर दूसरों को यह रोग चपेट में ले सकता है।