प्रयागराज (ब्‍यूरो)। मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्यूनिकेशन डिपार्टमेंट से बीटेक कम्प्लीट करने वाले ओम विजय गुप्ता 2023 में संस्थान के ओवर ऑल टॉपर रहे है। ओम विजय को इस शानदार परफारमेंस के दम पर इस वर्ष संस्थान में आयोजित होने वाले कन्वोकेशन में चार गोल्ड मेडल के लिए सेलेक्ट किया गया है। इंस्टीट््यूट की तरफ से मेडल पाने वाले छात्रों की लिस्ट वेबसाइट पर शेयर की गयी तो दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने ओम विजय की खोज शुरू कर दी। ओम विजय वर्तमान समय में जॉब ज्वाइन कर रहे हैं। फिलहाल उनकी इंटर्नशिप चल रही है। इसी स्थान पर उन्हें जॉब की कन्फर्मेशन भी मिल चुकी है। उनका नंबर ट्रैक करने के लिए संस्थान से बेहद कम कोआपरेशन मिला। जैसे तैसे नंबर का जुगाड़ हुआ तो दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से ओम विजय से बात करके सफलता का मंत्र जानने की कोशिश की। ओम विजय ने कहा कि टारगेट, कमिटमेंट और डेडीकेशन है तो कोई भी लक्ष्य असंभव हो ही नहीं सकता। ऐसा भी जरूरी नहीं है कि आप सिर्फ पढ़ाई करें और लाइफ के दूसरे पहलू को मिस कर दें। उसे भी पूरा वक्त दें ताकि ग्रोथ ओवरआल हो और आप अपने काम को एंज्वॉय कर सकें।

कम पढ़े मगर रोज पढ़े
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से बातचीत में विजय ने कहा कि प्रत्येक छात्र चाहे वह जिस फील्ड में जाने की तैयारी कर रहा हो उसके लिए रोज पढऩा अनिवार्य है। समय कम ज्यादा हो सकता है लेकिन पढ़ाई रेग्युलर होनी चाहिए। ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए कि एक दिन सात घंटे पढ़ाई की और अगले दिन किताब ही नहीं खोली। ऐसा करने से हैबिट ब्रेक होती है और इसका इंपैक्ट आपकी मेमोरी पर पड़ता है। रेग्युलर पढ़ाई न करने पर पढ़ी हुई चीजें भी धीरे धीरे भूलने लगेंगी। नया टॉपिक चूज करें तब भी रिवीजन जरूर करते रहें ताकि पुरानी चीजों को भूलते न जाएं।

पुराना पेपर साल्व करके करें प्रैक्टिस
विजय का कहना है कि बीटेक का कोर्स पूरा करते समय कोई फिक्स शेडयूल फॉलो नहीं किया। हां, यह फोकस में जरूर था कि कभी कोई क्लास मिस होने न पावे। वह कहते हैं कि अपने नोट मैं खुद तैयार करता था। लेक्चर और बुक्स की इसमें मदद लेता था। एग्जाम में बेहर माक्र्स पाने के लिए इसी नोट पर भरोसा करता था। इसके अलावा रेग्युलर बेसिक पर पुराने पेपर को साल्व किया करते थे। उनका कहना है ऐसा करने से सवाल का पूरी तरह से आइडिया हो जाता था और टॉपिक भी काफी हद तक क्लीयर हो जाता था। इससे टाइम कैसे मैनेज करना होगा, यह भी क्लीयर हो गया। विजय का कहना है कि जो छात्र आईआईटी जेईई की तैयारी कर रहे हैं वे मॉक टेस्ट में अनिवार्य रूप से शामिल हों। इसका फायदा यह है कि आपको पता चल जाएगा कि तैयारी का स्टैंडर्ड क्या है और नेक्स्ट लेवल पर आपको कितनी मेहनत और करनी है। कंसंट्रेशन एरिया में क्या रखना है।

एक्स्ट्रा कॅरिकुलर एक्टिविटी जरूरी
विजय का कहना है कि सिर्फ एकेडमिक्स पर फोकस रहना बिल्कुल ठीक नहीं है। छात्रों को कॉलेज लेवल पर होने वाली एक्स्ट्रा कॅरिकुलर एक्टिविटीज में भी पार्टिसिपेट करना चाहिए। एमएनएनआईटी में पढ़ाई के दौरान विजय बैडमिंटन खेला करते थे। संस्थान की तरफ से आयोजित होने वाले स्पोट्र्स इवेंट में उन्होंने पार्ट किया और बैडमिंटन प्रतियोगिता में मेडल अपने नाम किया। इसके अलावा विजय संस्थान के ईबीएसबी क्लब के फाउंडर भी रह चुके है। इनका कहना है की एक्स्ट्रा कॅरिकुलर एक्टिविटी में पार्ट करने से लोगों से मिलने जुलने का मौका मिलता है। बॉडी फिट रहने के साथ ही माइंड भी फ्रेश हो जाता है। यह हेल्दी ग्रोथ के लिए बेहद जरूरी है।