प्रचार-प्रसार में जुटे स्टूडेंट्स

 इलाहाबाद यूनिवर्सिटी और उससे एफिलेटेड कालेजेस में स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन की भले ही अभी घोषणा न हुई हो। लेकिन स्टूडेंट लीडर्स के पोस्टर बैनर और होर्डिंग्स कैम्पस से लेकर बाहर राष्ट्रीय राजमार्ग तक की शोभा बढ़ाते नजर आ रहे हैं। स्टूडेंट्स पर पूरा भौकाल टाइट हो सके। इसके लिए छुटभैय्या लीडर्स पूरी शानो-शौकत के साथ सीएम से लेकर पीएम तक की फोटो के साथ बैनर पर मुस्कान बिखेरते नजर आ रहे हैं, जिन्हें देख स्टूडेंट तो क्या पब्लिक भी गच्चा खा जा रही है।

उछल रहे ये नाम

जैसे-जैसे दिन बीत रहा है स्टूडेंट लीडर्स की कैम्पेनिंग जोर पकड़ती जा रही है। इसके लिए लीडर्स हर तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। अपने फौजफाटे के साथ घूम रहे लीडर्स में कोई खुद को बाहुबली विधायक, सांसद का करीबी बता रहा है तो कोई खुद का संबंध सीधे माफिया और गैंग से बतला रहा है। इनमें मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद, शहाबुद्दीन, राजा भईया, विजय मिश्रा, माफिया डान ब्रजेश मिश्रा और शूटर मुन्ना बजरंगी का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है।  

अन्दर हैं पर कोई फर्क नहीं

कहने को तो यूनिवर्सिटी के दो स्टूडेंट लीडर इस समय जेल में हैं। बावजूद इसके यूनिवर्सिटी रोड पर  जगह-जगह उनके पोस्टर बैनर नजर आ रहे हैं। यूनिवर्सिटी यूनियन के जनरल सेक्रेटरी अभिषेक सिंह उर्फ माइकल और स्टूडेंट लीडर अच्युतानंद शुक्ला इन दिनों जेल में बन्द हैं। दोनों पर जानलेवा हमले सहित कई गंभीर धाराएं लगी हुई हैं.   

जमकर चल रहा वसूली का खेल

दस बारह लड़कों का हुजूम, लग्जरी गाडिय़ां, कुछ के पास असलहे, किसी भी आम आदमी को डराने के लिए काफी हैं। ऐसे में बगैर किसी रोकटोक के खुद को कुछ बड़े नाम से जोड़ लेने की छूट भला किसे संशय में नहीं डाल देगा। यही कारण है कि इलेक्शन से पहले गुपचुप तरीके से लीडर्स कोचिंग इन्स्टीट्यूट्स से लेकर दूसरी जगहों पर वसूली का खेल रहे हैं और उनपर किसी का बस नहीं चल रहा।  

खेल समझिए जनाब

इन दिनों छुटभैय्ये नेताओं के रसूख से सबसे ज्यादा कोफ्त सीनियर लीडर्स को हो रही है। उनका तो साफ कहना है कि राजमार्ग पर फोटो लगवा लेना और मीडिया के कैमरे के आगे बढ़कर उछल-कूद करना तो अब फैशन हो गया है। एक एग्जाम्पल देते हुए उन्होंने कहा कि पिछले दिनों जब शहर में सीएम आए थे तो विधायक, सांसद और छुट्भैय्यों में डिफरेंस करना इम्पासिबल हो गया था। तब हर प्रमुख मार्ग पर इनके होर्डिंग्स नजर आ रहे थे। समझदारों को इसके पीछे का खेल समझना होगा।