-लूट, गैंगरेप व रेप जैसी झूठी वारदातों से उड़ा चुके हैं पुलिस के होश

-पुलिस सभी मामलों में 182 की भेज रही रिपोर्ट

BAREILLY:

केस 1-फतेहगंज पश्चिमी में एक युवती ने आरोप लगाया कि उसके मौसेरे भाई ने दो लोगों के साथ मिलकर हाइवे पर कार से अपहरण कर लिया और फिर उसके साथ गैंगरेप किया। पुलिस ने दो दिन बाद खुलासा किया तो मामला फर्जी निकला और पाया गया कि एडवोकेट ने दहेज व रेप के केस में समझौते के लिए फर्जी एफआईआर दर्ज कराने की सलाह दी थी।

केस 2-आंवला में महिला ने आरोप लगाया कि उसके घर में 4 लोग घुस आए और उसके साथ गैंगरेप किया और विरोध करने पर पति को गोली मार दी। पुलिस ने 24 घंटे में ही मामले का खुलासा किया तो ये केस भी फर्जी निकला। यही नहीं इसमें भी एक एडवोकेट ने ही दहेज हत्या के केस में फर्जी रिपोर्ट दर्ज कराने की सलाह दी थी।

केस 3-शीशगढ़ की महिला ने आरोप लगाया था कि उसे पड़ोस की महिला नोट बदलवाने के बहाने बरेली लेकर आयी थी। यहां से उसे नशा देकर किडनैप कर लिया गया और फिर 3 लोगों ने उसके साथ रेप किया। इस मामले को भी पुलिस ने फर्जी पाया और एक एडवोकेट की भूमिका संदिग्ध पाया।

ये तीन मामले सिर्फ बानगी भर हैं। बरेली में इस तरह के रेप और लूट के कई फर्जी मामले सामने आ चुके हैं। कई मामलों में एडवोकेट का रोल भी निगेटिव आया है। इससे साफ है कि एडवोकेट्स अपने पेशे के साथ न्याय करने की बजाय खुद क्राइम क्रिएटर बन रहे हैं और क्राइम आइडिया देकर फर्जी केस रजिस्टर्ड करवा रहे हैं, लेकिन पुलिस की जांच में पकड़े जा रहे हैं। ऐसे मामलों में पुलिस फर्जी रिपोर्ट दर्ज कराने वालों के साथ एडवोकेट पर भी एक्शन ले रही है।

रद हो सकता है एडवोकेट का रजिस्ट्रेशन

एडवोकेट्स के निगेटिव रोल को लेकर बरेली बार एसोसिएशन भी परेशान है। इससे एडवोकेट्स की छवि खराब हो रही है और लोगों का भरोसा भी कम होता है। बार एसोसिएशन की मानें तो ऐसे एडवोकेट्स की बार एसोसिएशन या फिर बार काउंसिल से शिकायत की जा सकती है। बार काउंसिल ऐसे एडवोकेट्स की जांच कराती है और फिर जांच के बाद मिस कंडक्ट के तहत लाइसेंस भी कैंसिल कर सकती है।

फर्जी एफआईआर लिखवाने की सलाह देने वाले एडवोकेट्स की वजह से एडवोकेट के पेशे की छवि खराब होती है। ऐसे एडवोकेट्स की शिकायत बार एसोसिएशन या बार काउंसिल से कर सकते हैं।

अमर भारती, महामंत्री बार एसोसिएशन बरेली

इस तरह से क्राइम के टिप्स देना गलत है। सभी एडवोकेट्स की ऐसे लोगों की वजह से बदनामी होती है। ऐसे लोगों के खिलाफ जांच के बाद लाइसेंस भी कैंसिल हो सकता है।

अनिल द्विवेदी, सीनियर एडवोकेट

रेप और लूट के कई फर्जी मामले सामने आए हैं। इनमें कई एडवोकेट्स ने ही फर्जी एफआईआर दर्ज कराने की सलाह दी थी। कानून के तहत कार्रवाई की जा रही है।

यमुना प्रसाद, एसपीआरए

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फर्जी केस में आ‌र्म्स एक्ट के तहत होगी एफआईआर

आंवला में गैंगरेप और विरोध में पति को गोली मारने के फर्जी मामले में पुलिस अब आ‌र्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई करेगी। पुलिस की मानें तो महिला ने बताया था कि उसके पति ने दोस्त को बुलाकर प्लानिंग की थी और दोस्त से ही गोली चलवाई थी, लेकिन अभी तक दोस्त का कुछ पता नहीं चल सका है। पुलिस दोस्त के पकड़े जाने के बाद उसके खिलाफ आ‌र्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करेगी और फिर उसमें महिला के पति को भी शामिल किया जाएगा। इसके अलावा जल्द ही पूरे केस में 182 के तहत कोर्ट में रिपोर्ट भेजी जाएगी। ताकि आरोपियों के खिलाफ और कड़ी कार्रवाई की जा सके।