-लगातार बारिश से पुराना शहर के कई इलाके पानी में डूबे, जनता परेशान

-पॉश इलाकों सिविल लाइंस, रामपुर गार्डेन और डीडीपुरम में भी जलभराव

-मानसून से पहले शहर के सभी नाले साफ करने के दावे फिर खोखले साबित

BAREILLY:

मानसून के आने पर जिस बात की आशंका जताई जा रही थी वह आखिरकार सच साबित हुई। 60 मिमी। की बारिश में शहर के निचले इलाकों के घरों में पानी घुस गया तो वहीं, पॉश इलाके सिविल लाइंस, रामपुर गार्डेन और डीडीपुरम की कॉलोनियां भी जलमग्न हो गई। लिहाजा, बारिश ने नगर निगम के दावों की चौतरफा कलई उजागर कर दी। बिजली विभाग भी निर्बाध सप्लाई देने में विफल साि1बत हुआ।

घरों में कैद हुए लोग

गर्मी से बेहाल शहर को मानसून की दस्तक ने राहत तो दी, लेकिन पुराना शहर के इलाके में यह आफत ज्यादा साबित हुई। सीजन की पहली बारिश में पुराना शहर के कांकड़ टोला, रोहली टोला, रबड़ी टोला, चक महमूद, सैलानी, जोगी नवादा और शाहबाद समेत कई इलाके पानी में डूबे रहे। गलियों ही नहीं मुख्य सड़कों पर भी पानी भरा हुआ था। लोगों के घरों तक पानी पहुंचने लगा।

ड्रेनेज व्यवस्था तार-तार

बरसात के सीजन में शहर में जलभराव से बचने को जल निकासी की व्यवस्था पहली बारिश में ही ठप दिखी। नगर निगम की ड्रेनेज व्यवस्था हर बार की तरह इस बार भी चरमरा गई। हालांकि, रुक-रुक कर हुई बारिश ने शहर को राहत दी। चोक सीवर लाइन व गंदगी से अटी नालियों के चलते बरसात का पानी पुराने शहर की सड़कों को ही लील गया। निगम ने इस बार मॉनसून को देखते हुए बड़े इंतजाम करने के दावे किए थे, जो इस बार भी खोखले दिखे।

छाए दुश्वारियाें के बादल

थर्सडे को दिन भर बरसते रहे बादलों से पुराना शहर के इलाकों में दुश्वारियों के 'बादल' छा गए। दिन भर हो रही बारिश से लगातार जलभराव की स्थिति बनी रही। पुराने शहर के कई हिस्सों में दो फीट तक सड़कों व गलियों पर पानी भरा होने से रमजान में रोजेदारों को दिक्कत हुई। लोगों को नमाज के लिए मस्जिद जाने तक परेशानी उठानी पड़ी। पुराने शहर में जलभराव की स्थिति 5-6 दिनों तक बनी रहने की आशंका है।

नाला सफाई से पहले पहुंचा मानसून

निगम ने एक महीने पहले 25 मई को शहर के छोटे बड़े 109 नालों को साफ कराने का अभियान शुरू करने का फैसला लिया था, जिसकी डेडलाइन 30 जून रखी गई। अभियान में देरी का असर ड्रेनेज की सफाई पर पड़ा। कई नाले साफ नहीं किए जा सके, जिसका बारिश में दिक्कत शुरू हो गई है। हैरत की बात है कि निगम ने इस साल सफाई के लिए 60 लाख का भारी भरकम बजट जारी किया था। साथ ही, नालों की सफाई के लिए आउट सोर्सिग पर दो सौ सफाई कर्मचारी भी रखे हैं।

संजय नगर में सैलाब

पानी की निकासी न होने से संजय नगर में सैलाब सी स्थिति पैदा हो गई। इस एरिया का ग्राउंड लेवल निचला होने से पुराने शहर का ज्यादातर पानी संजय नगर में ही जमा हो जाता है। थर्सडे को संजय नगर में इकलौता समवेल भी ठप पड़ गया, जिससे पानी की निकासी बिल्कुल ठप पड़ गई।

वहीं चक महमूद में जलभराव से परेशान पब्लिक को ट्यूब में हवा भर कर रोजमर्रा के कार्य करने पड़े। इसके अलावा मढ़ीनाथ व एजाज नगर गोटिया में भी पानी का जबरदस्त जलभराव रहा।