बरेली(ब्यूरो)। शहर में आवासीय व व्यावसयिक भवनों का डाटा जुटाने के लिए निगम की ओर से 2019 में ज्योग्राफिकल इंफॉर्मेशन सिस्टम सर्वे का कार्य दिल्ली की कंपनी आईएल एंड एसएस को दिया गया था। उसके बाद से हर गली-मुहल्ले में पहुंचकर कर्मचारियों द्वारा सर्वे किया जा रहा है। इसमें सेटेलाइट की मदद से डेटा तैयार किया जा रहा है। लेकिन, तीन साल बाद भी कोविड व अन्य कारणों से अब तक 80 वार्ड में से 40 वार्डो में ही सर्वे का कार्य पूरा हो सका है। सर्वे का काम इसी साल दिसंबर तक पूरा होना है, लेकिन जिस स्पीड से सर्वे किया जा रहा है उससे इसके समय से पूरे होने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है।


यहां चल रहा है सर्वे
निगम के अधिकारियों का कहना है कि इस समय वार्ड 56, 49 समेत पांच वार्डों में सर्वे कार्य चल रहा है। इसके लिए 70 लोगों की टीम को लगाया गया है, इस कार्य में राजस्व निरीक्षक व टैक्स कलेक्टर के साथ ही वार्ड पार्षद का भी सहयोग लिया जा रहा है।

यह भी जानें
80 वार्ड हैं शहर में
40 वार्ड मेें ही अब तक हुआ जीआईएस सर्वे
70 लोगों की टीम कर रही है सर्वे
1.42 लाख भवन हैं नगर निगम क्षेत्र में

आ रहीं समस्याएं
सूत्रो के अनुसार वार्ड में सर्वे करने के दौरान सर्वेयर को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सर्वे के दौरान पब्लिक अधिक डिटेल देने से कतरा रही है। उन्हें इस बात का डर रहता है कि कहीं टैक्स ज्यादा न लगा दिया जाए। इसमें पार्षदों के माध्यम से मामले को सुलझाने का प्रयास भी किया जा रहा है। इसको लेकर अधिकारियों का कहना है कि यह सर्वे नि:शुल्क है, पब्लिक किसी प्रकार की शंका होने पर निगम द्वारा सर्वेयर को दी गई आईडी देख सकते हैैं। वहीं इसको लेकर पब्लिक सपोर्ट की आवश्यकता है, निगम को एक्यूरेट डेटा मिल सकेगा तो कई समस्याएं भी दूर हो सकेंगी। कार्य में देरी कोविड के कारण हुई है, दिसंबर तक सर्वे पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है।

सर्वे की स्पीड स्लो
निगम के रिकार्ड के हिसाब से शहर में करीब 1.42 लाख से अधिक भवन हैं। सभी भवनों का डिटेल्ड डाटा जानने के लिए नगर निगम ने जीआईएस सर्वे के लिए कंपनी को सितंबर 2019 में काम दिया गया। तीन साल में कंपनी ने 80 वार्डों में सिर्फ 40 वार्डों का ही सर्वे पूरा किया है।

17 अंकों की होगी यूनिक आईडी
सर्वे के माध्यम से शहर के हर भवन को 17 अंकों की यूनिक प्रापर्टी आईडी जारी की जाएगी। इससे उस संपत्ति की पहचान की जा सकेगी। इससे नामांतरण और बकाया टैक्स वसूली में भी नगर निगम को मदद मिलेगी। भवन स्वामी और संपत्तियों का ब्योरा विभागीय वेबसाइट पर भी देखा जा सकेगा। यूनिक आईडी में पहले दो अंक लोकल गवर्नमेंट डायरेक्टरी यानी एलजीडी के होंगे। तीन से पांच अंक तक स्थानीय निकाय का कोड होगा।

वर्जन
ज्योग्राफिकल इंफॉर्मेशन सिस्टम सर्वे का कार्य तेजी से करने के लिए संबंधित कंपनी को कहा गया है। टीम वार्डों में सर्वे का कार्य कर रही है।
-महातम यादव, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी