-बदायूं रोड के रैन बसेरा का हाल बुरा, रात बिताना तो दूर दो मिनट ठहरना दूभर

-संडे को अपर मुख्य सचिव ने किया निरीक्षण फिर भी बदहाल मिला रैन बसेरा

बरेली: टूटे दरवाजे, खुली खिड़कियां, कुछ फटे-पुराने और गंदे रजाई-गद्दे, बिना दरवाजों के चोक टॉयलेट, गंदगी का अंबार, दीवारों पर मकड़ी के जाले, मच्छर और न जाने की कितनी अव्यवस्थाओं का गढ़। यहां हम किसी पुरान जर्जर भवन की नहीं बल्कि बदायूं रोड पर बने नगर निगम के नवनिर्मित आश्रय स्थल की बात कर रहे हैं, वो भी तब अपर मुख्य सचिव और नोडल अधिकारी नवनीत सहगल शहर में मौजूद हों और रैन बसेरों का निरीक्षण कर रहे हों। इसके बावजूद अफसर इस रैन बसेरे की अनदेखी कर रहे हैं जिससे वजह से बेसहारा खुले में रात बिताने को मजबूर हैं।

निगम लगा रहा पलीता

कड़ाके की ठंड में कोई भी खुले आसमान के नीचे रात न काटे, इसके लिए शासन भले ही गंभीर हो, पर नगर निगम इसको लेकर बहुत संवेदनशील नहीं दिखता है। बेसहारों को ठंड से बचाने में उसकी संवेदनशीलता की हकीकत बदायूं रोड स्थित नवनिर्मित आश्रय स्थल भवन की बदहाली बयां कर रही है। यहां बेसहारों के लिए रात काटना तो दूर की बात, घुसना तक मुमकिन नहीं जान पड़ता है। नगर निगम इस भवन का निर्माण तीन सालों में भी पूरा नहीं करा सका है। इस भवन में लास्ट ईयर लोगों के रुकने की व्यवस्था की गई थी। कोरोना लॉकडाउन पीरियड में भी यहां लोगों को ठहराया गया था। इस भवन ग्रांउड फ्लोर पर बदहाल है तो फ‌र्स्ट फ्लोर पर कुछ तख्त पड़े हैं। इनमें भी इस क्षेत्र में गश्त ड्यूटी वाले पुलिस कर्मियों का कब्जा है।

नोडल अधिकारी को दिखा सब बेहतर

शासन की जन कल्याणकारी योजनाओं व व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने अपर मुख्य सचिव व जिले के वरिष्ठ नोडल अधिकारी नवनीत सहगल संडे नाइट बरेली पहुंचे। उन्होंने नाइट में ही शहर के दो अस्थाई रैन बसेरों का निरीक्षण किया तो उन्हें यहां की व्यवस्थाएं चाक चौबंद मिली। अगर वह बदायूं रोड का आश्रय स्थल देखने पहुंचते तो शायद बेसहारा लोगों के नाम पर की जा रही खानापूरी को समझ पाते। उनके कदम यहां पड़ जाते तो शायद इस भवन को भी आश्रय मिल जाता।

शहर में इतने रैन बसेरे

बेसहारों को आश्रय उपलब्ध कराने के नाम पर नगर निगम के पास आठ स्थाई आश्रय स्थल हैं। इसके अलावा निगम ने कड़ाके की ठंड में खुले में रात काटने को मजबूर लोगों के लिए आठ ही अस्थाई आश्रय स्थल तैयार करवाए हैं।

यहां हैं अस्थाई आश्रय स्थल

डेलापीर सब्जी मंडी, डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल, सैटेलाइट व पुराना रोडवेज बस स्टैंड, रेलवे जंक्शन और हरुनगला।

स्थाई आश्रय स्थल

पटेल चौक के पास, हजियापुर में दो, छोटी विहार, सीआई पार्क, बदांयू रोड, निगर निगम के पास, सैदपुर हाकिंस।

खुले में रात काट रहे बेसहारा

हाल ही में शासन की ओर से आदेश आया था कि कोई भी बेसहारा खुले में रात न बिताए। नगर निगम को यह जिम्मेदारी दी गई थी वह खुले में रात बिताने वालों को आश्रय स्थल पहुंचाएगा लेकिन रैन बसेरों की बदहाली के कारण कई लोग अभी खुले आसमान के नीचे रात काटने को मजबूर हैं।

बदायूं रोड स्थित आश्रय भवन में अभी कई कार्य पूरे नहीं हुए हैं। इससे यहां ठहरने की व्यवस्था नहीं कराई गई है।

डॉ। अशोक कुमार, नगर स्वास्थ्य अधिकारी