नक्शा पास होते ही मेडिकल स्टोर की जगह में करते हैं बदलाव,

ड्रग लाइसेंस के लिए बड़ा फर्जीवाड़ा, अधिकारियों से भी सांठगांठ

<नक्शा पास होते ही मेडिकल स्टोर की जगह में करते हैं बदलाव,

ड्रग लाइसेंस के लिए बड़ा फर्जीवाड़ा, अधिकारियों से भी सांठगांठ

BAREILLY BAREILLY :

शहर में तमाम मेडिकल स्टोर गैलरी व कुर्सी घुमाने भर की जगह में चल रहे हैं। लाइसेंस के नियम-शर्तो का मखौल उड़ाने का यह खेल ड्रग डिपार्टमेंट अधिकारियों की आंखों के सामने हो रहा है, लेकिन अफसर लाइसेंस जारी करने के बाद न जाने किस स्वार्थलिप्सा में एक्शन लेने की जहमत नहीं उठाते। जबकि, अक्सर मेडिकल स्टोर संचालकों की मनमानी के कारनामे सामने आते रहते हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने दवा कारोबारियों के खेल का रियलिटी चेक किया तो बहुतेरी खामियां उजागर हुई।

छज्जे के नीचे मेडिकल स्टोर

कैंट रोड पर स्थित केयर मेडिकोज ड्रग एक्ट के नियमों के बिल्कुल उलट चल रहा है। बमुश्किल ब्0 फीट की जगह में यह मेडिकल स्टोर खुला हुआ है। मेडिकल स्टोर संचालक ही मरीजों को दवाएं मुहैया करा रहा है। वहीं बीसीबी के नजदीक ब्रज केमिस्ट स्टोर संचालक ने तो स्टोर रूम में ही मेडिकल स्टोर खोल दिया है। काउंटर को दुकान में रखने के बाद लोगों के खड़े होने तक की जगह नहीं बचती है। विकास भवन के नजदीक स्थित ईशान हॉस्पिटल में कौशल मेडिकोज है। यहां भी मेडिकल स्टोर संचालक ड्रग एक्ट का पालन नहीं कर रहा है।

क्07 वर्ग फीट एिरया जरूरी

ड्रग एक्ट की क्9ब्भ् और क्9भ्0 नियमावली के मुताबिक मेडिकल स्टोर खोलने के लिए क्07 वर्ग फीट का एरिया होना जरूरी है।

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यह हैं मानक

-फार्मसिस्ट होना चाहिए।

-क्07 वर्ग फुट जगह होनी चाहिए।

-फ्रिज होना चाहिए।

-कम्प्यूटर होना चाहिए।

-वेटरिनरी दवाओं की रैक अलग होनी चाहिए।

-आयुर्वेदिक दवाओं की रैक अलग होनी चाहिए।

-एक्सपायर दवाओं का बॉक्स होना चाहिए।

यह हैं आंकडे़

होल सेल के लाइसेंस-क्ख्00

रिटेल के लाइसेंस-ख्क्00

वेबसाइट पर अपडेट-707

पेंडिंग लाइसेंस-ख्भ्9फ्

वर्जन

नियम सबके लिए बराबर हैं। ड्रग डिपार्टमेंट के अधिकारियों को मानक के विपरीत चल रहे मेडिकल स्टोर के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

डीसी रस्तोगी, अध्यक्ष डिस्ट्रिक्ट बरेली केमिस्ट एसोसिएशन

जल्द ही नियमों के विपरीत चल रहे मेडिकल स्टोर के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। मानक के विपरीत चल रहे मेडिकल स्टोर के लाइसेंस को निरस्त किया जाएगा।

गुलशन सेतिया, सहायक आयुक्त औषधि

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