-शहर को ग्रीन सिटी बनाने के नाम पर नगर निगम का खेल

-महंगी दरों पर पौधे खरीदे जाने के मामले में पूछताछ शुरू

बरेली : शहर को ग्रीन सिटी बनाने की कवायद में जुटे नगर निगम के जिम्मेदार पौधे लगाने की बजाय अपनी ही जेब हरी-भरी कर रहे हैं। निगम के जिम्मेदारों ने शहर के तमाम स्थानों पर पौधे लगाने के नाम पर बड़ा खेल किया है। एक नर्सरी से 60 लाख रुपये के पौधे लेकर भुगतान न करने और निगम से फाइलें गायब करने के मामले में पुलिस पड़ताल करने में लग गई है। नगर निगम अधिकारी, पार्षदों के बाद अब पुलिस कर्मचारियों के बयान दर्ज कर रही है।

कई साल चल रहा खेल

2016 में नगर निगम के तत्कालीन पर्यावरण अभियंता ने एक नर्सरी से पौधे लेकर शहर के विभिन्न स्थानों पर कागजों में लगे दिखा दिए और 1.17 लाख का भुगतान कर दिया। उस समय नगरायुक्त के सामने जब फाइल पहुंची तो मामला पकड़ में आया था। जब अफसरों ने सवा लाख रुपए पौधे लगाने के नाम पर उड़ाने पर हैरानी जताई और कड़ाई से पौधे लगाने की रिपोर्ट पूछी तो जिम्मेदारों के मुंह से बोल न निकले थे। यही नहीं 2019 को एक नर्सरी से 60 लाख रुपये के पौधे लेकर भुगतान न करने और निगम से फाइलें गुम करने के मामले में निगम के कई अफसर फंस गए थे।

एडीजी के आदेश पर रिपोर्ट

एडीजी के आदेश पर थाना प्रेमनगर में रिटायर्ड अपर नगरायुक्त, पर्यावरण अभियंता सहित निगम के उद्यान विभाग के कर्मचारी के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और रुपये हड़पने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। सैदपुर हाकिंस में नर्सरी के मालिक का आरोप था कि 2018 को उनका निगम में टेंडर पास हुआ था। 4.75 हजार रुपये की उन्होंने सिक्योरिटी मनी ड्राफ्ट के जरिये जमा की थी। नर्सरी से 60 लाख रुपये के पौधे निगम को सप्लाई कर दिये थे। नगर निगम ने करीब 30 लाख 50 हजार रुपये का वर्क आर्डर जारी किया था। पौधे लेकर भुगतान न करने करने और पैसा हड़पने के मामले में नर्सरी संचालक ने मुकदमा दर्ज कराया था। इस केस में पुलिस ने पहले अधिकारी, पार्षदों से पूछताछ कर बयान दर्ज किए थे। अब कर्मचारियों से बयान दर्ज किए गए हैं।

नगरायुक्त अभिषेक आनंद का कहना है कि एक केस के मामले में पुलिस कर्मचारियों से पूछताछ कर रही है।