- अलीगढ़ से आई इंजीनियर्स की टीम ने सौंपी रिपोर्ट, आवास खाली करने का नोटिस जारी

- करीब डेढ़ सौ आवास हो चुके हैं पूरी तरह जर्जर, आवास का रेनोवेशन के हैं निर्देश

BAREILLY:

44 वर्ष पुरानी राजेंद्र नगर स्थित पीडब्ल्यूडी आवासीय कॉलोनी के ऊपर के दो फ्लोर पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं और कभी भी ढह सकते हैं। यह कहना है पिछले दिनों इन आवासों का निरीक्षण करने पहुंची अलीगढ़ की इंजीनियरिंग टीम का। इंजीनियरिंग टीम ने फ्लोर को ध्वस्त करके फिर से बनाने की बात कही है। रिपोर्ट मिलते ही पीडब्ल्यूडी ने वहां रहने वाली फैमिलीज को मकान खाली करने के लिए नोटिस जारी कर ि1दया है।

बुलंद इमारत बनी खंडहर

सरकारी कर्मचारियों को आवास की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 1973 में राजेंद्रनगर एरिया में पीडब्ल्यूडी आवासीय कॉलोनी का निर्माण हुआ था, लेकिन मेनटेनेंस न होने के चलते बिल्डिंग के दो फ्लोर जर्जर हो गए हैं। घरों के बाहर से देखें तो बिल्डिंग की खस्ताहाल दशा का एकबारगी अंदाजा लगाना मुश्ि1कल है।

150 परिवारों पर मंडरा रहा खतरा

टाइप 1, 2 और 3 में विभाजित कॉलोनी में करीब 350 परिवारों रह रहे हैं। जिसमें से कइयों के आवास खाली करने के बाद अब करीब डेढ़ सौ फैमिलीज रह रही हैं। पीडब्ल्यूडी अधिकारी के मुताबिक 44 वर्ष गुजर चुके हैं, लेकिन बिल्डिंग का मेनटेनेंस नहीं किया गया। टाइप वन में फोर्थ क्लास कर्मचारी, सेकंड में क्लर्कियल ग्रेड और थर्ड में जेई लेवल की फैमिलीज रहती हैं। जिसमें कई विभागों के कर्मचारी रहते हैं।

बिल्डिंग की जर्जर स्थिति

मेनटेनेंस न होने से दीवारों में दरारें, पड़ चुकी हैं। कमरों के दरवाजे खराब हो चुके हैं। छज्जे जर्जर हो चुके हैं। प्लास्टर उखड़ रहे हैं। जबकि गैलरी की बाउंड्री हिलने लगी है। निवासियों के मुताबिक बारिश में हालत और भी दयनीय हो जाती है। बारिश का पानी घरों में सीलन पैदा कर रहा है। बिल्डिंग में पीपल के छोटे पौधे उगे हैं। जो कोढ़ में खाज का काम कर रहे हैं। हालांकि अब रेनोवेशन की संस्तुति के बाद जर्जर बिल्डिंग के दिन बहुरने के आसार हैं।

आवास जर्जर हो चुके हैं। रेनोवेट कराने के लिए दो फ्लोर ध्वस्त करना पड़ेगा। वहां रहने वालों को मकान खाली करने को नोटिस दी गई है।

संजीव भारद्वाज, एक्सईएन पीडब्ल्यूडी