-एसएचओ रूम में सामने बैठे आरोपी को ही नहीं पहचान सकी महिला

-मेडिकल रिपोर्ट में भी नहीं हुई रेप की पुष्टि, एफआईआर दर्ज, केस होगा खारिज

BAREILLY: बरेली में रेप को हथियार बनाने वालों को लेकर पुलिस भी अलर्ट हो गई है। मंडे को सुभाषनगर में ऐसा ही मामला सामने आया तो पुलिस ने बिल्कुल देरी नहीं की और वीडियो स्टिंग कर फर्जी गैंगरेप का खुलासा कर दिया। महिला ने जिस शख्स पर गैंगरेप का आरोप लगाया था, उसे ही महिला एसएचओ के रूम में पहचान न सकी। जबकि महिला कह रही थी कि वह मेन आरोपी को दो महीने से जानती है। यही नहीं पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मेडिकल कराया तो मेडिकल में भी रेप की पुष्टि नहीं हुई है। अब पुलिस कोर्ट में महिला के बयान कराने के बाद मुकदमे को एक्सपंज करने की तैयारी कर रही है।

10 हजार एडवांस देने की भी बात

मठ लक्ष्मीपुर की रहने वाली महिला मंडे शाम को थाना में रोते हुए पहुंची। वह अपने साथ एक प्रार्थना पत्र भी लेकर पहुंची। थाना में मौजूद पुलिसकर्मियों ने पूछा तो महिला ने बताया कि उसके साथ तीन लोगों ने वंशीनगला में गैंगरेप किया है। महिला ने आरोप लगाया कि वह लंबे समय से प्लॉट की तलाश कर रही थी। अचानक उसे सिटी रेलवे स्टेशन के पास महेश नाई मिला। महेश ने पूछा कि क्यों घूम रही हो तो मैंने बताया प्लॉट देख रही हूं। महेश ने बताया कि जसौली में उसका 220 वर्गगज का प्लॉट है, जिसमें हरी सिंह गंगवार और बजरिया पूरनमल निवासी ओमप्रकाश साझीदार हैं। वह एक हिस्सा बेच देगा। 10 लाख में बात हुई और सौदा 9 लाख 60 हजार में तय हो गया। महेश को 10 हजार रुपए एडवांस भी दे दिए। महिला का आरोप है कि मंडे को उसे प्लॉट पर ले गया। वहां पर पहले से ही दोनों साथी बैठे हुए थे। महेश के पास तमंचा, हरी सिंह के पास रिवाल्वर और ओमप्रकाश के पास चाकू था। तीनों ने उसके साथ रेप किया।

ऐसे पकड़ा गया फर्जीवाड़ा

-गैंगरेप की सूचना पर पुलिस सबसे पहले मौके पर गई, जिस मकान में महिला ने गैंगरेप का आरोप लगाया वह मकान महेश का था, लेकिन उसमें महेश रहता ही नहीं था। इस मकान में किराये पर विशन और उसका बेटा रहते हैं।

-महिला ने शाम 5 से 6 बजे के बीच गैंगरेप की बात कही, लेकिन उस मकान की चाबी बिशन और बेटे के पास रहती है, जो दिन में नहीं रहते हैं। हमेशा की तरह शाम को 6 बजे के बाद बिशन का बेटा घर पहुंचा, जब मकान खुला ही नहीं तो रेप कैसे हो गया

-महिला ने बताया कि वह महेश को लंबे समय से पहचानती है, लेकिन दो आरोपियों के नाम उसने बातचीत के दौरान सुने। बाद में महिला ने बताया कि इन दोनों के नाम मोहल्ले की एक महिला और कातिब ने लिखे हैं।

-आरोपी महेश साले की शादी में गया हुआ था, पुलिस ने उसे चुपचाप फोन कर बुला लिया। पुलिस ने मोहल्ले के लोगों के सामने महेश समेत कई अन्य लोगों को पेश किया और पूछा कि इनमें से तो कोई रेप का आरोपी नहीं है

-पुलिस सभी को थाने लेकर पहुंची, यहां पर एसएचओ ने महिला की वीडियो रिकॉर्डिग की और फिर बिशन, महेश व अन्य को दिखाकर पूछा कि कहीं ये तो नहीं रेप के आरोपी तो भी महिला ने पहचानने से साफ इनकार कर दिया।

-साफ हो गया कि महिला ने कातिब व दूसरी महिला के साथ मिलकर झूठा नाम लिखाया था, वह महेश को पहले जानती ही नहीं थी और न ही उसके साथ कोई रेप हुआ था। क्योंकि जो रेप करेगा तो उसे तो आसानी से पहचाना जा सकता है।