-जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी की टीम ने पुलिस के साथ मिलकर सिटी के 5 मेडिकल स्टोर में मारे छापे

-दवा कारोबारियों ने कोतवाली में किया हंगामा, पुलिस ने कंपनी के अधिकारियों की तहरीर पर दर्ज किया मुकदमा

BAREILLY: दवा के अवैध कारोबारियों ने सुगर नापने की भी नकली स्ट्रिप बाजार में उतार दिया। इसका खुलासा खुद कंपनी के रेड में हुआ, जब नकली स्ट्रिप की कंप्लेन पर जॉनसन एंड जॉनसन के अधिकारी पुलिस फोर्स के साथ शहर के पांच प्रमुख मेडिकल स्टोर्स पर धमक पड़े। स्टोर्स से कंपनी अधिकारियों ने स्ट्रिप्स के सैंपल लिए। वहीं, कंपनी के छापा से दवा कारोबारियों में हड़कंप मच गया। सभी कोतवाली पहुंचे और सीओ ऑफिस में पुलिस और कंपनी पर गलत चेकिंग का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। पुलिस ने कंपनी के अधिकारी की तहरीर पर कॉपी राइट एक्ट के तहत नकली स्ट्रिप बेचने का मुकदमा दर्ज कर लिया है।

कस्टमर्स ने की थी कंप्लेंट

जॉनसन एंड जॉनसन की सह कंपनी लाइफ स्कैन के ब्रांड प्रोटेक्शन स्पेशलिस्ट पंकज असेरी ने बताया कि कंपनी सुगर जांचने की स्ट्रिप तैयार करती है। इसका प्रोडक्ट वन टच के नाम से मार्केट में है। कंपनी में ऑनलाइन कस्टमर्स ने शिकायत की थी कि बरेली में वन टच की स्ट्रिप मार्केट में नकली बिक रही है। स्ट्रिप से जांच करने पर सुगर का लेवल कुछ और आता है और ब्लड टेस्ट कराने से कुछ और आता है। जिससे काफी परेशानी हो रही है। कंपनी से जुड़े लोगों ने भी शिकायत की थी।

इन दुकानों पर की छापेमारी

कंपनी ने कुछ दिनों पहले एसएसपी बरेली से संपर्क किया और छापेमारी की प्लानिंग की। एसएसपी के निर्देश पर मंडे को सीओ ने इंस्पेक्टर कोतवाली, इंस्पेक्टर प्रेमनगर व अन्य पुलिस की टीम के साथ सिटी में दुकानों पर कंपनी की टीम के साथ छापेमारी की। टीम ने शास्त्री मार्केट में इंडियन सर्जिकल एंड मेडिकल, अरोड़ा सर्जिकल व एक अन्य शॉप सिकलापुर में एक शॉप और सिटी स्टेशन के पास अल्पना मेडिकल में छापा मारा। सभी मेडिकल स्टोर से दो से तीन सैंपल लिए गए हैं। इस दौरान छापेमारी की फोटोग्राफी भी की गई।

चोरी और सीनाजोरी

कोतवाली में सीओ सिटी ऑफिस में पहुंचे दवा व्यापारियों ने उल्टा पुलिस और कंपनी के अधिकारियों पर गलत तरीके से छापेमारी का आरोप लगाया। व्यापारियों ने कहा कि वह डीलर से सामान खरीदते हैं उन्हें नहीं पता कि स्ट्रिप नकली है। उनके यहां सिर्फ ड्रग इंस्पेक्टर की मौजूदगी में छापेमारी हो सकती है। इसके अलावा सैंपल लेंगे तो फिर उसके रुपए देने होंगे। कंपनी अपनी लैब में जांच करेगी तो उन्हें ही दोषी बना देगी। उन्होंने कंपनी के अधिकारियों से आईडी भी मांगी। जिसके बाद सीओ ने शाम को सभी व्यापारियों को बुलाया तो एक बार फिर से व्यापारियों ने यही आरोप लगाए तो सीओ ने उन्हें कहा कि नियम के तहत ही छापा मारा गया है। सरकारी फोरेंसिक लैब में जांच कराई जाएगी। एफआईआर के बाद कार्रवाई की जाएगी।

रैपर में ही था काफी अंतर

कंपनी के अधिकारियों ने सीओ को असली और नकली का अंतर भी दिखाया। उन्होंने दिखाया कि असली दवाई में इंडियन लैंग्वेज में लिखा है जबकि नकली में फॉरेन लैंग्वेज में लिखा है। इसके अलावा नकली में स्टीकर नहीं लगा है। इसके अलावा भी कई कमियां बताई जिन्हें उन्हें सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया।

बरेली में करीब 60 हजार से ज्यादा में डायबिटीज बीमारी के लक्षण हैं। इनमें टाइप वन और टाइप टू दोनों ही मरीज हैं। डायबिटीज के मरीजों के लिए रोजाना अपनी सुगर लेवल जांचना और कंट्रोल करना बेहद जरूरी है। गलत किट से ब्लड शुगर लेवल की जांच गलत हो सकती है। जिससे मरीज को खतरा होगा।

- डॉ। आरएन गिरी, नोडल अधिकारी एनसीडी

नियमानुसार ड्रग एजेंसी ही जांच पड़ताल की कार्रवाई कर सकती है। स्ट्रिप के ओरीजिनल या फर्जी होने का खुलासा लैब में ही हो सकेगा। इसके लिए जांच जरूरी है। हम जांच में सहयोग के लिए तैयार हैं, लेकिन इससे पहले फर्जीवाड़े का आरोप सही नहीं। - विजय मूलचंदानी, केमिस्ट एसोसिएशन पदाधिकारी