गोरखपुर (ब्यूरो)।बीते दिनों सेंट जोसफ स्कूल खोराबार के स्टूडेंट्स ने जमकर हंगामा काटा था तो वहीं कुछ और स्कूल के बच्चों ने इसकी शिकायत डीआईओएस से की थी। इसको देखते हुए उन्होंने डीआईओएस ने सख्त लेटर सभी बोर्ड के अशासकीय सहायता प्राप्त, स्व-वित्त पोषित, सीबीएसई और आईसीएसई स्कूलों के लिए जारी किया है। जिसमें लिखा है कि क्लास 8 वीं तक के बच्चों को स्कूल फेल नहीं कर सकते हैं। स्टूडेंट को फेल करने पर स्कूल के खिलाफ शिक्षा का अधिकार अधिनियम - 2009 निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा की सुसंगत धाराओं में कार्यवाही की जाएगी।

स्कूलों से आई शिकायत

डीआईओएस ने बताया कि कई स्कूलों से बड़ी संख्या में बच्चों के फेल होने की शिकायत पेरेंट्स कर रहे थे। जबकि शिक्षा अधिकार अधिनियम - 2009 में निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा के अनुसार 14 वर्ष आयु वर्ग तक निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान है। उम्र के अनुसार सुसंगत क्लास में स्टूडेंट को प्रमोट किया जाना अनिवार्य है। इसके अलावा ये भी रूल है कि स्टूडेंट को एक क्लास में स्कूल रोक भी नहीं सकते हैं।

सिविल लाइन के स्कूल बना प्रेशर

सूत्रों की मानें तो सिविल लाइन स्थित एक पॉपुलर स्कूल जहां पर एडमिशन के लिए होड़ लगी रहती है। उस स्कूल में काफी संख्या में बच्चे फेल हो गए हैं। क्लास 6 से लगाए 8 वीं तक में 70 से अधिक स्टूडेंट फेल हुए हैं। अब फेल स्टूडेंट्स के पेरेंट्स स्कूल में अपने बच्चे का साल बचाने के लिए दौड़ भाग कर रहे हैं। इन्हीं बच्चों के पेरेंट्स ने डीआईओएस कार्यालय में शिकायत भी दर्ज कराई है। जिसके बाद डीआईओएस को लेटर जारी करना पड़ा।

बैकफुट पर सेंट जोसेफ स्कूल

सेंट जोसेफ स्कूल खोराबार में शुक्रवार को 11 वीं के स्टूडेंट और उनके पेरेंट्स ने जमकर बवाल काटा। सेंट जोसेफ स्कूल में पढऩे वाले 11 वीं के 50 और 9 वीं के 58 बच्चे फेल हो गए। इसके बाद बच्चों के साथ पेरेंट्स भी शुक्रवार को स्कूल पहुंंचे। उन्होंने प्रिंसिपल ऑफिस में फादर के सामने कई आरोप लगाए। वहीं प्रिंसिपल फादर जॉन पर उनके प्रदर्शन का कोई असर नहीं पड़ा। वे अपने फैसले पर अड़े हुए थे। लेकिन पेरेंट्स और बच्चों का सख्त रूप देखकर वे भी बैकफुट पर आ गए।

हंगामे के बाद किया प्रमोट

शुक्रवार को हंगामे के बाद शनिवार को पेरेंट्स बड़े स्तर पर प्रदर्शन करने वाले थे। इससे पहले ही प्रिंसिपल ने सभी स्टूडेंट को प्रमोट करने की बात मान ली। पेरेंट्स ने बताया कि उनके पास मैसेज आया है कि वे बच्चे की फेल मार्कशीट जमा करा दें। तीन से चार दिन में उन्हें नई मार्कशीट पास वाली दी जाएगी। इसके साथ ही प्रिंसिपल ने बच्चों से कड़ी मेहनत करने के लिए एक लेटर भी लिखवाया है। वहीं प्रिंसिपल से बात करने का प्रयास दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम ने किया लेकिन उनका फोन नहीं उठा। कॉल आने पर उनका पक्ष भी लिखा जाएगा।

कई स्कूलों से बच्चों के फेल होने की शिकायतें आ रही हैं। जबकि नियम में है कि स्कूल 8वीं तक के बच्चे को एक ही क्लास में रोक नहीं सकते हैं, उन्हें किसी भी हाल में प्रमोट करना है। इसलिए सभी बोर्ड के स्कूलों को नियम के बारे में बताते हुए लेटर जारी किया गया है।

डॉ। अमरकांत सिंह, डीआईओएस