- मतदान केंद्र के बाहर रिझाते रहे प्रत्याशी, कार्यकर्ता

- अचानक छलक पड़ता है हर बार छले जाने का दर्द

GORAKHPUR: प्रधान चुनाव के तीसरे चरण में वोट सहेजने की जुगत में प्रत्याशी और कार्यकर्ता सुबह से लगे रहे। प्रधान प्रत्याशियों की कोशिश रही कि हर वोट उनकी झोली में भर जाए। इसके लिए प्रत्याशियों और उनके कार्यकर्ताओं ने हर जतन किए। उम्मीदवारों ने सपने दिखाकर एक-एक वोट लूटने की कोशिश की। हालांकि किसको कितना वोट मिलेगा यह तो मतगणना के बाद ही पता चल सकेगा।

धूप के साथ चटख हुआ रंग

तीसरे चरण के मतदान में ठंड का असर नजर आया। सुबह सात बजे पोलिंग शुरू होने पर ज्यादातर मतदान केंद्र सूने पड़े रहे। धूप चटख होने पर लोग घरों से निकले। दोपहर होते-होते पोलिंग सेंटर्स पर भीड़ जमा हो गई। ज्यादातर जगहों पर पुरुषों की अपेक्षा युवतियां और महिलाएं नजर आई। प्रत्याशी और उनके कार्यकर्ताओं ने बुजुर्ग और बीमार मतदाताओं के पोलिंग सेंटर पहुंचाने में कसर नहीं छोड़ी।

सपने दिखाकर मांगते रहे वोट

शनिवार को मतदान में अलग रंग दिखा। कई प्रधानों को चुन चुके बुजुर्ग मतदाताओं को किसी पर ऐतबार नहीं रहा। वोट देने की बात करने पर बुजुर्ग बिफर गए। लोगों ने कहा कि हर बार बुनियादी सुविधाएं देने के बहाने प्रत्याशी वोट मांग लेते हैं। चुनाव बीतते ही अपना वादा भूल जाते हैं। इसको लेकर बुजुर्ग काफी खिन्न नजर आए। इस बार भी प्रत्याशियों ने हर बुनियादी सुविधा मुहैया कराने का झांसा दिया। गगहा ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय जगदीशपुर भलुआन में एक प्रत्याशी ने बुजुर्ग से कहा कि इस बार सारी सुविधाएं मिल जाएंगी। वृद्धा पेंशन, राशन कार्ड सबकुछ बन जाएगा। उसकी बात सुनकर बुजुर्ग वोटर ने झिड़क दिया।

मजिस्ट्रेट ने लगाई फटकार

पिपरौली ब्लॉक के जैतपुर मतदान केंद्र पर सिटी मजिस्ट्रेट लवकुश कुमार निरीक्षण करने पहुंचे। बारातियों की तरह बैठे पोलिंग एजेंट को फटकार लगाई। एक प्रत्याशी के एजेंट धर्मराज चौहान के परिचय पत्र पर फोटो न देखकर उन्होंने डांट पिलाई। मजिस्ट्रेट की डांट सुनकर आननफानन में एजेंट ने फोटो लगा लिया। इस लापरवाही के लिए वहां मौजूद पुलिस कर्मियों को भी हिदायत दी।

एजेंट्स के मोबाइल हो गए जब्त

बांसगांव ब्लॉक के देवड़ार बाबू में एडीएम फाइनेंस डॉ। चंद्रभूषण और एसपी ट्रैफिक श्री प्रकाश द्विवेदी पहुंचे। एजेंट्स के पास मोबाइल देखकर अफसर भड़क गए। सभी एजेंट्स का मोबाइल जब्त करके ड्यूटी कर्मचारियों को दे दिया। इसी गांव के दूसरे बूथ पर मतदान एजेंट मदन मोहन सिंह को डांट सुननी पड़ी। प्रत्याशी के नामित किए बिना वह दबाव देकर एजेंट बन गए थे। एडीएम की जांच में उनका मामला सामने आ गया। पीठासीन अधिकारी ने अफसरों ने बताया कि जबरन वह एजेंट बने हैं। इसके बाद एडीएम फाइनेंस ने एजेंट को बूथ से हटाने का आदेश दिया।

मतदान केंद्र के बाहर चला डंडा

पोलिंग के दौरान चाय पानी और नाश्ते का इंतजाम भी किया गया। लेकिन अफसरों ने प्रत्याशियों के इस अरमान पर पानी फेर दिया। प्रत्याशियों के पर्ची काउंटर और चाय पानी की दुकानों को पुलिस ने बंद करा दिया। अफसरों ने हिदायत दी कि यदि दोबारा किसी ने दुकान खोली तो उसकी खैर नहीं। इस वजह से आननफानन में दुकानें बंद हो गई। बांसगांव के बघराई में पहचान पत्र के रूप में फोटो लगे निवास प्रमाण पत्र को नहीं माना गया। इस वजह से कम से कम 20 लोग वोट नहीं दे सके।