-कानपुर कांड के बाद सिटी में बंद हुई मेडिकल व्यवस्था

-नर्सिग होम, प्राइवेट क्लीनिक, डायग्नोस्टिक सेंटर के साथ बंद रहेगी सरकारी ओपीडी

-डिमांड पूरी नहीं तो जारी रहेगा आंदोलन

GORAKHPUR: डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की ओपीडी बंद है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इमरजेंसी के अलावा कोई इलाज नहीं होगा। डॉक्टर्स की प्राइवेट क्लीनिक पर भी ताला लटका है। ब्लड सैंपल से लेकर अन्य टेस्ट के लिए भी लोगों को इंतजार करना होगा। ख्ब् घंटे इलाज की सुविधा मुहैया कराने वाले नर्सिग होम में भी डॉक्टर नहीं मिलेंगे। डेंटल चेकअप भी नहीं होगा। सोच रहे होंगे आखिर ऐसा कौन सा भूचाल आ गया। यह भूचाल कानपुर की घटना का साइड इफेक्ट है। जो ट्यूजडे को सिटी में देखने को मिलेगा। कानपुर में जूनियर डॉक्टर पर पुलिस की बर्बरता और सपा विधायक के खिलाफ गोरखपुर के सभी डॉक्टर लामबंद हो गए है। मंडे को भी आईएमए और आईडीए की गोरखपुर ब्रांच के साथ जीपी एसोसिएशन के मेंबर हड़ताल पर रहे।

वॉट्सएप, सोशल मीडिया ने किया एकजुट

यूथ के सबसे बड़े दोस्त बन चुके वॉट्सएप और सोशल मीडिया ने डॉक्टर्स के लिए दोस्ती का फर्ज अदा किया। कानपुर में डॉक्टर्स के साथ हुई घटना के विजुअल, फुटेज और मैसेज ने पूरे प्रदेश के डॉक्टर्स को एकजुट कर दिया। कुछ ही पल में फेसबुक पर अपलोड हुई फोटो भ्00 से अधिक लोगों ने शेयर की तो वॉट्सएप पर दिनभर कानपुर कांड ही चलता रहा। सोशल मीडिया के कारण कानपुर का लोकल मुद्दा पलभर में स्टेट लेवल का आंदोलन बन गया। कानपुर के पल-पल की खबर के मुताबिक अन्य डिस्ट्रिक्ट में हड़ताल का फैसला बढ़ता रहा। सोशल साइट पर डॉक्टर्स ने कानपुर मेडिकल कॉलेज में पुलिस द्वारा मारपीट, तोड़फोड़ के वीडियो और फुटेज अपलोड किए हैं।

ऐसे तो

कानपुर कांड के विरोध में गोरखपुर के सभी डॉक्टर एक साथ हड़ताल पर हैं। ऐसा पहली बार हुआ है, जब सभी डॉक्टर एक साथ विरोध कर रहे हैं। ऐसे में अगर किसी की तबीयत खराब हुई तो जान का खतरा भी हो सकता है, क्योंकि इलाज के नाम पर सिटी में एक भी डॉक्टर अपना क्लीनिक नहीं खोलेंगे। ऐसे में न तो डॉक्टर चेकअप करेंगे और न ही जरूरत पड़ने पर टेस्टिंग हो सकेगी। साथ ही जरूरत पड़ने पर पेशेंट को एडमिट भी नहीं किया जा सकेगा। मतलब साफ है कि प्रशासन की अनदेखी पब्लिक पर भारी पड़ सकती है।

विरोध में निकाला कैंडिल मार्च

कानपुर कांड के विरोध में मंडे को बीआरडी मेडिकल कॉलेज के गेट से डॉक्टर्स ने कैंडिल मार्च निकाला। कैंडिल मार्च में मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर के साथ सीनियर डॉक्टर, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन गोरखपुर के मेंबर, इंडियन डेंटल एसोसिएशन गोरखपुर के मेंबर, जीपी एसोसिएशन के मेंबर और पीएमएस के मेंबर मौजूद रहे। आईएमए के सेक्रेटरी डॉ। सुधीर कुमार ने बताया कि कानपुर कांड के विरोध में सभी डॉक्टर्स ट्यूजडे को चेतना तिराहे पर धरना प्रदर्शन करने के साथ ज्ञापन देंगे। कैंडिल मार्च में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। केपी कुशवाहा, डॉ। वाईडी सिंह, डॉ। वाई सिंह यादव, डॉ। आरपी त्रिपाठी, डॉ। वीरेंद्र कुमार गुप्ता, डॉ। महेंद्र अग्रवाल, डॉ। वीएन अग्रवाल, डॉ। सुरेश सिंह, डॉ। मनोज मल्होत्रा, डॉ। प्रसन्नजीत बनर्जी, डॉ। अनुराग श्रीवास्तव, डॉ। पीएन जायसवाल समेत ख्00 से अधिक डॉक्टर मौजूद रहे।

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के भरोसे हुआ इलाज

कानपुर कांड के विरोध में मंडे को आईएमए, आईडीए और जीपी एसोसिएशन हड़ताल पर रही। हड़ताल के चलते डॉक्टर्स की प्राइवेट क्लीनिक पर ताला लटका रहा। क्लीनिक न खुले होने से दूरदराज से आए लोगों ने अपने मरीजों का इलाज डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में कराया। क्ख्00 की ओपीडी वाले डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में हड़ताल के कारण मंडे को क्700 से अधिक ओपीडी रही, जबकि सैकड़ों मरीज बिना इलाज वापस लौट गए।

गिरफ्तार किए गए जूनियर डॉक्टर को बिना शर्त रिहा किया जाए। कानपुर के एमएलए इरफान सोलंकी को गिरफ्तार और एसएसपी को सस्पेंड किया जाए। जब तक डिमांड पूरी नहीं होगी, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।

डॉ। सुधीर कुमार, सेक्रेटरी आईएमए