- जेल में फीमेल कैदियों के हाथों से बने सामानों की लगाई गई एग्जिबिशन

- वेस्ट पेपर और बॉटल का यूज कर बनाए डेकोरेटिव आइटम्स

- पपेट शो ने किया दहेज उत्पीड़न पर करारा वार

GORAKHPUR : वेस्ट पेपर, बेकार बोतल और खराब कपड़े यह फेंकने की चीजें नहीं हैं। यह बातें सिखाई जेल में बंद उन हुनरबाजों ने, जो जाने-अनजाने अपनी जिंदगी के कुछ वक्त जेल में गुजारने को मजबूर हैं। इन हाथों में हुनर की तो कतई कमी नहीं है। यह बात सैटर्डे को डिस्ट्रिक्ट जेल देखने को भी मिली। जब जेल में बंद फीमेल कैदियों ने वेस्ट मैटेरियल का यूज कर हैंडमेड डेकोरेटिव आइटम्स बनाए। उनकी इस पहल को सीनियर सुप्रिटेंडेंट जेल एसके शर्मा ने एप्रिशिएट करते हुए एग्जिबिशन लगाई। इसका इनॉगरेशन बतौर चीफ गेस्ट पीके लाहिड़ी ने किया।

वेस्ट बॉटल को काट बनाया डेकोरेटिव फ्लावर

डिस्ट्रिक्ट जेल में ऑर्गेनाइज इस प्रोग्राम में बंद कैदियों के हुनर के काफी कद्रदान दिखे। सभी उन कैदियों की तारीफ किए बिना नहीं रह सके। आम तौर पर यूज कर फेंक दी जाने वाली वेस्ट बॉटल को उन्होंने घर पर सजाने वाले सामान में तब्दील कर दिया। बॉटल को टॉप साइड से काटकर उसको फूलों का रूप दिया और उन्हें पेंट कर एकदम आर्टिफिशियल फूल सा बना दिया। वहीं वेस्ट न्यूजपेपर और मैग्जीन का यूज कर उन्हें यूजफुल कैरीबैग और फ्लावर पॉट की शक्ल दी।

'दहेज' पर पेश किया पपेट शो

इस दौरान एक प्राइवेट एनजीओ की ओर से दहेज उत्पीड़न को लेकर पपेट शो ऑर्गेनाइज किया गया। जिसमें मेंबर्स ने शादी, उसके बाद ससुराल के नखरे, फिर प्रताड़ना और उसके बाद सजा तक को पपेट्स की जुबानी सबके सामने रखा। साथ ही इसमें किस तरह से लड़की की सास जेल की सजा काटने के बाद चेंज हो जाती है और लोगों को भी इससे बचने के लिए सजेशन देती है, इसे पपेट्स की जुबानी पेश किया गया। इस दौरान उन्होंने यह मैसेज भी दिया कि दहेज लेना और देना दोनों ही जुर्म है, इसलिए इससे बचें।